फाइटर जेट तेजस बनाने वाली सरकारी कंपनी HAL में हिस्सा बेचेगी सरकार, जानिए क्या है पूरा प्लान
नई दिल्ली, एचएएल यानी हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड में सरकार अपनी हिस्सेदारी बेचने जा रही है. CNBC आवाज़ को मिली खबर के मुताबिक, सरकार ओएफएस यानी ऑफर फोर सेल के जरिए 10% तक हिस्सा बेचेगी. इसके ओएफएस के लिए फ्लोर प्राइस 1001 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है. नॉन रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए OFS गुरुवार को खुल जाएगा. आपको बता दें कि एचएएल नवरत्न कंपनी है. एचएएल को जून 2007 में नवरत्न कंपनी का दर्जा मिला था. उत्पादन के मूल्य के लिहाज से यह रक्षा क्षेत्र की सबसे बड़ी सरकारी कंपनी है.
यह कई तरह के उत्पाद बनाती है. इसके अलावा यह उत्पाद की डिजाइन, मरम्मत, मेंटेनेंस आदि का भी काम करती है. उसके उत्पादों की सूची में वायुयान, हेलिकॉप्टर्स, एयरो इंडिन, एवियॉनिक्स, एक्सेसरीज और एयरोस्पेस स्ट्रक्चर शामिल हैं.
एचएएल की खासियत यह है कि यह काफी हद तक अपनी रिसर्च पर निर्भर है. इसके अलावा कई उत्पादों के उत्पादन के लिए टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और लाइसेंस एग्रीमेंट भी किया है. कारोबार के विस्तार के लिए इसके 13 कमर्शियल ज्वाइंट वेंचर्स हैं.
#BreakingNews | HINDUSTAN AERONAUTICS LIMITED
— CNBC-AWAAZ (@CNBC_Awaaz) August 26, 2020
- सरकार OFS के जरिए 10% तक हिस्सा बेचेगी
- OFS का फ्लोर प्राइस `1001/Sh तय
- नॉन रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए OFS कल खुलेगा pic.twitter.com/nXRiyK03UJ
ओएफएस के बारे में जानिए-ओएफएस को ऑफर फॉर सेल कहते है. शेयर बाजार में लिस्टेपड कंपनियों के प्रमोटर्स अपनी हिस्सेदारी को कम करने के लिए इसका इस्तेमाल करते है. सेबी के नियमों के मुताबिक जो भी कंपनी ओएफएस जारी करना चाहती है, उसे इश्यू के दो दिन पहले इसकी सूचना सेबी के साथ-साथ एनएसई और बीएसई को देनी होती है.
इसके बाद इन्वेस्टर्स एक्सचेंज को जानकारी देकर इस प्रक्रिया में शामिल हो सकते हैं. इन्वेस्टर्स किस कीमत पर शेयर खरीदना चाहते हैं उसकी जानकारी उपलब्ध करानी होती है.
इन्वेस्टर अपनी बोली दाखिल करता है. उसके बाद कुल बोलियों के प्रस्तावों की गणना की जाती है और इससे पता चलता है कि इश्यू कितना सब्सक्राइब हुआ है. इसके बाद प्रक्रिया पूरी होने पर स्टॉक्स का अलॉटमेंट होता है.