बदले की भावना से पुलिस वाले ने किया था 10 वर्षीय नाबालिग से दुष्कर्म, आरोपियों को हुई 30 साल की सजा...
बिलासपुर। तोरवा थाने में साल 2017 में दर्ज नाबालिग से गैंग रेप के मामले में शुक्रवार देर शाम बिलासपुर एडीजे संजीव तामक की अदालत से फैसला आया है। जिसमें चारों आरोपियों को दोषी पाया गया है। मिली जानकारी के अनुसार साल 17 फरवरी 2017 में तोरवा थाने में एक दस वर्षीय मासूम ने इस बात की शिकायत दर्ज करवाई थी कि उसके साथ चार लोगों चरण सिंह चौहान पिता नारायण सिंह चौहान देवरीडीह उम्र 28 साल, ईश्वर धु्रव पिता जेठू धु्रव उम्र 25 साल देवरी खुर्द, फेकू उर्फ नागेश्वर रजक पिता उमेंद्र रजक देवरी खुर्द और मनोज वाडेकर पिता सुरेश वाडेकर 30 साल ने अनाचार किया है। इसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई आरंभ की थी। इसमें दो आरोपियों चरण सिंह चौहान और ईश्वर ध्रुव की गिरफ़्तारी 24 घंटे के भीतर हो गई थी, जबकि एक अन्य फेंकू उर्फ नागेश्वर रजक की गिरफ़्तारी 23 फऱवरी को हुई थी, इस पूरे प्रकरण के प्रमुख आरोपी की गिरफ़्तारी में पुलिस को कऱीब एक महिने का समय लगा, और मनोज वाडेकर की गिरफ़्तारी 22 मार्च को हुई ।
बदले की भावना से-
मिली जानकारी के अनुसार चारों आरोपी अवैध शराब का कारोबार करते थे। ऐसे में मासूम के पिता ने इनकी शिकायत पुलिस से की थी। इस बात का बदला लेने के लिए चारों आरोपी मासूम को उठाकर चेकडेम की ओर से ले गए थे जहां उसके साथ अनाचार किया था।
किसको कितनी सजा-
1. चरण सिंह चौहान- 25 वर्ष
2. ईश्वर ध्रुव- 30 वर्ष
3. नागेश्वर- 30 वर्ष
4. मनोज वाडेकर- 30 वर्ष