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स्मोकिंग से बढ़ सकता है डिप्रेशन और सिजोफ्रेनिया का रिस्क

स्मोकिंग से बढ़ सकता है डिप्रेशन और सिजोफ्रेनिया का रिस्क
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अगर आप डेली स्मोकर या चेन स्मोकर हैं तो आपको जल्द ही अपनी इस आदत को छोडऩे के लिए सख्ती से खुद पर लगाम लगानी होगी। हाल ही हुई एक स्टडी में यह बात सामने आई है कि जो लोग रोज टोबैको (तंबाकू) स्मोकिंग करते हैं, उन लोगों में डिप्रेशन और सिजोफ्रेनिया जैसी मानसिक बीमारियां होने का रिस्क बहुत अधिक बढ़ जाता है। इस स्टडी के लीड ऑर्थर रॉबिन वूटन के अनुसार, मेंटल हेल्थ से जुड़ी बीमारियों का सामना कर रहे लोगों का ट्रीटमेंट करते समय हम अक्सर उनकी धूम्रपान और तंबाकू की आदत को अनदेखा करते हैं, जबकि हमारी स्टडी में यह बात साफतौर पर साबित हुई है कि टोबैको स्मोकिंग अवसाद और सिजोफ्रेनिया जैसी मानसिक सेहत से जुड़ी दिक्कतों को बढ़ाने के लिए अपना रोल प्ले करता है। रॉबिन वूटन, ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी से जुड़े हैं। वूटन आगे कहते हैं कि हमारी इस स्टडी से पता चलता है कि हमें शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं से बचने के लिए भी धूम्रपान के सेवन से लोगों को बचाना होगा। धूम्रपान से होनेवाली इन समस्याओं के प्रति और अधिक प्रयासों के साथ जागरुकता फैलानी होगी। वहीं,इस शोध से जुड़ी रिसर्च टीम ने ब्रिटेन के बायोबैंक डेटा से यूरोप के 462,690 व्यक्तियों का डेटा उपयोग किया, डेटा में शामिल लोगों में 8 प्रतिशत वर्तमान धूम्रपान करने वाले और 22 प्रतिशत पूर्व में धूम्रपान करने वाले लोग हैं, जो अब इस आदत को छोड़ चुके हैं।


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