ब्याज दर पर घिरी सरकार: सीतारमण बोलीं- गलती से पास हुआ आदेश
नई दिल्ली, केंद्र सरकार ने आज अप्रैल-जून तिमाही के लिए छोटी बचत पर ब्याज दर कम करने के अपने फैसले को वापस ले लिया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने ट्वीट कर ये जानकारी दी. हालांकि अपने फैसले को बदलने को लेकर वह विपक्ष के निशाने पर आ गईं. सीतारण ने कहा कि ये फैसला गलती से लिया गया था.
Interest rates of small savings schemes of GoI shall continue to be at the rates which existed in the last quarter of 2020-2021, ie, rates that prevailed as of March 2021.
— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) April 1, 2021
Orders issued by oversight shall be withdrawn. @FinMinIndia @PIB_India
सीतारमण ने ट्वीट में क्या लिखा?
सीतारमण ने ट्वीट करके कहा, ‘’भारत सरकार की लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरें उन दरों पर बनी रहेंगी, जो 2020-2021 की अंतिम तिमाही में मौजूद थीं. ओवरसाइट की वजह से जारी आदेश वापस ले लिए जाएंगे.’’ इससे पहले एक फैसले में वित्त मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही के लिए लघु बचत दर में 3.5 प्रतिशत की कटौती की घोषणा की थी. जनवरी-मार्च के दौरान छोटी बचत दर सालाना 4 प्रतिशत थी.
जो आदेश सरकार ने वापस ले लिए-
आर्थिक मामलों के विभाग ने कहा था कि 1 साल की समय जमा दरों को 5.5 प्रतिशत से 4.4 प्रतिशत कर दिया गया है और 2-वर्ष, 3-वर्ष, 5-वर्ष की जमा दर में तिमाही आधार पर क्रमश: 5.0 प्रतिशत, 5.1 प्रतिशत और 5.8 प्रतिशत की कटौती की गई है. 5 साल की आवर्ती जमा को पिछले 5.8 प्रतिशत से 5.3 प्रतिशत तक घटा दिया गया था.
सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ), सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई ), राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र पर ब्याज दरों में वार्षिक आधार पर क्रमश: 6.4 प्रतिशत, 6.9 प्रतिशत और 5.9 प्रतिशत की कटौती की गई थी. किसान विकास पत्र पर ब्याज दर को घटाकर 6.2 प्रतिशत कर दिया गया था.