Friendship day : इस बार कोरोना काल में भी दोस्ती का रिश्ता होगा ख़ास
जिंदगी में दोस्ती ही वो रिश्ता है जिसे हम खुद ही चुनते हैं, बाकी दुनिया के तमाम रिश्ते हमारे ऊपर थोप दिए जाते हैं। शायद यही वजह है कि दोस्ती का रिश्ता सबसे खास होता है।
दोस्ती में मस्ती, प्यार और परवाह सब कुछ शामिल होता है। सोचिए कि एक दिन अगर आप अपने दोस्तों से नहीं मिलते हैं, तो कितने बेचैन हो जाते हैं और मौका मिलते ही उनके साथ हैंगआउट के लिए निकल जाते हैं।
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2 अगस्त को इंटरनेशनल फ्रेंडशिप डे है। आइए जानते हैं इस मौके पर आखिर कब से हुई इस दिन की शुरुआत।
अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस पर हर वर्ष अगस्त माह के पहले रविवार को मनाया जाता है। इस दिवस का विचार पहली बार 20 जुलाई 1958 को डॉ. रामन आर्टिमियो ब्रैको के मन में आया था।
हालांकि दोस्ती का त्योहार दुनियाभर में अलग-अलग दिन मनाया जाता है। लेकिन इसके पीछे की भावना दोस्ती की ही है।
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इस दिन दोस्त एक दूसरे को उपहार, कार्ड देते हैं। एक-दूसरे को फ्रेंडशिप बैंड बांधते हैं। दोस्तों के साथ पूरा दिन बिताकर अपनी दोस्ती को आगे तक ले जाने व किसी भी मुसीबत में एक दूसरे का साथ देने का वादा करते हैं।
आजकल यह दिन मनाने का तरीका भी हालांकि काफी आधुनिक हो चला है। नौजवान पार्टी करते हैं, बाहर घूमने जाते हैं। इस दिन दोस्त एक दूसरे से अपने गिले शिकवे दूर करते हैं। लेकिन कोरोना काल में इस बार ज्यादातर सेलिब्रेशन ऑनलाइन ही होगा।
आजकल वाट्सएप एवं फेसबुक जैसे सोशल मीडिया के वजह से यह दिवस बहुत लोकप्रिय हो रहा है। लॉकडाउन में घर से बाहर नहीं निकलने के कारण इस बार खासतौर से इसकी ऑनलाइन तैयारी की जा रही है।