धूप में रखें अपनी आंखों का ख्याल : डॉ. नीलम भगत....
रायगढ़ : दिन में तीखी धूप के बीच लू और शाम होते होते धूल भरी आंधी इन दिनों शहर में चल रही है। गर्म हवा व उड़ रही धूल आंख को काफी नुकसान पहुंचा सकती है। गर्मी के मौसम में आंख का ख्याल रखना आवश्यक है क्योंकि इन दिनों आंख की समस्याएं काफी बढ़ जाती हैं। आंखों के साथ लापरवाही करना नुकसानदायक हो सकता है। तल्ख धूप में घर से बाहर निकले लोगों की आंखों में जलन हो सकती है। आंख में दर्द भी हो सकता है। बिन चश्मा बाइक चला रहे हैं तो आंख से पानी गिरने लगता है। इतना ही नहीं आंख में खुजली भी होना शुरु हो सकती है। इन मुसीबतों से बचने के लिए नियमित चश्मा का सेवन करना अत्यंत जरुरी है।
इस सम्बन्ध में जिले की नेत्ररोग विशेषज्ञ मेजर डॉ नीलम भगत ने बताया कि गर्मी में हवा चलने से धूल व मिट्टी के रेत आंखों में पड़ जाते हैं। ऐसा होते ही हम आंखों को रगड़ने लगते हैं। इससे आंख लाल होने के साथ ही जलन शुरु हो जाती है। ऐसा होते ही तत्काल चिकित्सकीय परामर्श लें। गर्मियां में झुलसाने वाली तेज धूप और उसकी तपिश न सिर्फ आपकी सेहत के लिए, बल्कि आंखों के लिए भी सही नहीं है। गर्मी का मौसम अपने साथ कई समस्याएं लेकर आता है। सूरज से निकलने वाली अल्ट्रा वॉयलेट किरणों से आंखों की सुरक्षा करना बेहद जरूरी है। सन ग्लास यानी धूप का चश्मा खतरनाक अल्ट्रा वॉयलेट ए और अल्ट्रा वायलेट बी किरणों को रोकता है। यहां तक कि आप छाया में खड़े हों तब भी सन-ग्लास का उपयोग करें। बड़े साइज की कैप या हैट सूरज की किरणें आपकी आंखों तक रोकने में सहायक होती है।
हाइड्रेशन बेहद जरूरी
गर्मी के कारण आंखों में मेलानोमा या लायमोफोमा जैसी कई तरह की बीमारियां होने का जोखिम बढ़ जाता है। डॉ मेजर नीलम भगत का कहना है कि अल्ट्रा वॉयलेट किरणें मौसम के साथ फैलती हैं जिसकी गति प्रकाश से भी अधिक तेज होती है। नमी आपकी आंखों के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। प्रतिदिन कम से कम दो लीटर पानी जरूर पीएं ताकि आंखों और त्वचा को डिहाइड्रेशन से बचाया जा सके। डिहाइड्रेशन से आपकी आंखों में लुब्रिकेशन की कमी आ सकती है, जिससे जीरोफ्थलमिया (सूखी आंखें) जैसी बीमारी संभव है। पानी की पर्याप्त मात्रा आंखों को गर्मी के प्रभाव से बचाए रखती है।
धूप में रहने से कई नुकसान
धूप में जाने और लगातार बिना किसी सुरक्षा और सावधानी के रहने के नुकसान के बारे में डॉ मेजर नीलम भगत बताती हैं, ” धूप में एक्सपोज़ होने से ऑयलिड कैंसर, आंसू की गुणवत्ता खराब होने से ड्राई आई होने का खतरा बना रहता हैं। कंजेक्तिवा कार्निया पर चढ़ने से नखुना हो सकता है जिससे नज़र कमजोर हो सकती है और दृष्टिदोष उत्पन्न हो सकता है। कम उम्र में ही मोतियाबिंद हो सकता है। इसलिए लोग धूप से बचें।”
उन्होंने आगे बताया, “यदि पहले से नज़र का चश्मा लगा हो तो उस पर सन प्रोटेक्टिव फिल्म लगा लें। समय-समय पर आंखों की जांच कराते रहें। किसी भी प्रकार की गठान आंख या उसके आसपास है तो तुरंत जांच करवाएं। सावधानी ही बचाव है। बिना एक्सपर्ट की सलाह के कोई इलाज न लें। ड्राई आईज के लिए हो सकता है उम्र भर टियर सब्सिट्यूट लेना पड़े जो आपको नेत्र विशेषज्ञ ही बता सकते हैं। आँख से संबंधित सभी बीमारियों का समय से जांच और इलाज से ही काबू किया जा सकता है।”