गौ वंश की रक्षा एवं तीन सूत्रीय मांगों को लेकर गोबरधन रैली आयोजन 4 नवंबर को, जानिए पूरी खबर
जिला मुख्यालयों में रैली का होगा आयोजन, रायपुर जिले से 11 हजार पशु पालक रैली में होंगे शामिल
रायपुर । उजड़ते हुए गांव शहर की ओर भागते युवक जहरीले होते फल, सब्जी अनाज, बंजर होती जमीन एवं सड़कों पर घूमते लावारिस पशुधन प्रदेश के लिए समस्या बन गए हैं। इस समस्या के समाधान के लिए गौ ग्राम स्वालंबन का आयोजन प्रदेश के जिला मुख्यालयों में 4 नवंबर को गोबरधन रैली आयोजित कर खोजा जाएगा। रायपुर में उक्त रैली का आयोजन बूढ़ापारा धरनास्थल में किया गया है। गोबरखाद खेतों के अमृत है। गाय भारत की आत्मा है कृषि प्रधान देश को आज रसायनिक खादों की जरूरत नहीं है। गोबर खाद का उपयोग फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए सर्वोत्तम है। उक्त जानकारी प्रेस क्लब रायपुर में आयोजित गौ ग्राम स्वावलंबन अभियान के संरक्षक बिसरा राम यादव ग्राम संयोजक भुवनेश्वर साहू एवं गोबरधन रैली के संयोजक माधवलाल यादव ने पत्रकारवार्ता में दी।
पत्रकारवार्ता में यादव ने बताया कि रायपुर जिले से 11 हजार पशुपालक रैली में पहुंचेंगे। अभियान समिति के सदस्य सरकार से तीन सूत्रीय मांगों की पूर्ति के लिए प्रशासनिक अधिकारी को ज्ञापन सौंपेंगे। तीन मांगों में प्रमुख मांग है सरकार गाय के गोबर व गौ मूत्र को क्रमश: 5 रुपये एवं 10 रुपये किलो में खरीदे, शासन द्वारा रसायनिक खादों पर भारी भरकम दी जा रही सब्सिडी को आधा कर 50 प्रतिशत सब्सिडी गोबर खाद बनाने वालों व खरीदने वालों को दी जाए, तृतीय सहकारी समिति के माध्यम से गोबर खरीद कर जैविक खाद बनाने के लिए गोबर गैस प्लांटों की स्थापना की जाए एवं सोसाइटी के माध्यम से गोबर खरीदा जाए।
पत्रकावार्ता में शहरीय क्षेत्रों में घूमने वाली गौमाताओं एवं दुर्घटनाओं के दौरान मृत होने वाली गौ माताओं के पशु पालकों के खिलाफ भी अभियान चलाकर अपना गौधन घर में सुरक्षित रखने की जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी अपनी सरकार के माध्यम से नरवा, गरूवा, घुरूवा बाड़ी अभियान चला रहे हैं। मुख्यमंत्री से वार्ताकारों का आग्रह है कि उक्त तीन सूत्रीय मांगों को तत्काल पूर्ण किया जाए एवं शहरी क्षेत्रों में भी ग्रामों की तरह मॉडल आदर्श गौठान का निर्माण कर गौ धन को असमय होने वाली दुर्घटनाओं से बचाया जाए। पत्रकारवार्ता में ईश्वरी साहू गरियाबंद सहित समाज के अन्य सदस्य मौजूद थे।