BIG BREAKING : ISRO ने दुनिया में फिर अपनी तकनीक का लोहा मनवाया, ISRO ने लॉन्च किया PSLV-C49 रॉकेट, पढ़ें पूरी खबर
नई दिल्ली | भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने दुनिया में एक बार फिर अपनी तकनीक का लोहा मनवाया | इसरो ने दोपहर 3 बजकर 2 मिनट पर PSLV-C49 के जरिए 10 उपग्रहों (Satellites) को लॉन्च किया | यह लॉन्च श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से किया गया है | इसमें से 9 अंतरराष्ट्रीय उपग्रह हैं, जबकि एक भारत का अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट (EOS-01) है | प्रक्षेपण की उलटी गिनती शुक्रवार को शुरू हो गई थी |
#ISRO #EOS01
— ISRO (@isro) November 7, 2020
All nine customer satellites successfully separated and injected into their intended orbit#PSLVC49 pic.twitter.com/rrtL3sVAI3
इस लॉन्च में प्राइमरी सैटलाइट EOS01 एक रेडार इमेजिंग सैटलाइट (RISAT) है | यह अडवांस्ड रिसैट है जिसका सिंथैटिक अपरचर रेडार बादलों के पार भी देख सकेगा | इन सभी सैटेलाइट को न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड के साथ एक कॉमर्शियल एग्रीमेंट के तहत लॉन्च किया गया है | इस बारे में वैज्ञानिकों का कहना है कि सैटेलाइट 'EOS-01', अर्थ ऑब्जरवेशन रिसेट सैटेलाइट की एक एडवांस्ड सीरीज है |
PSLV-C49 रॉकेट बनेगा भारत की खुफिया आंख
- रॉकेट का प्राथमिक पेलोड भारत का राडार इमेजिंग उपग्रह EOS-01 है, यह RISAT-2BR2 उपग्रह है जिसका नाम बदलकर EOS 01 रखा गया हैं |
- EOS-01 अडवांस्ड अर्थ ऑब्जरवेशन उपग्रह है जिसका सिंथेटिक एपर्चर रडार (SAR) दिन और रात की परवाह किए बिना बादलों को भेद कर भी हाई रेसोलुशन की तस्वीर लेने में सक्षम है |
- वैज्ञानिकों का कहना है कि भारत की नई आंख अंतरिक्ष से सेना की निगरानी क्षमता को बढ़ावा देगी और सुरक्षा बलों को चीन के साथ LAC स्टैंड-ऑफ के बीच सीमाओं पर नजर रखने में मदद करेगी |
- इसके साथ ही ये रॉकेट ईओएस -01 का उपयोग कृषि, वानिकी, मिट्टी की नमी, भूविज्ञान, तटीय निगरानी और बाढ़ निगरानी जैसे नागरिक अनुप्रयोगों के लिए भी किया जाएगा |
- PSLV C49 लॉन्च के तुरंत बाद ISRO PSLV C50 के माध्यम से अपने बहुप्रतीक्षित GSAT-12R उपग्रह को लॉन्च करेगा और फिर GISAT-1 सैटेलाइट को GSLV रॉकेट के ज़रिये प्रक्षेपित किया जाएगा |