सुप्रीम कोर्ट में 13 सितंबर को होगी EWS आरक्षण मामले में सुनवाई
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ 13 सितंबर ईडब्ल्यूएस के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण के मामले में सुनवाई करेगी। मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में सीनियर एडवोकेट गोपाल शंकर नारायण ने ड्राफ्ट मुद्दे का मसौदा पेश किया। कोर्ट ने कहा कि गुरुवार तक सभी पक्षकार अपने मुद्दे तैयार कर लें।
बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को आरक्षण संबंधी मामले की सुनवाई पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ करेगी। इस पीठ में न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी, न्यायमूर्ति एस रवीन्द्र भट्ट, न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला भी शामिल हैं।
प्रधान न्यायाधीश यू यू ललित की अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 13 सितंबर से सुनवाई की बात तब कही जब पीठ को बताया गया कि पक्षकारों के वकीलों को जिरह में करीब 18 घंटे का वक्त लगेगा। पीठ ने सभी वकीलों को आश्वस्त किया कि उन्हें जिरह आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त मौका दिया जाएगा। इसके साथ ही पीठ ने कहा कि वह 40 याचिकाओं पर निर्बाध सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए निर्देश देने के लिए गुरुवार को फिर बैठेगी।
गौरतलब है कि जनवरी, 2019 में संसद में संविधान में 103वें संशोधन को पारित किया गया था। इस संशोधन के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया है। इसके मुताबिक संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में खंड (6) सम्मिलित करके नौकरियों और शिक्षा में आर्थिक आरक्षण प्रदान करने का प्रस्ताव किया गया है।