छत्तीसगढ़ पर फिर पड़ा Corona का साया,एक ही दिन में इस जिले में मिले इतने कोरोना मरीज,जानिए किस जिले में कितने एक्टिव केस ?    |    CG CORONA UPDATE : छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामलों में बढ़त जारी...जानें 24 घंटे में सामने आए कितने नए केस    |    छत्तीसगढ़ में आज कोरोना के 10 नए मरीज मिले, कहां कितने केस मिले, देखें सूची…    |    प्रदेश में थमी कोरोना की रफ्तार, आज इतने नए मामलों की पुष्टिं, प्रदेश में अब 91 एक्टिव केस    |    CG CORONA UPDATE : छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामलों में बढ़त जारी...जानें 24 घंटे में सामने आए कितने नए केस    |    BREAKING : प्रदेश में आज 15 नए कोरोना मरीजों पुष्टि, देखें जिलेवार आकड़े    |    प्रदेश में कोरोना का कहर जारी...कल फिर मिले इतने से ज्यादा मरीज, एक्टिव मरीजों का आंकड़ा पहुंचा 100 के पार    |    छत्तीसगढ़ में मिले कोरोना के 14 नए मरीज...इस जिले में सबसे ज्यादा संक्रमित,कुल 111 एक्टिव केस    |    सावधान : छत्तीसगढ़ में फिर बढ़ रहा कोरोना...जानें 24 घंटे में सामने आए कितने नए केस    |    Corona update: प्रदेश में 2 कोरोना मरीजों की मौत...इलाज के दौरान तोड़ा दम    |

कोरोना मरीज की मौत की पाँच दिनों तक इत्तिला नहीं करना और शव को सड़ी-गली दशा में रखना निकृष्टतम कार्यप्रणाली अमानवीयता की पराकाष्ठा :गौरीशंकर

कोरोना मरीज की मौत की पाँच दिनों तक इत्तिला नहीं करना और शव को सड़ी-गली दशा में रखना निकृष्टतम कार्यप्रणाली अमानवीयता की पराकाष्ठा :गौरीशंकर
Share

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ने बिलासपुर के पं. सुंदरलाल शर्मा विश्वविद्यालय स्थित आइसोलेशन सेंटर में भर्ती मरीज की मौत के बाद भी पाँच दिनों तक परिजनों को इसकी इत्तिला नहीं दिए जाने और मरच्युरी में शव को सड़ी-गली दशा में रखे जाने पर इसे प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य विभाग की निकृष्टतम कार्यप्रणाली का परिचायक और अमानवीयता की पराकाष्ठा बताया है। श्री अग्रवाल ने कहा कि कोविड सेंटर्स में मरीजों की तो दुर्दशा तो हो ही रही है, प्रदेश सरकार के कारिंदे कोरोना संक्रमितों के शवों की दुर्गति करने में ज़रा भी हिचकिचाहट महसूस नहीं कर रहे हैं।

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री अग्रवाल ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि कोरोना संक्रमित पाए जाने पर बिलासपुर के सिम्स अस्पताल से उक्त आइसोलेशन सेंटर में शिफ्ट मरीज नीलमणि शर्मा की तबीयत लगातार बिगड़ रही थी और वहां के ज़िम्मेदार लोग परिजनों को उनके स्वस्थ होने की जानकारी देकर ग़ुमराह करते रहे। इधर हालत और बिगड़ने पर शर्मा को संभागीय कोविड अस्पताल रिफर किया गया और इस दौरान उनकी मौत हो गई। श्री अग्रवाल ने कहा कि शर्मा की खैरियत जानने आइसोलेशन सेंटर पहुँचे परिजनों को उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली और इसकी शिकायत के बाद भी कोई जानकारी नहीं मिली तो कोनी थाना में इसकी शिकायत की गई और तब परिजनों को शर्मा के कोविड अस्पताल में भर्ती किए जाने की जानकारी हुई। वहाँ पहुँचने के बाद भी परिजन काफी परेशान होते रहे और तब उन्हें शर्मा की 10 अप्रैल को ही मौत हो जाने की जानकारी हुई। श्री अग्रवाल ने कहा कि कोरोना संक्रमितों की मौत के बाद शवों की ऐसी दुर्गति करने और परिजनों को पाँच दिनों तक मौत की सूचना तक नहीं देने का ऐसा संवेदनहीन और अमानवीय कृत्य करने वाली प्रदेश सरकार आख़िर किस मुँह से कोरोना के ख़िलाफ़ ज़ंग लड़ने की बात कर रही है? प्रदेशभर में कोविड सेंटर्स में मरीजों की दुर्दशा के रोज वीडियो वायरल हो रहे हैं, कोरोना मृतकों के सम्मानपूर्वक दाह संस्कार तक की व्यवस्था नहीं कर पाने वाली प्रदेश सरकार को इस बात पर कब शर्म महसूस होगी कि उसके कारिंदे कोरोना मृतकों के शवों को एंबुलेंस के बजाय कचरा वाहन से श्मशानघाट पहुँचाकर शवों का अपमान और शोकाकुल परिजनों की भावनाओं का इतना घिनौना मखौल उड़ा रहे हैं। 


Share

Leave a Reply