गर्भवती के साथ ही पेट में पल रहे बच्चे की हुई मौत - पीडि़त पक्ष ने लागाये यह आरोप...
महोबा : जिला महिला अस्पताल में प्रसव के लिए भर्ती महिला व उसके पेट में पल रहे बच्चे की मौत हो गई। मृतका के पति ने डॉक्टर पर पांच हजार रुपये मांगने और सुविधा शुल्क न देने पर इलाज न करने का आरोप लगाया। घटना से आक्रोशित परिजनों ने महिला अस्पताल में जमकर हंगामा किया इसके बाद ष्षव को रखकर जाम लगा दिया। एसडीएम जितेद्र कुमार ने मामले की जांच कराकर कार्रवाई का भरोसा देते हुए परिजनों को शांत कराया। जानकारी के अनुसार कोतवाली क्षेत्र के छिकहरा गांव निवासी चेतराम की पत्नी तुलसारानी (30) को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन महिला अस्पताल लाए। जहां महिला को भर्ती किया गया। कुछ देर बाद प्रसूता की हालत बिगड़ गई। तब डॉक्टर ने उसे रेफर कर दिया लेकिन उसकी अस्पताल में ही मौत हो गई।
उसके पेट में पल रहे बच्चे की भी मौत हो गई। आक्रोशित परिजनों ने डॉक्टर व नर्सों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया। मृतका के पति ने बताया कि पहले सब कुछ सही बताते हुए पांच हजार रुपये की मांग की गई। सुविधा शुल्क न देने पर इलाज नहीं किया। स्टाफ से आरजू-मिन्नत भी की गई। जब उसकी पत्नी की सांसें थम गई, तब डॉक्टर ने बाहर ले जाने की बात कही।
जिससे गर्भवती के पेट में पल रहे नवजात की भी मौत हो गई। महिला अस्पताल में हंगामा की सूचना पर एसडीएम सदर जितेंद्र सिंह व कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंच गई। एसडीएम ने परिजनों को समझाकर शांत कराया और जांच के बाद कार्रवाई का भरोसा दिया। पीडि़त ने एसडीएम को तहरीर लिखकर सौंपी।
जिसमें दोषी डॉक्टर व कर्मचारियों के खिलाफ कारवाई की मांग की है। इसके बाद पुलिस ने शव को जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया है। सीएमएस डा. डीके सुल्लेरे का कहना है कि गर्मवती जब अस्पताल आई थी, तब हालत गंभीर थी। जिसे रेफर किया गया था। डॉक्टर व स्टॉफ के सुविधा शुल्क मांगने के मामले की जांच कराई जाएगी। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।