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त्रिपुरा निकाय चुनाव जैसा उत्साह दिख रहा छत्तीसगढ़ के इस चुनाव में -नितिन नबीन

त्रिपुरा निकाय चुनाव जैसा उत्साह दिख रहा छत्तीसगढ़ के इस चुनाव में -नितिन नबीन
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रायपुर, आज भाजपा कार्यालय में नितिन नबीं ने एक प्रेस कांफ्रेंस लेकर बताया कि त्रिपुरा निकाय चुनाव जैसा उत्साह दिख रहा छत्तीसगढ़ के इस चुनाव में भी. परिणाम भी भाजपा के पक्ष में वैसा ही आने की उम्मीद है.
जबसे कांग्रेस की यह सरकार सत्ता में आयी है आम शहरियों के साथ-साथ समूचे छत्तीसगढ़ का जीना मुहाल हो गया है. शहरों में तो जैसे आतंक का साम्राज्य हो गया है.
खुद सरकार द्वारा सदन में दिए जवाब के अनुसार यहां प्रति दिन 12 से अधिक बलात्कार के मामले दर्ज हो रहे हैं. शांति का टापू रहा छत्तीसगढ़ अपराध का गढ़ बन गया है. ह्त्या, लूट, डकैती, अपहरण, साम्प्रदायिक दंगों का स्थल बना दिया गया है शहरों को.
हालात यह हैं कि खुद महापौर का भतीजा खुलेआम ह्त्या की धमकी देता फिर रहा है. कवर्धा से लेकर रायपुर और वीरगांव तक हर जगह भगवा ध्वज का अपमान, साम्प्रदायिक तनाव जैसी ख़बरें आ रही हैं. खुद मंत्री/विधायक आदि सांप्रदायिक तत्वों को बढ़ावा दे रहे हैं. और हिन्दुओं पर अत्याचार कर रहे.
भाजपा ने जहां प्रदेश के सभी नगरों को विकास से जोड़ा वहीं कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ का चौतरफा विनाश किया है.
भाजपा के पूर्ववर्ती शासनकाल में नगरीय निकायों का बज़ट 300 करोड़ से बढ़कर 4000 करोड़ रुपए तक पहुँच गया था, जबकि अन्य प्रदेशों में प्रदेश के ख़ज़ाने का पैसा लुटाने वाली कांग्रेस सरकार ने प्रदेश को कंगाली के ऐसे मुहाने पर ला खड़ा किया है. अभी कांग्रेस सरकार के पास निकायों के कर्मियों-अधिकारियों को तनख्वाह बाँटने तक के पैसे नहीं हैं. इसके लिए भे यून्हें क़र्ज़ लेना पड़ रहा है.
कांग्रेस सरकार लोगों साफ पानी तक मुहैया करा पाने नें नाकारा ही साबित हुई. अमृत मिशन में भी पूरी तरह फिसड्डी साबित हुई है कांग्रेस. प्रदेशभर में 22सौ स्थान आज भी ऐसे हैं, जहां प्रदेश की कांग्रेस सरकार और कांग्रेस शासित नगरीय निकायों ने स्वच्छ जल देने का काम ही शुरू नहीं किया है. 33 सौ करोड़ रुपए के ‘जल जीवन मिशन प्रोजेक्ट’ में केंद्र सरकार का भरपूर सहयोग मिलने के बाद भी प्रदेश सरकार और कांग्रेस शासित नगरीय निकायों के ज़िम्मेदार जनप्रतिनिधि निकम्मे बनकर बैठे रहे.
पिछले नगरीय निकाय चुनावों में सम्पत्ति कर आधा करने का वादा कांग्रेस ने किया था, लेकिन तीन साल में किसी भी नगरीय निकाय में कांग्रेस ने सम्पत्ति कर आधा करने का वादा पूरा नहीं किया है. इसी तरह कांग्रेस ने शहरी क्षेत्र में आवासहीन परिवारों को दो कमरों का मकान देने का वादा किया था, लेकिन इनमें से एक भी वादे पर कांग्रेस ने अब तक अमल नहीं किया.
कोर्पोरेट टैक्स माफ़ नहीं हुआ. संपत्ति कर आधा नहीं हुआ है. आंगनवाडी की हजारों महिलाओं का निवाला छीन कर कमीशन के चक्कर में बाहर के व्यापारियों को मिड डे मील का काम देने की जितनी निंदा की जाय, वह कम है. युवाओं को दस लाख रोजगार का वादा कर उनका रोजगार उलटे छीन लेना ऐसा काम है जिसके लिए जनता इस चुनाव में भी इन्हें सबक सिखायेगी.
मोदी जी की सरकार भरपूर सहायता दे रही है प्रदेश को लेकिन दुर्भावना वश उसका लाभ नहीं पहुँचने दे रही है जनता को. मोदी जी ने ग्यारह लाख से अधिक परिवारों को पिछले दो साल में मकान देना तय किया था लेकिन सीएम बघेल पूरी बेशर्मी के साथ यह कह रहे कि क्योंकि वह केंद्र की योजना है, इसलिए मकान नहीं बनने देंगे. कांग्रेस के यहां के सांसद लोकसभा तक में झूठ बोल रहे.
सरकार की वादाखिलाफी का यह आलम है कि पूर्ण शराबबंदी का वादा किया और शराब की होम डिलीवरी शुरू कर दी. शहरों में लगातार प्रीमियम शराब की दुकानें खुल रही है. मादक पदार्थों की तस्करी का अड्डा बना दिय गया है यहां. और इसमें कांग्रेस के लोग शामिल हैं. ऐसे विश्वासघातों की श्रृंखला स्थापित की है कांग्रेस ने.
प्रदेश क्या शायद देश के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ जब हज़ार पुलिसकर्मियों ने एक साथ अपने हथियार शासन को विरोध स्वरुप जमा करा दिए हों. इस तरह की स्थिति खतरनाक है. और ये सभी कांग्रेस के निकम्मेपन के कारण हो रहा है.
भाजपा ने जहां नया रायपुर जैसा एक नया नगर ही बसा दिया वहाँ कांग्रेस सड़कों की मरम्मत तक नहीं कर पा रही है. तीन वर्ष में ‘एक्सप्रेस वे’ की मरम्मत तक नहीं कर पाई कांग्रेस जबकि इससे काफी कम समय में भाजपा ने प्रोजेक्ट कम्प्लीट कर दिया था. इस चुनाव के साथ ही कांग्रेस की शहरी सत्ता से निकाला शुरू हो जाएगा जो अंततः प्रदेश को कांग्रेस मुक्त करने तक कायम रहेगा.
भाजपा के कार्यकर्ता काफी उत्साह में हैं. उन्हें जनता का काफी समर्थन मिल रहा है. परिणाम निस्संदेह कांग्रेस के लिए हहाकारी होगा जबकि वह सारा संसाधन इस चुनाव में झोंकने में लगी है. कांग्रेस के पास धनबल है, भाजपा के जन बल. इसके सहारे भाजपा शहरी सत्ता के इस चुनाव से अपनी जीत की लोकसभा चुनाव से शुरू हुए सिलसिले को आगे बढायेगी.
 


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