पाकिस्तान के पास अब बचा है सिर्फ 4 महीने का समय! ब्लैक लिस्ट होने पर हो जाएगा 'तबाह'
पेरिस. ग्लोबल टेरर वॉचडॉग Financial Action Task Force (FATF) की ब्लैकलिस्ट में पाकिस्तान जाने से अभी तक बच गया है. लेकिन FATF ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है और उसे अपने टारगेट को पूरे करने और टेरर फंडिंग को रोकने के लिए फरवरी 2020 का वक्त दिया है.
FATF ने कहा है कि अगर पाकिस्तान ने तयशुदा वक्त तक अपनी धरती पर टेरर फंडिंग, मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकियों को फलने-फूलने से नहीं रोकता है, तो उसपर गंभीर कार्रवाई की जाएगी. आपको बता दें कि पेरिस में 12 से 18 अक्टूबर तक चले FATF के सालाना बैठक में शुक्रवार को पाकिस्तान की ओर से अब तक उठाए गए कदमों पर रिव्यू मीटिंग की गई.
आपको बता दें कि एफएटीएफ (Financial Action Task Force)की स्थापना 1989 में हुई थी. ये एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है. इस संगठन के सदस्यों की संख्या 37 है.
भारत भी इस संगठन का सदस्य है. इसका मुख्य उद्देश्य मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग पर लगाम लगाने में नाकाम देशों की रेटिंग तैयार करना है.
एफएटीएफ ऐसे देशों की दो लिस्ट तैयार करता है. पहली लिस्ट ग्रे और दूसरी ब्लैक होती है.
ग्रे लिस्ट में शामिल होने वाले देशों को अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से आर्थिक मदद मिलने में मुश्किल होती है.
वहीं, ब्लैक लिस्ट में आने वाले देशों को आर्थिक सहायता मिलने का रास्ता पूरी तरह से बंद हो जाता है.
क्या होगा ब्लैक लिस्ट होने पर-एफएटीएफ (Financial Action Task Force) की ओर से पाकिस्तान अगर ब्लैक लिस्ट होता है तो अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF), विश्व बैंक(World Bank) और यूरोपीय संघ (EU) जैसे संस्थान पाकिस्तान को डाउनग्रेड करेंगे, जिससे उसकी आर्थिक स्थिति और खराब हो जाएगी. साथ ही किसी भी संस्था की ओर से न तो राहत कार्यों में मदद की जाएगी और न ही कर्ज़ मिलेगा.