क्योंकि जिला अस्पताल सहित उप स्वास्थ्य केंद्रों में नहीं है इंजेक्शन
महासमुंद | जिलेभर में एंटी रैबीज वैक्सीन नहीं होने से आमजनों के साथ स्वास्थ्य महकमा भी परेशान हैं। इन दिनों रोजाना कुत्ते व अन्य जानवरों के काटने की शिकायतें जिला अस्पताल सहित सामुदायिक स्वास्थ्य और उप स्वास्थ्य केंद्रों में मिल रही है। लेकिन ऐसे लोगों को अस्पताल पहुंचने से पहले ही बाजार से एंटी रैबीज इंजेक्शन की खरीदी करनी होगी। क्योंकि जिला अस्पताल सहित जिलेभर के स्वास्थ्य केंद्रों में यह वैक्सीन नहीं है। यही कारण है कि लोग परेशान हैं। पिछले दो महीने में जिला अस्पताल में करीब 63 मरीज पहुंचे, जिन्हें एंटी रैबीज वैक्सीन की जरूरत थी, लेकिन अस्पताल में वैक्सीन नहीं होने के कारण लोगों को बाजार से इसकी खरीदी करनी पड़ी। िजला चिकित्सालय अधीक्षक डॉ. आरके परदल ने भी इसकी पुिष्ट की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एंटी रैबीज वैक्सीन का टोटा है। पिछले दो माह से हम लगातार इसकी मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक यह अप्राप्त है। हालांकि उम्मीद है कि सप्ताहभर में यह वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी। जानकारी के अनुसार नयापारा वार्ड 6 निवासी केदारनाथ साहू 28 अक्टूबर को बाजार वार्ड निवासी अपने रिश्तेदार के यहां भाईदूज त्योहार मनाने गया था, तभी कुत्ते ने काट िलया। उपचार के लिए वह जिला चिकित्सालय पहुंचा, तो पता चला कि एंटी रैबीज वैक्सीन नहीं है। केदारनाथ ने 29, 30 अक्टूबर और 2 नवंबर को बाजार से वैक्सीन खरीदकर इंजेक्शन लगवाया। अगला इंजेक्शन 12 व 28 नवंबर को लगेगा। एक वैक्सीन की कीमत 350 रुपए है। इसके चलते आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।
वहीं महासमुंद निवासी 13 वर्षीय बालक रमेश (बदला हुआ नाम) को 7 अक्टूबर को कुत्ते ने काट लिया। वह अपने घर के पास ही खेल रहा था। परिजन रमेश को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन वहां वैक्सीन नहीं मिला। इसके बाद मेडिकल स्टोर से वैक्सीन की खरीदी की गई और बालक को लगाया गया। इसी प्रकार ग्राम कमरौद निवासी ईश्वर कामता(53 वर्ष) और महासमुंद निवासी चिंताराम राम साहू (45 वर्ष) को भी कुत्ते ने काट लिया। घटना के बाद ये भी अस्पताल पहुंचे, लेकिन वैक्सीन नहीं होने के कारण इन्हें बाजार से इसकी खरीदी करनी पड़ी। तब जाकर इन्हें एंटी रैबीज इंजेक्शन लग पाया।
हर महीने भेज रहे डिमांड, फिर भी नहीं मिली वैक्सीन
अस्पताल अधीक्षक डॉ.आरके परदल ने बताया कि पिछले दो-तीन माह से एंटी रैबीज वैक्सीन नहीं है। इसके लिए कई बार डिमांड भेजा जा चुका है। डॉ परदल ने बताया कि प्रदेशभर में इस वैक्सीन की किल्लत है। जिलेभर के अस्पतालों में रोजाना जानवरों के काटने से घायल लोग आते हैं, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिल पा रही है। यदि यही स्थिति रही तो वनांचल के लोगों की परेशान बढ़ जाएगी। वनांचल में हर एक दिन में भालू के हमले से घायल होने की सूचना मिल रही है। उम्मीद है कि सप्ताहभर में वैक्सीन मिल जाएगी।
दो महीने में 63 लोग शिकार
जंगली जानवर व कुत्ते के काटने से जिला चिकित्सालय में 63 लोग उपचार के लिए आ चुके हैं। सितंबर माह में 24 और अक्टूबर में 39 लोग अस्पताल पहुंचे। इनमें से किसी को भी जिला अस्पताल में वैक्सीन नहीं मिला। सभी ने बाजार से वैक्सीन खरीदा, जिसके बाद जिला अस्पताल में पीडि़तों को इंजेक्शन लगाया गया। जिला अस्पताल ही नहीं, सभी सामुदाायिक और उप स्वास्थ्य केंद्रों में भी यही स्थिति है।
अधीक्षक का कहना- लगातार कर रहे डिमांड, फिर भी राज्य से नहीं मिली वैक्सीन