CG CORONA UPDATE : छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामलों में बढ़त जारी...जानें 24 घंटे में सामने आए कितने नए केस    |    छत्तीसगढ़ में आज कोरोना के 10 नए मरीज मिले, कहां कितने केस मिले, देखें सूची…    |    प्रदेश में थमी कोरोना की रफ्तार, आज इतने नए मामलों की पुष्टिं, प्रदेश में अब 91 एक्टिव केस    |    CG CORONA UPDATE : छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामलों में बढ़त जारी...जानें 24 घंटे में सामने आए कितने नए केस    |    BREAKING : प्रदेश में आज 15 नए कोरोना मरीजों पुष्टि, देखें जिलेवार आकड़े    |    प्रदेश में कोरोना का कहर जारी...कल फिर मिले इतने से ज्यादा मरीज, एक्टिव मरीजों का आंकड़ा पहुंचा 100 के पार    |    छत्तीसगढ़ में मिले कोरोना के 14 नए मरीज...इस जिले में सबसे ज्यादा संक्रमित,कुल 111 एक्टिव केस    |    सावधान : छत्तीसगढ़ में फिर बढ़ रहा कोरोना...जानें 24 घंटे में सामने आए कितने नए केस    |    Corona update: प्रदेश में 2 कोरोना मरीजों की मौत...इलाज के दौरान तोड़ा दम    |    छत्तीसगढ़ में तेजी से पांव पसार रहा कोरोना,कल फिर 8 नए मरीजों की पुष्टि...एक्टिव मरीजों की संख्या हुई 71    |

प्रदेश के सभी व्यापारियों का भारत बंद को अभूतपूर्व समर्थन, एकजुट होकर कर रहे GST के नए प्रावधानों का विरोध,केंद्र सरकार को दिखेगी व्यापारी एकता की ताकत

प्रदेश के सभी व्यापारियों का भारत बंद को अभूतपूर्व समर्थन, एकजुट होकर कर रहे GST के नए प्रावधानों का विरोध,केंद्र सरकार को दिखेगी व्यापारी एकता की ताकत
Share

