राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का हुआ आगाज, मुख्यमंत्री बघेल ने राहुल गांधी को पहनाई माड़िया सींग
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में शुक्रवार से शुरू हुए राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में शामिल होने के लिए पहुंचे कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बिना सबको लिए हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था को नहीं चलाया जा सकता है। राहुल गांधी ने कहा कि भाई से भाई को लड़ाकर देश को फायदा नहीं हो सकता है। सबको साथ लेकर ही चलना होगा।
देश की हालत, किसानों की समस्या, आत्महत्या, अर्थव्यवस्था की हालत, बेरोजगारी की हालत आप जानते हो, दोहराने की जरूरत नहीं है।
साइंस कॉलेज मैदान में शुरू हुए तीन दिवसीय नृत्य महोत्सव में राहुल गांधी ने कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार आपके साथ मिलकर काम कर रही है। जो पहले यहां हिंसा हुआ करती थी, उसमें कमी आई है। यह सरकार लोगों की आवाज सुनती है। विधानसभा में सबकी आवाज सुनाई देती है। सरकार चलाने में आपके विचारों को शामिल किया जा रहा है। तेंदुपत्ता, सुपोषण, जमीन वापसी को लेकर सरकार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि यहां दूर-दूर से आदिवासी भाई आए हैं। यह पहला कदम है, बहुत अच्छा कदम है।
आदिवासियों के सामने देश में बहुत समस्याएं हैं। मैं एक बात कहना चाहता बिना सबको लिए हर धर्म, जाती, आदिवासी, दलितों को लिए बिना हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था नहीं चलाई जा सकती। जब तक इस देश को जोड़ेंगे नहीं, यह देश आगे नहीं बढ़ेगा। मैं हर भाषण में कहता हूं कि अर्थव्यवस्था को आदिवासी-किसान चलाते हैं। अगर आप पूरा पैसा कुछ लोगों को दे दोगे, नोटबंदी करोगे, गलत जीएसटी लागू करोगे तो अर्थव्यवस्था नहीं चल सकती है।
39 जनजातियों के कलाकारों के दल 43 से अधिक नृत्य शैलियों में प्रस्तुति देंगे
इससे पहले आदिवासी कला और संस्कृति के रंग में सजे राष्ट्रीय आदिवासी महोत्सव का आगाज हुआ। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने माड़िया गौड़ सींग पहनाकर राहुल गांधी का स्वागत किया। छत्तीसगढ़ में पहली बार राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इसने अब अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव का रूप ले लिया है। तीन दिवसीय इस नृत्य महोत्सव में देश के 25 राज्य और केंद्र शासित राज्यों के साथ ही 6 देशों के करीब 1350 से अधिक कलाकार अपनी जनजातीय कला संस्कृति का प्रदर्शन करेंगे।
इस महोत्सव में 39 जनजातीय प्रतिभागी दल 4 विभिन्न विधाओं में 43 से अधिक अपनी नृत्य शैलियों का प्रदर्शन करेंगे। महोत्सव में भारतीय राज्यों के अलावा बांग्लादेश, श्रीलंका, थाईलैंड, यूगांडा, बेलारूस और मालदीव के कलाकार भी शामिल हो रहे हैं। प्रदेश के संस्कृति विभाग द्वारा जारी प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार महोत्सव के प्रथम दिन की शुरुआत विवाह और अन्य संस्कार, पारंपरिक त्यौहार व अनुष्ठान, फसल कटाई व कृषि और अन्य पारंपरिक विधाओं पर नृत्य प्रतियोगिताएं होंगी। असम के कलाकारों द्वारा बागरूंगा नृत्य प्रस्तुत की जाएगी। तेलंगाना के कलाकारों द्वारा कोया नृत्य, झारखण्ड के कलाकारों द्वारा छाऊ नृत्य, ओड़िसा के कलाकारों द्वारा सिंगारी नृत्य और गुजरात के कलाकरों द्वारा सिद्दी नृत्य प्रस्तुत की जाएगी।