BIG BREAKING : सी.पी. राधाकृष्णन होंगे भारत के नए उपराष्ट्रपति    |    साय कैबिनेट की बैठक खत्म, लिए गए कई अहम निर्णय    |    CG Accident : अनियंत्रित होकर पेड़ से टकराई तेज रफ्तार कार, युवक-युवती की मौके पर ही मौत, 3 की हालत गंभीर    |    Corona Update : छत्तीसगढ़ में फिर डराने लगा कोरोना, इस जिले में एक ही दिन में मिले इतने पॉजिटिव मरीज    |    प्रदेशवासियों को बड़ा झटका, बिजली दरों में हुई बढ़ोतरी, जाने प्रति युनिट कितने की लगेगी चपत    |    छत्तीसगढ़ में बढ़ा कोरोना का खतरा: 20 दिनों में 3 मौतों के बाद प्रशासन अलर्ट मोड पर    |    Ration Card के बदले रोजगार सहायक की Dirty Deal, बोला- ‘पहले मेरे साथ शारीरिक संबंध बनाओ फिर मिलेगा राशन कार्ड    |    छत्तीसगढ़ में तेजी से पांव पसार रहा कोरोना, रायपुर में सबसे ज्यादा केस, राज्य में कुल 45 एक्टिव केस    |    Corona Update : देशभर में फिर बढ़ने लगा कोरोना का कहर, राजधानी में एक्टिव केस 700 के पार, अब तक 7 की मौत…    |    Corona Update: छत्तीसगढ़ में बढ़ी कोरोना की रफ्तार: रायपुर में 11, प्रदेश में 17 नए पॉजिटिव, एक्टिव केस 50 के पार    |

मोदी निर्मित है खाद का संकट : धनंजय सिंह

मोदी निर्मित है खाद का संकट : धनंजय सिंह
Share

रायपुर, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने खाद्य संकट को मोदी निर्मित आपदा करार देते हुए कहा कि मोदी सरकार किसान विरोधी तीन काला कृषि कानून को लागू करने में असफल होने के बाद देशभर के किसानों को खरीफ एवं रवि फसल लगाने के समय रासायनिक उर्वरकों की आपूर्ति में बाधा उत्पन्न कर किसानों से दुश्मनी निकाल रही है।
मोदी सरकार बजट में खाद सब्सिडी में कटौती नही करती तो देश भर में खाद की किल्लत नही होती। मोदी सरकार तीन काले कृषि कानून लागू कर किसानों को सरकारी खजाना से मिलने वाले 1लाख 80 हजार करोड़ के खाद्य सब्सिडी और किसानों के उपज की सरकारी खरीदी में खर्च होने वाले लाखो करोड़ की देनदारी से बचना चाहती थी, और देशभर की किसानों को अपने चन्द पूंजीपति मित्रों का गुलाम बनना चाहती थी। लेकिन कांग्रेस और किसानों के विरोध के बाद असफल हो गई और तीन काले कानून को वापस लेने मजबूर हो गई।
मोदी सरकार ने किसानों को मिलने वाले खाद्य सब्सिडी के बजट में अभी 25 प्रतिशत की कटौती की है और पूर्व बजट में 35 प्रतिशत की कटौती किया था स्वभाविक सी बात है देश के किसानों को खाद्य सब्सिडी आधारित मिलती है जब केंद्र सरकार खाद्य सब्सिडी में ही लगभग 80हजार करोड रुपए की कमी कर दिया है तो खाद सब्सिडी की कटौती का असर राज्यों को मांग के अनुरूप कटौती के रूप में दिखेगा।
छत्तीसगढ़ के लिए रवि फसल के लिए 7 लाख 50हजार मीट्रिक टन सभी प्रकार की खाद मांग गई थी लेकिन केंद्र सरकार ने 4 लाख 11 हजार मीट्रिक टन खाद देने की सहमति दी और मात्र 3 लाख 20 हजार मैट्रिक टन सभी प्रकार के खादो की आपूर्ति ही की गई जो मांग की आधा से भी कम है। स्वभाविक बात है इससे खाद की किल्लत उत्पन्न होगी और छत्तीसगढ़ ही नहीं मध्य प्रदेश उत्तर पदेश सहित भाजपा शासित राज्यों में भी किसान मोदी निर्मित खाद संकट से जूझ रही हैं भाजपा शासित राज्यों में खाद मांगने वाले किसानों के ऊपर लाठियां चलाई जा रही है एफआईआर तक दर्ज किया जा रहा है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार जिस प्रकार से किसान विरोधी कृत्यों में लगी हुई है खाद्य सब्सिडी में कटौती कर रही है और किसानों को एमएसपी की गारंटी देने से भाग रही है। साथ ही मोदी सरकार ने जो किसानों से जो वादा किया था कि स्वामीनाथन कमेटी के सिफारिश के अनुसार लागत मूल्य का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने एवं 2022 में किसानों की आमदनी बढ़ाने का वादा पूरा होते दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहा है।मोदी सरकार के किसान विरोधी चरित्र से ऐसा लगता है कि वह दिन दूर नहीं है जब मोदी सरकार किसानों के लिए यह नियम न बना दे कि अब किसानों को खेतो में हल चलाने से पहले फसल लगाने के लिए भी मोदी सरकार से अनुमति लेनी होगी।

 


Share

Leave a Reply