संन्यास के बाद कपिल देव की सलाह काम आई: द्रविड़
नई दिल्ली। पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ ने कहा कि महान ऑलराउंडर कपिल देव की सलाह ने उन्हें संन्यास के बाद विकल्प तलाशने में मदद की। कपिल की सलाह के के बाद उन्होंने भारत ए और अंडर-19 टीमों के कोचिंग पद की जिम्मेदारी संभाली। द्रविड़ ने कहा कि वह थोड़े भाग्यशाली भी रहे कि अपने करियर के अंत में वह इंडियन प्रीमियर लीग की टीम राजस्थान रायल्स (क्रक्र) में कप्तान-सह-कोच की भूमिका निभा रहे थे।
द्रविड़ ने कहा, खेलना बंद करने के बाद बहुत ही कम विकल्प थे और मुझे पता नहीं चल रहा था कि क्या करना चाहिए। तो कपिल देव ही थे जिन्होंने मुझे सलाह दी और ऐसा मेरे करियर के अंत के दौरान ही हुआ था।
उन्होंने कहा, मैं उनसे कहीं मिला और उन्होंने कहा, राहुल सीधे जाकर कुछ भी मत करो, पहले कुछ समय सिर्फ देखो और अलग अलग चीजें करो और फिर देखो कि तुम्हें वास्तव में क्या पसंद है। मुझे लगा कि यह अच्छी सलाह है। इस महान क्रिकेटर ने कहा कि शुरू में उन्हें कॉमेंटरी करना पसंद आया था, लेकिन बाद में उन्हें लगा कि वह खेल से थोड़े दूर हैं।
द्रविड़ ने कहा, मुझे जो चीज सबसे ज्यादा संतोषजनक लगती है वो खेल से जुड़े रहना है और खिलाडिय़ों के साथ संपर्क में रहना थी। मुझे कोचिंग जैसी चीज बहुत पसंद थी और जब मेरे पास मौका आया तो मैं भारत ए और अंडर-19 टीमों के साथ जुड़ गया। उन्होंने कहा, मुझे लगा यह शुरुआत करने के लिए अच्छी जगह थी और मैंने इसे स्वीकार कर लिया और मैंने अब तक इसका काफी लुत्फ उठाया है। मुझे कोचिंग करना काफी ज्यादा संतोषजनक लगता है।
भारत के लिए 1996 से 2012 के बीच 164 टेस्ट में 13,288 रन बनाने वाले इस महान बल्लेबाज ने कहा, विशेषकर कोचिंग का विकास करने में मदद करने वाला हिस्सा, भले ही इसमें भारत ए टीम हो, अंडर-19 टीम या फिर एनसीए (राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी)। इससे मुझे काफी सारे खिलाडिय़ों से काम करने का मौका मिला और इसमें मुझे तुरंत नतीजे की चिंता भी नहीं थी जो मुझे लगता है कि मेरे लिए काम करने के लिये अच्छा था।