अगर आप होम आइसोलेट हैं तो आपके लिए जरूरी खबर
कोरोनावायरस से संक्रमित हुए 66 फीसदी लोग होम आइसोलेशन में है। ऐसे में जरुरी यह हो जानना जरुरी हो जाता है कि होम आइसोलेशन को लेकर चिकित्सीय गाइडलाइन क्या है और अगर आप कोरोना पॉजिटिव होने के बाद होम क्वारेंटाइन है तो आपको किन सावधानियों का पालन करना है।
संक्रमित व्यक्ति घर में कैसे रहे-
होम आइसोलेशन के संबंध में कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुसार स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार संक्रमित व्यक्ति एक अलग हवादार बाथरूम अटैच कमरे में रहना चाहिए। आइसोलेशन अवधि में संक्रमित व्यक्ति न तो अपने कमरे से बाहर निकले, व्यक्तियों से सीधे सम्पर्क में न आये और अपने कमरे में ही खाना खाये। वह अपने कपड़ों, दरवाजे का हेण्डल, बिजली के बटन, बाथरूम आदि की सफाई एक प्रतिशत सोडियम हाईपोक्लोराइड साल्यूशन से करे। अपने खाने के बर्तन भी स्वयं ही साफ करे।
होम आइसोलेशन के दौरान संक्रमित व्यक्ति घर के सभी सदस्यों,विशेषकर वृद्ध, गर्भवती महिलाएँ और बच्चों से दूरी बनाये रखें। किसी भी सामाजिक और धार्मिक कार्य में सम्मिलित न हों। संक्रमित व्यक्ति के किसी कार्यक्रम में शामिल होने से कोरोना मरीजों की एक नई श्रृंखला बन जाएगी। संक्रमित व्यक्ति पर्याप्त आराम करें, क्योंकि कोरोना में कमजोरी काफी आती है,आराम से जल्दी ठीक होंगेे।
दूसरों को करें सावधान-
होम आइसोलेशन में रह रहे संक्रमित व्यक्ति अपने सम्पर्क में आये सभी व्यक्तियों को संक्रमण की जानकारी दूरभाष पर तुरंत दें। सम्पर्क में आये हुए परिचितों को अपने सम्पर्क दिनांक से 5वें से 10वें दिन के बीच जाँच कराने की सलाह दें। कोरोना से संबंधित जानकारी के लिये हेल्पलाइन 104 और 1075 लगातार 24 घंटे कार्यरत हैं।
परिजन रखे यह सावधानी-
कोरोना संक्रमित व्यक्ति के घर वाले भी सावधानियाँ बरतें। वृद्ध संक्रमित व्यक्तियों की देखभाल घर के युवा सदस्य तीन परतों वाला मास्क पहनकर ही करें। भोजन, पानी, दवाइयाँ आदि देते समय दूरी बनाये रखें। न तो घर से बाहर निकलें और न किसी को घर में प्रवेश करने दें। देखभाल के दौरान सर्दी, खाँसी, बुखार, गले में खराश आदि होने पर समीप के फीवर क्लीनिक में तुरंत जांच कराए।
अस्पताल जाने की आवश्यकता है तो-
अगर कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति में उपर दिए गए लक्षण पाए जा रहे है और व्यक्ति को अस्पताल ले जाने की आवश्यकता है तो जिला कोविड कंट्रोल एवं कमाण्ड सेंटर से चर्चा कर उपलब्ध बिस्तर के आधार पर स्वयं के वाहन से चिन्हांकित केन्द्रों पर जा सकते हैं। स्वयं का परिवहन न होने पर 108 एम्बुलेंस परिवहन व्यवस्था का लाभ लिया जा सकता है। परिवहन के दौरान वाहन में मास्क का प्रयोग और हाथ का सेनेटाइज होना अनिवार्य है। वाहन की खिड़कियाँ खुली रखें और ड्रायवर से दूरी बनाकर रखी जाये। बंद एवं वातानुकूलित वाहनों का उपयोग नहीं किया जाये। इसी तरह ड्रायवर भी मास्क एवं दास्तानों का उपयोग करें। यथासंभव वाहन में ड्रायवर के अतिरिक्त 2 से अधिक व्यक्ति सफर न करें।