गाइडलाइंस का पालन नहीं करने पर आम आदमी पर जुर्माना, चुनावी रैलियों पर क्यों नही: हाई कोर्ट
नई दिल्ली। देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं और हर दिन एक नया रिकॉर्ड बना रहे हैं। वहीं राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा और चुनावी रैलियों के दौरान कोरोना की रोकथाम के लिए केंद्र सरकार के बनाए गए निर्देशों के खुलेआम उल्लंघन देखने को मिल रहा है। इसी मामले को आधार बनाकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
दिल्ली हाईकोर्ट में दायर अर्जी में कहा गया था कि केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए जो एसओपी यानी कि स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर जारी किया है उसका पालन न तो राजनीतिक दलों के नेता कर रहे है, और न ही चुनावी रैलियों के दौरान पालन हो रहा। इस अर्जी में मांग की गई है कि केंद्रीय चुनाव आयोग को निर्देश दिया जाए कि वह केंद्र सरकार के जारी किए गए निर्देशों का सख्ती से पालन करवाएं और इसके लिए राजनीतिक दलों और चुनाव की ड्यूटी में लगे अधिकारियों को निर्देश दें।
इस अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और केंद्रीय चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर 30 अप्रैल तक जवाब देने को कहा है। ये अर्ज़ी उस याचिका के साथ दायर की गई है जिसमें कहां गया था की एक तरफ आम आदमी से मास्क न लगाए जाने पर जुर्माना वसूला जा रहा है तो दूसरी तरफ राजनैतिक दलों दलों के राजनेता खुलेआम बिना मास्क के ही घूम रहे हैं और प्रचार प्रसार में लगे हुए हैं। यहां तक कि की राजनैतिक दलों की रैलियों में भी कहीं कोई नियम का पालन नहीं हो रहा।
17 मार्च को यूपी के पूर्व डीजीपी और थिंक टैंक सीएएससी के चेयरमैन विक्रम सिंह ने ये याचिका हाइकोर्ट में दायर की थी। कोर्ट ने उस याचिका पर 22 मार्च को सुनवाई करते हुए नोटिस जारी करके केंद्रीय गृह मंत्रालय और चुनाव आयोग से 30 अप्रैल तक अपना जवाब दायर करने का आदेश दिया था।