Proning से बढ़ जाएगा Oxygen Level, बच सकेगी कोरोना मरीज की जान, जानिए क्या है Process
Coronavirus की दूसरी लहर से देश में हालात अब बेकाबू होते जा रहे हैं. वहीं ऑक्सीजन को लेकर कई जगहों पर हाहाकार मचा है. कोरोना मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है और वो जरूरत पूरी नहीं हो पा रही है. ऑक्सीजन की भारी कमी के कारण कई मरीजों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है. ऐसी भयंकर स्थिति को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सांस लेने में जिन मरीजों को तकलीफ हो रही है, उनके लिए प्रोनिंग के कुछ आसान तरीके सुझाए हैं, जिसे प्रयोग में लाकर कोरोना मरीजों में ऑक्सीजन लेवल को सुधारा जा सकता है.
कैसे करें Proning
मरीज को पेट के बल लिटा दें.
गर्दन के नीचे एक तकिया रखें फिर एक या दो तकिये छाती और पेट के नीचे बराबर रखें और दो तकिये पैर के पंजे के नीचे रखें.
30 मिनट से लेकर 2 घंटे तक इस पोजीशन में लेटे रहने से मरीज को फायदा मिलता है.
ध्यान रहे हर 30 मिनट से दो घंटे में मरीज के लेटने के पोजिशन को बदलना जरूरी है.
उसे पेट के बल लिटाने के बाद इसी समयावधि के बीच बारी-बारी दाईं और बाईं तरफ करवट करके लिटाएं.
इसके बाद मरीज को बैठा दें और फिर उसे पेट के बल लिटा दें.
इस प्रक्रिया में फेफड़ों में खून का संचार अच्छा होने लगता है और फेफड़ों में मौजूद फ्लूइड इधर-उधर हो जाता है, जिससे लंग्स में ऑक्सीजन आसानी से पहुंचती रहती है. ऑक्सीजन का लेवल भी नहीं गिरता है.
क्या होती है Proning
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक,
प्रोनिंग एक तरह की प्रक्रिया है जिससे मरीज अपना ऑक्सीजन लेवल खुद ही सुधार सकता है.
ऑक्सीजनाइजेशन तकनीक में ये प्रक्रिया 80 प्रतिशत तक कारगर है.
इस प्रक्रिया को अपनाने के लिए आप पेट के बल लेट जाएं.
मेडिकली भी ये प्रूव हो चुका है कि प्रोनिंग करने से सांस लेने में हो रही तकलीफ में आराम मिलता है.
इससे ऑक्सीजन लेवल में सपोर्ट मिलता है.
होम आइसोलेशन में कोरोना मरीजों के लिए प्रोनिंग काफी मददगार है.
प्रोन पोजीशन सुरक्षित है और इससे खून में ऑक्सीजन लेवल के बिगड़ने पर इसे नियंत्रित किया जा सकता है.
इससे आईसीयू में भी भर्ती मरीजों में अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं.
वेंटिलेटर नहीं मिलने की स्थिति में यह प्रक्रिया सबसे अधिक कारगर है.
कब करें प्रोनिंग…
प्रोनिंग तब करें जब कोरोना मरीज को सांस लेने में परेशानी हो रही हो और ऑक्सीजन लेवल 94 से कम हो जाए.
अगर आप होम आइसोलेशन में हैं तो समय-समय पर अपना ऑक्सीजन लेवल चेक करते रहें.
इसके अलावा, बुखार, ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर भी समय-समय पर मापते रहें.
समय पर सही प्रक्रिया के साथ प्रोनिंग कई लोगों की जान बचाने में मददगार है.
ऐसी स्थिति में ना करें Proning
खाना खाने के तुरंत बाद ही प्रोनिंग प्रक्रिया न करें.
खाना खाने के कम से कम एक घंटे बाद ही इस प्रक्रिया को अपनाएं.
अगर आप प्रेगनेंट हैं तो ना करें.
गंभीर कार्डिएक कंडीशन है या शरीर में स्पाइनल से जुड़ी कोई समस्या या फ्रैक्चर हो तो इस प्रक्रिया को न अपनाएं.
ऐसी स्थिति में Proning से आपको नुकसान हो सकता है।