बस्तर, सरगुजा, बिलासपुर संभाग के लिए होगा कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड का गठन
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने रेडियोवार्ता में कहा कि वनांचलों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों आदिवासी युवाओं को प्राथमिकता से रोजगार देने के लिए राज्य सरकार ने अनेक बड़े कदम उठाएं है। बस्तर, सरगुजा तथा बिलासपुर संभाग के लिए कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड के गठन का निर्णय लिया गया है। बस्तर, सरगुजा संभाग की तरह कोरबा जिले में जिला संवर्ग के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों की पूर्ति स्थानीय लोगों से करने की समय-सीमा बढ़ा दी गई है। विशेष पिछड़ी जनजातियों के युवाओं को स्थानीय स्तर पर नौकरी देने के लिए नियमों को शिथिल किया गया है। प्री-मैटिक छात्रावास एवं आवासीय विद्यालयों, आश्रमों के बच्चों की शिष्यवृत्ति बढ़ाकर 1000 रूपए प्रतिमाह की गई है। प्रदेश में 16 नवीन एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय शुरू किए गए है। मैट्रिकोत्तर छात्रावास के विद्यार्थियों की छात्र भोजन सहाय राशि 500 रूपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 700 रूपए प्रतिमाह की गई है। हॉट बाजारों में चिकित्सा सुविधा दी जा रही है। सुपोषित छत्तीसगढ अभियान, ‘मेहरार चो मान‘ जैसे कार्यक्रम लोक अभियान बनकर आदिवासी अंचलों में लोगों की जुबान पर चढ़ गए हैं।