संयुक्त संचालक समाज कल्याण विभाग ने करोड़ों का किया घोटाला-शुक्ला, जाने पूरी खबर
रायपुर | छत्तीसगढ़ शासन के समाज कल्याण विभाग में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर संयुक्त संचालक के पद तक पदोन्नत होने वाले पंकज वर्मा द्वारा दिव्यांगों एवं निराश्रितों के लिए वित्त विभाग द्वारा आबंटित करोड़ों की राशि में घोटाला किया गया। दसवीं पास पंकज वर्मा ने उत्तर प्रदेश के संस्थान से फिजियोथैरेपिस्ट का फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर शासकीय सेवा में 1998 में आने के बाद छत्तीसगढ़ शासन को दिव्यांगों, निराश्रितों एवं वृद्धजनों के लिए स्वीकृत राशि में फर्जीवाड़ा कर शासन को चूना लगाया। उक्त आरोप वर्मा पर सामाजिक कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला ने प्रेसक्लब रायपुर में आयोजित पत्रकारवार्ता में लगाया। पत्रकारवार्ता में शुक्ला ने बताया कि दसवीं पास पंकज के पास महंगी गाडिय़ां हैं। निजी गाडिय़ों को चलवाने के लिए चार वाहन चालक शासकीय राशि से वेतन देकर रखे गए हैं। दिल्ली से आए दिन हवाई यात्रा शासकीय काम से दिखाकर वर्मा शासन को गुमराह कर रहा है। वर्मा चारों वाहनों में हर माह लाखों रूपए का डीजल डलवाता है। शुक्ला ने बताया कि पंकज वर्मा ने फर्जी संस्था राज्यश्रोत नि:शक्तजन संस्थान माना कैम्प रायपुर में शासकीय योजनाओं के करोड़ों रूपए को अपने खाता क्रमांक 63000040517162 में डालकर जमा कर रहा है। उक्त आहरित राशि का आहरण भी नहीं किया गया है। जिसके चलते शासन को अरबों रूपए का नुकसान हुआ है। शुक्ला ने बताया कि वर्मा ने यूरोपियन कमीशन राज्य साझेदारी कार्यक्रम में 50 लाख का फर्जी बिल बनाकर गमन किया। माना कैम्प की फर्जी संस्था में 5 हजार करोड़ रूपए में आरटीजीएस के लिए स्थानांतरित किया।