सांसदों की गैरहाजिरी पर सख्त हुए प्रधानमंत्री मोदी, मांगी ऐसे लोगों की लिस्ट
नई दिल्ली: सदन में सांसदों के अनुपस्थित होने से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नाराज हैं। ऐसे सांसदों की लिस्ट उन्होंने तैयार करने को कहा है जो सदन में अनुपस्थित हो रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने `अधिकरण सुधार विधेयक, 2021` को सोमवार को राज्यसभा में पारित किए जाने के वक्त भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ज्यादातर सदस्यों के अनुपस्थित रहने को लेकर मंगलवार को नाराजगी जाहिर की है।
भाजपा संसदीय दल की बैठक में इस पर नाराजगी जताते हुए प्रधानमंत्री ने उन सांसदों की सूची मंगवाई है जो कल, विधेयक के पारित होने के दौरान सदन में उपस्थित नहीं थे। ज्ञात हो कि राज्यसभा में सोमवार को संक्षिप्त चर्चा के बाद विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच `अधिकरण सुधार विधेयक, 2021` को मंजूरी दे दी गई। इस विधेयक में चलचित्र कानून, सीमा शुल्क कानून, व्यापार चिन्ह कानून सहित कई कानूनों में संशोधन करने का प्रस्ताव किया गया है।
विपक्ष ने इस विधेयक को प्रवर समिति में भेजने का प्रस्ताव रखा और बाद में उस पर मतविभाजन की मांग की। हालांकि मतविभाजन में सदन ने 44 के मुकाबले 79 मतों से विपक्ष के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया. राज्यसभा में वर्तमान में भाजपा के कुल 94 सदस्य हैं।
इधर पेगासस जासूसी विवाद तथा कुछ अन्य मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग पर अड़े विपक्षी सदस्यों के हंगामे की वजह से राज्यसभा की बैठक मंगलवार को शुरू होने के कुछ ही देर बाद दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। हंगामे की वजह से उच्च सदन में आज भी शून्यकाल नहीं हो पाया। बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। आसन की अनुमति से संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने दस्तावेज सदन के पटल पर रखे।
कुछ सदस्यों ने एक ही मंत्री द्वारा विभिन्न मंत्रालयों के दस्तावेज सदन के पटल पर रखे जाने को लेकर आपत्ति जताई। इस पर सभापति ने कहा कि यह व्यवस्था कोविड-19 महामारी की वजह से की गई है और यह स्थाई व्यवस्था नहीं है। इसके बाद सभापति ने सदन को सूचित किया कि तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर राय, कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे, माकपा के इलामारम करीम तथा भाकपा के विनय विश्वम ने पेगासस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए नोटिस दिए। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर सरकार की ओर से सदन में बयान दिया गया था जिस पर सवाल और स्पष्टीकरण पूछे जा सकते थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ।