5जी की दौड से अब चीनी कंपनी हुवावे को बाहर करने की तैयारी, गृह मंत्री की अगुवाई में हुई वरिष्ठ मंत्रियों की बैठक
नई दिल्ली, एलएसी पर तनाव का जवाब आर्थिक झटके से दे रही मोदी सरकार अब चीन की बड़ी कंपनी हुवावे को झटका देने की तैयारी में है। सोमवार को चीन के 59 एप पर प्रतिबंध लगाने के बाद अब हुवावे को देश में 5जी सेवा से पूरी तरह से दूर रखने पर मंथन किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह की अगुवाई में हुई वरिष्ठ मंत्रियों की बैठक में हुवावे को बाहर करने पर सैद्घांतिक सहमति बन गई है। इस बैठक में विदेश मंत्री जयशंकर, संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद थे।
सोमवार देर शाम हुई इस बैठक में हुवावे को 5जी योजना से जोडऩे या ना जोडऩे पर लंबी मंत्रणा हुई। सूत्रों का कहना है कि बैठक में सुरक्षा कारणों से हुवावे को इस योजना से दूर रखने का फैसला लिया गया है। वैसे भी सरकार ने जिस प्रकार सोमवार को चीन के कई एप पर प्रतिबंध लगाया है, उससे देखते हुए हुवावे को 5जी योजना की प्रक्रिया से जोड़े रखने की संभावना नहीं है। वह भी तब जब हुवावे को ट्रायल की इजाजत देने से पहले और बाद में भारी विवाद हुआ था।
बीते साल 31 दिसंबर को हुवावे को ट्रायल में हिस्सा लेने की अनुमति पर सरकार में भी मतभेद थे। इस संबंध में बनाई गई उच्च स्तरीय समिति ने हुवावे की 5जी में भागीदारी का विरोध किया था। समिति ने कहा था कि इस कंपनी के चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) और सरकार से बेहद नजदीकी संबंध हैं। इस कारण यह कंपनी संवदेनशील सूचनाओं को लीक कर सकती है। समिति ने इसी आशंका से अमेरिका सहित कई देशों की ओर से हुवावे पर लगाए गए प्रतिबंध का हवाला भी दिया था। हालांकि सरकार ने इसके बावजूद चीनी कंपनी को ट्रायल की अनुमति दी थी।