जिले में पार्षद प्रत्याशियों की हार-जीत को लेकर सट्टा बाजार गर्म, जाने पूरी खबर
कोरबा। शहर सरकार के पार्षद उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला मतपेटी में कैद हो गया है। चौक-चौराहों में हार और जीत को लेकर बहस छिड़ गई है। वहीं प्रत्याशियों की हार-जीत को लेकर सट्टा बाजार गर्म हो गया है। खासकर महापौर के दावेदारी कर रहे प्रत्याशियों के हार-जीत पर गुपचुप तरीके से दांव लगने लगा है। कांगस के प्रत्याशियों का रेट कम चल रहा। इसका मतलब है कि ज्यादातर कांग्रेस के प्रत्याशियों की जीत की उम्मीद सट्टा बाजार में है। कुछ ऐसे भी वार्ड हैं जहां भाजपा प्रत्याशी का रेट कम चल रहा।
नगर निगम चुनाव का शोरगुल तो थम गया है, लेकिन हार और जीत के आकलन के साथ रोमांच अभी भी बरकरार है। यह पहला मौका है जब पार्षद महापौर का चुनाव करेंगे। यही वजह है कि इस चुनावी समर में दिग्गज नेता भी पार्षद चुनाव लड़कर भाग्य आजमा रहे हैं, जिससे चुनावी रोमांच और भी अधिक बड़ गया है। रोमांचक मुकाबला वार्ड क्रमांक चार पुरानी बस्ती का है। जंहा कांग्रेस के दिग्गज नेता सुरेंद्र जायसवाल को मैदान में उतार कर दमदार प्रत्याशी के रूप जीत सुनिश्चित मान रहे हैं, लेकिन यंहा भी जोगी कांग्रेस ने मजबूत प्रत्याशी को मैदान में उतार कर मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया। सबसे अधिक रोमांच वार्ड क्रमांक छह का बना हुआ है। यहां कांग्रेस ने धरम निर्मले को मैदान में उतारा है, तो भाजपा ने महिला नेत्री ज्योति पांडेय को प्रत्याशी बनाया है। इन दोनों के बीच कांग्रेस से दावेदारी कर रहे रमेश जायसवाल ने पर्चा भरकर सबको चौंका दिया। निर्दलीय प्रत्याशी होने के बाद भी बाकी प्रत्यशियों पर भारी पड़ रहे हैं। जिस कदर चुनाव में अंतिम सांस तक डेट रहे उससे जीत सुनिश्चित मानी जा रही है। वार्ड क्रमांक एक रामसागर पारा की बात करे तो यहा पूर्व सभापति संतोष राठौर मैदान में है और भाजपा से आरएसएस कैडर से भोजराम राजवाड़े चुनाव लड़ रहे हैं। इस वार्ड में सबसे अधिक क्रिश्चियन वोटर हैं। क्रिश्चियन वोटरों को रिझाने में जो कामयाब हो गया, उसी को जीत मिलने के कयास लगाये जा रहे है। इन वार्डों में महापौर के दावेदार होने से प्रत्याशियों की हार-जीत पर सट्टे लगने लगे हैं।