महाशिवरात्रि: जानिए महाशिवरात्रि से जुडी कुछ जरूरी जानकारिया, संशय को करे अब दूर...
आज हम आपको बताएंगे महाशिवरात्रि से जुडी कुछ विशेष जानकारिया| चतुर्दशी तिथि भगवान शिव की तिथि है। चतुर्दशी तिथि को ही शिवरात्रि होती है। फाल्गुन के महीने की शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है। महाशिवरात्रि पर्व की तिथि को लेकर कुछ लोग संशय में हैं। आइए जानते हैं महाशिवरात्रि की सही तिथि क्या है?
कब मनाई जाएगी महाशिवरात्रि?
इस साल जो महाशिवरात्रि है वह 21 फरवरी को है। 21 तारीख को शाम को 5 बजकर 20 मिनट पर त्रयोदशी तिथि समाप्त हो जाएगी और चतुर्दशी तिथि शुरू होगी।
महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त-
21 फरवरी को ये शिवरात्रि शाम को 5 बजकर 20 मिनट से शुरु होकर शनिवार 22 फरवरी को शाम 7 बजकर 2 मिनट तक रहेगी। रात्रि की पूजा शाम को 6 बजकर 41 मिनट से शुरू होकर रात 12 बजकर 52 मिनट तक होगी. शिवरात्रि में जो रात का समय होता है उसमें चार पहर की पूजा होती है।
व्रत खोलने का समय-
21 फरवरी को त्रयोदशी के दिन जो लोग पूजन नहीं कर पा रहे हैं तो वे 22 फरवरी को भी चतुर्दशी के समय तक शिव का पूजन कर सकते हैं। मंदिरों में 22 फरवरी को भी धूमधाम से शिव का पूजन किया जाएगा। शिवरात्रि तभी मनानी चाहिए जिस रात्रि में चतुर्दशी तिथि हो। शिवरात्रि का व्रत रखने वाले अगले दिन 22 फरवरी को सुबह 6 बजकर 57 मिनट से लेकर दोपहर 3 बजकर 22 मिनट तक पारण कर सकते हैं।
महाशिवरात्रि की पूजा विधि-
शिव रात्रि को भगवान शंकर को पंचामृत से स्नान कराएं। केसर के 8 लोटे जल चढ़ाएं। पूरी रात्रि दीपक जलाएं। चंदन का तिलक लगाएं।
तीन बेलपत्र, भांग धतूर, तुलसी, जायफल, कमल गट्टे, फल, मिष्ठान, मीठा पान, इत्र व दक्षिणा चढ़ाएं. सबसे बाद में केसर युक्त खीर का भोग लगा कर प्रसाद बांटें।
पूजा में सभी उपचार चढ़ाते हुए ॐ नमो भगवते रूद्राय, ॐ नमः शिवाय रूद्राय् शम्भवाय् भवानीपतये नमो नमः मंत्र का जाप करें।