मन में सोचे गए कार्य का ढिंढोरा कभी नहीं पीटना चाहिए, नहीं मिलती है सफलता
चाणक्य नीति के अनुसार सफलता पाने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. कभी कभी जरा सी लापरवाही बड़ी हानि का कारण बन जाती है. जिस कारण मेहनत बेकार हो जाती है. आचार्य चाणक्य जिन्हें कौटिल्य और विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है. चाणक्य का संबंध प्राचीन तक्षशिला विश्वविद्यालय से था, चाणक्य यहां पर आचार्य थे. चाणक्य कूटनीति के माहिर थे. वे अर्थशास्त्री भी थे. चाणक्य के अनुसार इन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
मन में सोचे गए कार्य को गुप्त रखना चाहिए
चाणक्य नीति के अनुसार मन में सोचे गए कार्य के बारे में कभी किसी को जानकारी नहीं देनी चाहिए. इसका ढिंढोरा भी नहीं पीटना चाहिए. चाणक्य के अनसुार जो ऐसा करता है उसे कार्य में सफलता नहीं मिलती है. मन में सोचे गए कार्य को मंत्र के समान गुप्त रखकर ही उस कार्य को करना चाहिए. मन की बात को गोपनीय रखकर निरंतर कार्य में जुटे रहना चाहिए.
जब व्यक्ति कार्य में जुटा हो तो उस कार्य का किसी से जिक्र नहीं करना चाहिए. बता देने से कार्य पूरा न होने पर हंसी होती है. वहीं शत्रु को पता चल जाने से वह इसमें अवरोध भी पैदा कर सकता है. कार्य पूर्ण होने पर सभी को स्वत: ही सभी को पता चल जाएगा. वेदों में भी कहा गया है कि ध्यान केंद्रित, चिंतन मनन और गुप्त रूप से कार्य करने से सफलता मिलती ही मिलती है.
योजना बनाने से सफलता की संभावना बढ़ जाती है
चाणक्य नीति के अनुसार जो लोग योजना बनाकर कार्य करते हैं उनके सफल होने की संभावना काफी हद बढ़ जाती है. जो लोग बिना योजना के कार्य करते हैं, उन्हें सफलता के लिए संघर्ष करना पड़ता है. योजना बन लेने के बाद उस पर गंभीरता से कार्य करना चाहिए. लक्ष्य को पूरा करने के लिए कठोर परिश्रम करने के लिए तैयार रहना चाहिए. परिश्रम से घबराने वालों को सफलता नहीं मिलती है. योजना बनाकर कार्य करने वालों को लक्ष्मी जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है.