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इस प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर के बाद आया बर्ड फ्लू की दूसरी लहर

इस  प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर के बाद आया बर्ड फ्लू की दूसरी लहर
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जनवरी 2021 में, पोंग डैम झील वन्यजीव अभयारण्य (Pong Dam Lake Wildlife Sanctuary) में प्रवासी जल पक्षियों के बीच बर्ड फ्लू की पुष्टि की गई थी। इस बीमारी से 5,000 से अधिक पक्षी मर गये थे। यह फरवरी 2021 में कम हो गया था। हालांकि, यह मार्च के अंत से फिर से शुरू हो गया है। हाल ही में, पोंग डैम झील में लगभग 99 पक्षी मृत पाए गए। राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान (National Institute of High Security Animal Diseases) के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि पक्षियों की हाल ही में मौत H5N8 एवियन इन्फ्लुएंजा की उपस्थिति के कारण हुई है।

पौंग बांध झील वन्यजीव अभयारण्य (Pong Dam Lake Wildlife Sanctuary)
पोंग वेटलैंड (Pong Wetland) एक अंतरराष्ट्रीय रामसर साइट है। यह आर्द्र मौसम के दौरान 220 वर्ग किलोमीटर तक फैल जाता है।
पोंग वेटलैंड हर सर्दियों में प्रवासी पक्षियों का घर बन जाता है।
यूरोप, उत्तरी और मध्य एशिया में सर्दियों के दौरान कई पक्षी यहाँ आते हैं।
इस झील में विभिन्न प्रजातियों के एक लाख से अधिक प्रवासी जल पक्षी आते हैं। इसमें 40,000 बार-हेडेड गीज़ भी शामिल हैं।


एवियन इन्फ्लूएंजा (Avian Influenza)
हाल के दिनों में राजस्थान, केरल, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात और उत्तर प्रदेश में बर्ड फ़्लू या एवियन इन्फ्लुएंज़ा की सूचना मिली है।हाल के प्रकोपों ​​के कारण दो मुख्य वायरस प्रकार H5N1 और H5N8 हैं। वे अत्यधिक रोगजनक एवियन इन्फ्लुएंजा (Highly Pathogenic Avian Influenza – HPAI) की श्रेणी के हैं।
केंद्र ने राज्यों कोएवियन इन्फ्लुएंजा की रोकथाम, नियंत्रण और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना का पालन करने के लिए निर्देश दिया है ।
HPAI के प्रकोपों ​​की पहचान यूक्रेन, ब्रिटेन और रूस जैसे अन्य देशों में की गई है।इससे दिसंबर 2020 तक 8 मिलियन से अधिक पक्षियों का नुकसान हुआ है।
 


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