आंगनबाड़ी खोलने सरकार ने जारी किया फरमान, भड़के बृजमोहन
रायपुर, छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री ने सोमवार से आंगनबाड़ी खोलने के छत्तीसगढ़ सरकार के निर्णय पर आपत्ति जताई है। मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहां कि सरकार 5 साल से कम उम्र के मासूम बच्चों एवं गर्भवती माताओं के साथ-साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहयोगियों की जिंदगी से खिलवाड़ करने पर तुली हुई है।
श्री अग्रवाल ने एक बयान जारी कर 7 सितंबर से आंगनबाड़ी खोलने के निर्णय को तुगलकी निर्णय बताते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण की बीमारी भयावह रूप से पूरे प्रदेश में अपना पैर पसार रही है हजारों हजार लोग रोज प्रभावित हो रहे है, अस्पतालों में बेड नहीं है, इलाज की व्यवस्था नहीं है। शहर से लेकर गांव तक संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है आज के इस स्थिति में प्रदेश का पूरा 28 जिला प्रभावित हो गया है। ऐसे समय में मासूम बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ करते हुए आंगनबाड़ी केंद्र खोलना किसी भी दिशा से उचित नहीं है।
श्री अग्रवाल ने कहा कि पूरे प्रदेश में एक एक कमरे में धनी बस्तियों के बीच आंगनबाड़ी केंद्र चल रहे हैं। उन केंद्रों में बच्चों को बुलाना व गर्भवती महिलाओं को बुलाना कहां तक उचित है। बच्चे और गर्भवती महिलाओं को एक कमरे के चल रहे आंगनबाड़ी केंद्र में सोशल डिसटेसिंग का पालन करवाना कैसा सम्भव होगा।
अग्रवाल ने कहा है कि पूरे प्रदेश में महिला बाल विकास के कर्मचारी व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कोविड-19 के तहत घर घर जाकर सर्वे के काम में लगी हुई है और जिनकी ड्यूटी इस काम में नहीं लगी है वह भी इस काम में लगे अन्य विभाग के अधिकारियों के साथ बस्तियों का सर्वे में सहयोग करते हुए उन्हें मोहल्लों में घुमा रही हैं। आप बताइए जो महिलाएं घर-घर घूम रही हैं सर्वे कर रही हैं, अनेक लोग इसके चलते कोविड से प्रभावित भी है व प्रभावित भी होंगे ,उनके जिम्मे बच्चों को भेजना गर्भवती महिलाओं को भेजना कहां तक उचित है।
श्री अग्रवाल ने कहा है कि प्रदेश के लगभग 51 हजार आंगनबाड़ी में भीड़ लगाकर कोरोना संक्रमण को और बढ़ाने के बजाय हितग्राहियों को घर घर मे गर्म भोजन पहुंचाया जाना चाहिए। बड़े बड़े कैम्पस में चलने वाले ,सर्वसुविधायुक्त स्कूल व कालेज ,कोचिंग सेंटर, जिसमे बड़े बड़े बच्चे पढ़ते है वह सब अभी 30 सितम्बर तक बंद है फिर एक एक कमरे में चल रहे अबोध बच्चों के आंगन बाड़ी केंद्र क्यो प्रारम्भ किया जा रहा है।
कही इस आड़ में विभाग बड़ा भ्रष्टाचार करने के फिराक में तो नहीं है क्योंकि 51 हजार के लगभग आंगनबाड़ी केंद्रों में कितने हितग्राही आ रहे हैं कितने नहीं आ रहे हैं इन्हें देखेगा कौन और इन्हीं की आड़ में सभी हितग्राहियों के नाम पर बड़ा खेल खेला जाएगा।