रायपुर में ट्रेनों में हो रही लूटपाट पर जीआरपी आरपीएफ का कोई नियंत्रण नहीं, जाने पूरा मामला
लिंक एक्सप्रेस में खिलाडिय़ों के साथ हुई खुलेआम लूट
रायपुर । केन्द्रीय रेल मंत्रालय एवं दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के जिम्मेदारों द्वारा आए दिन यात्रियों की सुरक्षा के लम्बे चौड़े दावे किए जाते हैं जबकि हकीकत कुछ और है। आए दिन लम्बी दूरी की गाडिय़ों में खुलेआम हो रही लूट पाट पर आरपीएफ एवं स्टेशन में हो रही लूट पर जीआरपी के जवानों का कोई नियंत्रण नहीं है। यात्रियों के अनुसार यात्रा के दौरान कुछ अघटित होता है तो उसकी जिम्मेदारी भी रेलवे के जिम्मेदारों ने यात्रियों पर डाल दी है। ट्रेन का सफर यात्रियों के लिए अब भगवान भरोसे हो गया है। यात्रियों की सुरक्षा के लिए कुछ समय पहले रेलवे मंत्रालय ने बोगियों में कप्तान तैनाती की घोषणा की थी। बोगियों में आरपीएफ के जवान एवं कप्तान का यात्रा के दौरान यात्रियों से कभी सामना नहीं होता। रात के समय जवान बोगियों में खोजे नहीं मिलते। हॉल ही में विशाखापट्नम कोरबा लिंक एक्सप्रेस में सवार भिलाई के खिलाडिय़ों को जिस तरह खमतराई आउटर पर सिंग्नल के इंतजार में खड़ी ट्रेन में लूटा गया वह रेलवे के दावों को खोखला साबित करता है। शहर में प्रवेश कर रही ट्रेन जब सुरक्षित नहीं है तब लम्बी दूरी की ट्रेनों में यात्रियों की सुरक्षा पर सवालिया निशान लगना लाजमी है। यात्रियों के अनुसार जहां रेलवे विभाग यात्रियों की सुविधा के लिए अत्याधुनिक संसाधनों से युक्त ट्रेन चलवा रही है। वहीं आम यात्रियों की सुरक्षा को ताक में रखकर केवल कमाई करना लोक कल्याणकारी गणराज्य की भावना के विरूद्ध है। यात्रियों ने केन्द्रीय रेल मंत्री से यात्रियों की सुरक्षा के संबंध में रेलवे के चारों जोन महाप्रबंधकों को तत्काल निर्देश देने की मांग की है।