2010 से अलग और खतरनाक है नया एनपीआर, चिदंबरम ने मोदी सरकार को घेरा
नईदिल्ली। संशोधित नागरिकता कानून का हंगामा अभी शांत भी नहीं हुआ था कि अब राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी)और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को लेकर घमासान तेज हो गया है. केंद्र सरकार की ओर से एनपीआर को मंजूरी मिलने के बाद से बढ़े विवाद पर कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की है|
चिदंबरम ने कहा है कि बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार के पास एक बड़ा और भयावह एजेंडा है. यही कारण है कि उनके द्वारा अनुमोदित एनपीआर, 2010 के एनपीआर और उसके टेक्स्ट से बहुत ही अलग और खतरनाक है.
चिदंबरम ने ट्वीट करते हुए कहा, मुझे खुशी है कि बीजेपी ने 2010 में एनपीआर के लॉन्च का एक वीडियो क्लिप जारी किया है. कृपया वीडियो सुनें, हम देश के सामान्य निवासियों की गणना कर रहे थे. जोर रेजीडेंसी पर था न कि नागरिकता पर. उन्होंने कहा कि प्रत्येक सामान्य निवासी को अपने धर्म या जन्म स्थान से बेपरवाह होना चाहिए. एनपीआर ने 2011 की जनगणना की तैयारी का समर्थन किया. एनआरसी का कोई उल्लेख नहीं था.
चिदंबरम ने कहा, अगर बीजेपी की मंशा ईमानदार है, तो सरकार बिना शर्त बताएं कि वो 2010 के एनपीआर फॉर्म और डिजाइन का समर्थन करती हैं और इसे विवादास्पद एनआरसी से जोडऩे का कोई इरादा नहीं है| गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को मंजूरी दे दी हैं. केंद्र सरकार के इस फैसले के विरोध में अब सवाल उठाए जाने लगे हैं. हालांकि, केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि एनआरसी और एनपीआर के बीच कोई संबंध नहीं है|