रायपुर, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रदेश अध्यक्ष अमर परवानी, कार्यकारी अध्यक्ष मंगेलाल मालू, विक्रम सिंहदेव, महामंत्री जितेंद्र दोषी, कार्यकारी महामंत्री परमानंद जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं प्रदेश मीडिया प्रभारी संजय चैबे ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी के अंतर्गत नए प्रावधान किये गये हैं, जिससे यह अब और भी जटिल हो गया है। जिसके चलते व्यापारियों को अब और ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार द्वारा ई वे बिल सहित छोटे व्यापारियों के लिए ई इनवाइस जैसे प्रावधान किये गये हैं, जो व्यापारियों के लिए सर का दर्द बन गया है। इसके विरोध में कैट द्वारा भारत बंद का आव्हान किया गया है। जिसे पूरे देश के व्यापारियों का पूरा समर्थन मिल रहा है।
इस संबंध में कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल के बाद से व्यापार जगत कई दिक्कतों का सामना कर रहा है, इस मुश्किल हालात में केंद्र सरकार द्वारा एक बार फिर व्यापारियों के उपर जीएसटी के नए प्रावधानों का बोझ लाद दिया गया। श्री पारवानी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी में जो नए प्रावधान किये गये हैं उसके तहत अब किसी भी ट्रांसपोर्टर को ई वे बिल के तहत रोजाना 200 किमी ट्रांसपोर्टेशन करना अनिवार्य हो गया है यदि किसी कारणवश वह ऐसा नहीं कर पाया तो उसका ई वे बिल निरस्त हो जाएगा साथ ही उस पर कर का 200 प्रतिशत पेनाल्टी भी लगाई जाएगी। इतना ही नहीं सरकार ने छोटे व्यवसायियों के लिए बी टू बी के लिए ई इनवायस अनिवार्य कर दिया है। यदि इसमें किसी भी प्रकार की छोटी सी चूक होती है तो विभाग द्वारा बिना किसी नोटिस व्यापारी का जीएसटी नंबर तक कैंसल कर दिया जाएगा। यह किसी भी प्रकार से जायज नहीं है।
श्री पारवानी ने कहा कि केंद्र सरकार ईमानदारी से जीएसटी चुकाने वाले व्यापारियों को भी चोर की नजर से देख रही है जो कि पूरी तरह गलत है। सरकार द्वारा जबर्दस्ती ऐसे प्रावधान किये जा रहे हैं जिससे व्यापारियों पर अनावश्यक बोझ बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कुछ लोगों की गलतियों की सजा बाकी सभी लोगों पर थोप रही है जो कि बिल्कुल गलत है और इसका हम सभी पुरजोर विरोध करते हैं। श्री पारवानी ने कहा कि इस मुश्किल हालात में भी यदि हम सभी व्यापारी साथी एक होकर इसके खिलाफ आवाज नहीं उठा पाए तो सरकार इसी तरह दबावपूर्वक हम पर बोझ बनाती रहेगी। यह समय हम सभी के संगठित होकर इसका विरोध कर सरकार को हमारी एकता की ताकत दिखाने का है।
इन बिंदुओं से समझिए क्यों जरूरी है भारत बंद -
◆ सेक्शन 83
आयकर की धारा 281ठ और ब्ळैज् की धारा 83 (1) में कहा गया है कि फर्जी बिल, गैर-मौजूद विक्रेता, सर्कुलर ट्रेडिंग आदि के कारण कर चोरी के मामलों में, कर अधिकारी को अब बैंक खाते तथा संपत्ति को जब्त करने का अधिकार होगा ! इसके अलावा कर अधिकारी अस्थायी रूप से कंपनी निदेशकों, भागीदारों, कंपनी सचिव, कर्मचारियों, प्रबंधकों, सीए, सीएस, अकाउंटेंट, चार्टर्ड अकाउंटेंट, टैक्स कंसलटेंट, टैक्स एडवोकेट या किसी अन्य व्यक्ति की संपत्ति और बैंक खातों को भी जब्त कर सकता है जिनकी सहभागिता से कोई फर्जी लेनदेन किया गया हो।
◆रिटर्न्स में मिस-मैच टैक्स वसूला जाना ध् जीएसटी रजिस्ट्रेशन नंबर कैंसल किया जाना-सेक्शन 75
◆ इनपुट क्रेडिट तभी मिलेगा जब जीएसटीआर-२ ए में दिखाया गया हो- सेक्शन 16
◆ छोटी से गलती की बड़ी सजा
◆ यदि किसी व्यक्ति का माल विभाग द्वारा जब्त किया जाता है और यदि वो टैक्सेबल माल हैं तो अब 100 प्रतिशत के स्थान पर 200 प्रतिशत जुर्माना देना होगा और माल जब तक नहीं मिलेगा जब तक इस प्रकार के मामले का निर्णय व्यापारी ध्ट्रांसपोटर के पक्ष में नहीं आता।
◆ अगर आप 2 महीने का जीएसटीआर-3 बी फाइल नहीं करते हैं तो आप ई वे बिल नहीं जनरेट कर पाएंगे।
◆ ई वे बिल की वैलिडिटी प्रतिदिन 200 किलोमीटर कर दी गई है जो की संभव नहीं है।
◆ ई वे बिल में अगर कुछ भी गलती हो तो टैक्स के अमाउंट का 200ः पेनाल्टी लगाई जाएगी और यह अमाउंट आपको आपके इलेक्ट्रॉनिक कैश लेजर से भुगतान करना पड़ेगा और अगर आप यह अमाउंट नहीं भर पाते हैं तो आपका माल जब्त कर लिया जाएगा। अगर आपको इस जब्ती के खिलाफ अपील करनी है तो 25 पर्सेंट पेनल्टी भर कर अपील कर सकते हैं पर जब तक अपील पर आपके हक में फैसला नहीं आ जाता तब तक माल जब्त रहेगा।
◆ अगर आप जीएसटीआर-3 बी दो महीने का फाइल नहीं करते हैं तो आप जीएसटीआर -1 फाइल नहीं कर पाएंगे और अगर जीएसटीआर -1 फाइल नहीं कर पाएंगे तो आपको इनपुट क्रेडिट नहीं मिलेगा।
◆ अगर आप किसी भी कारण से रिटर्न फाइल नहीं कर पाते हैं तो डिपार्टमेंट सेक्शन 73 के अंदर आप को नोटिस दे सकता है उसमें आपके इलेक्ट्रॉनिक क्रेडिट लेजर में जो क्रेडिट पड़ा है उसका क्रेडिट आपको नहीं मिलेगा बल्कि पूरी देय राशि पर आपको ब्याज देना होगा।
◆ 100 करोड़ से ऊपर टर्नओवर वालों को ई -इनवॉइस मैंडेटरी हो गया है अगर वह इनवॉइस नहीं इशू करते तो आपको उसका क्रेडिट नहीं मिलेगा।
◆ अगर आप में पदअवपबपदह की कैटेगरी में आते हैं तो आप को इनवॉइस इश्यू करने के 72 घंटे के अंदर मूंल इपसस हमदमतंजम करना होगा नहीं तो आपकी वो इनवॉइस को कैंसल कर दूसरी इनवॉइस बनानी पड़ेगी।
◆ यदि आपने गलती से कोई गलत इनपुट क्रेडिट ले लिया है तो आपका बैंक खाता सीज हो जाएगा।
◆ यदि किसी गलती से आपने अधिक इनपुट क्रेडिट ले लिया है तो आपके लिए पोर्टल लॉक हो जाएगा।
◆ अधिकारी अपने खुद के विवेक के आधार पर किसी का भी सर्वे या ऑडिट कर सकते हैं।
◆ एक ही प्रोडक्ट का क्लासिफिकेशन अलग-अलग राज्य में एडवांस रूलिंग के तहत अलग-अलग किया जा रहा है इसके लिए नेशनल एडवांस रूलिंग अथॉरिटी अभी तक गठन नहीं की गई है जिसकी वजह से बहुत परेशानी हो रही है।
◆ 4 साल हो गए हैं पर अभी तक अपीलेट ट्रिब्यूनल गठित नहीं हुआ है जिसकी वजह से हर छोटे केस के लिए व्यापारी को हाई कोर्ट जाना पड़ रहा है।
◆ अगर आपकी रिटर्न लेट भरी गई जो और बेशक निल रिटर्न हो तो भी लेट फी लगाई जायेगी । टैक्स से ज्यादा लेट फी लगाई जाती है।
◆ जब तक जीएसटीआर - 3 बी ना भरा जाए तब तक ब्याज लगता रहता है चाहे क्रेडिट और कैश लेजर में बैलेंस हो तो भी।
◆ जीएसटी कॉउन्सिल अपने नियमों में अब तक चार साल में 950 के करीब संशोधन कर चुकी है लेकिन बेहद अफसोस है की व्यापारियों को अपनी रिटर्न में संशोधन एक बार भी करने का अधिकार नहीं है। क्या किसी व्यापारी से कोई गलती नहीं हो सकती है ?
 


Share

Leave a Reply