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क्या आपका बच्चा भी पढ़ाई से जी चुराता है , तो अपनाएं ये पेरेंटिंग टिप्स

क्या आपका बच्चा भी पढ़ाई से जी चुराता है , तो अपनाएं ये पेरेंटिंग टिप्स
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कई बच्चों का पढ़ाई में मन नहीं लगता है और वो कोई न कोई बहाना बनाकर पढ़ाई से बचने की सोचते रहते हैं। इसका सीधा असर उनकी पढ़ाई पर पड़ता है। ऐसे में माता-पिता की चिंता बढ़ जाती है। 

अगर आपको भी लगता है कि आपका बच्चा पढ़ाई से बचने के लिए बहाने बनाता है और उसका पढ़ाई में बिलकुल भी मन नहीं लगता है तो आज हम आपको पेरेंटिंग के कुछ ऐसे टिप्स देने जा रहे हैं तो इस काम में आपकी मदद कर सकते हैं। 

साथ बैठें 

अपने बच्चे को पढऩे के लिए मोटिवेट करने का सबसे अच्छा तरीका है कि पढ़ाई करते समय आप भी उसके साथ बैठें। इस समय फोन या लैपटॉप में लगने की बजाय आप उसकी मदद करें या अपने ऑफिस का काम निपटा लें। 

नंबर नहीं, कुछ सीखने की उम्मीद दें 

अक्सर माता-पिता बच्चे को अच्छे नंबर लाने पर जोर देते हैं जबकि ऐसा करने बिलकुल गलत है। आपको अच्छे नंबर लाने की बजाय अपने बच्चे को सीखने के लिए प्रेरित करना चाहिए। उससे पूछें कि उसने स्कूल में क्या किया और आज क्या सीखा।

स्टडी शेड्यूल बनाएं 

अगर आप चाहती हैं कि आपका बच्चा सही समय पर पढ़ाई करे और उसे खेलने-कूदने का भी समय मिले तो उसके लिए एक स्टडी शेड्यूल तैयार करें। इसमे सिर्फ होमवर्क ही न करवाएं बल्कि क्लास में सिखाई और पढ़ाई गई चीजों के बारे में भी बात करें। 

बच्चे के लर्निंग स्टाइल को समझें 

आपके लिए ये समझना बहुत जरूरी है कि आपके बच्चे की सीखने और याद करने की क्षमता कैसी है। वो बोल-बोल कर याद करता है या लिखने से उसे जल्दी याद होता है। इससे आपको पढ़ाने में आसानी होगा।

बच्चों की बात भी सुनें 

अपने बच्चे की बात और विचारों को सुनना एवं उसे महत्व देना बहुत जरूरी है। इससे उसमें आतमविश्वास आएगा। अपनी बात को सही ठहराने के गुर भी आप उसे सिखाएं। 

फेलियर पर न करें गुस्सा 

जिंदगी में हार-जीत को चलती रहती है और पढ़ाई में फेल होने का बोझ बच्चे पर डालना बहुुत गलत है। अगर आपके बच्चे के कम नंबर आते हैं उसे डांटे नहीं और न ही उसके दोस्तों या किसी और के आगे शर्मिंदा करें । बच्चे को दोबारा कोशिश करने और बेहतर परफॉर्म करने के लिए मोटिवेट करें। 

कोई लालच न दें 

बच्चों को पढऩे के लिए प्रेरित करने का सबसे सकारात्मक तरीका है कि आप उनकी तारीफ करें। हालांकि, आपको उन्हें कोई रिश्वत या लालच नहीं देना चाहिए। अगर आप उसे कोई लालच देकर पढऩे के लिए बैठा दें तो वो उस समय तो पढ़ लेगा लेकिन उसके मन में पढ़ाई को लेकर कोई रुचि पैदा नहीं हो पाएगी। 

इन आसान-सी बातों का ध्यान रखकर आप भी अपने बच्चे की पढ़ाई में मदद कर सकते हैं।

 

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