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शासकीय कला एवं वाणिज्य कन्या विद्यालय देवेंद्र नगर में कोएक्जिस्टिंग विथ कोविड-19 विषय पर वेबिनार संपन्न

शासकीय कला एवं वाणिज्य कन्या विद्यालय देवेंद्र नगर में कोएक्जिस्टिंग विथ कोविड-19 विषय पर वेबिनार संपन्न
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रायपुर।  आज शासकीय कला एवं वाणिज्य कन्या विद्यालय देवेंद्र नगर में कोएक्जिस्टिंग विथ कोविड-19 विषय पर महाविद्यालय की आंतरिक मूल्यांकन गुणवत्ता प्रकोष्ठ के द्वारा आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर अमिताभ बैनर्जी के कुशल मार्गदर्शन में आयोजित हुआ। कार्यक्रम का संचालन आंतरिक मूल्यांकन गुणवत्ता प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ कविता शर्मा ने किया। कार्यक्रम का प्रारंभ वरिष्ठ श्रीमती उषा अग्रवाल के स्वागत उद्बोधन के द्वारा हुआ। तत्पश्चात डा रवि शर्मा के द्वारा" इतनी शक्ति हमें देना दाता" प्रार्थना के साथ कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। डॉ लक्ष्मी देवनानी आज के कार्यक्रम की मुख्य वक्ता वी वाई हॉस्पिटल के चेस्ट फिजियन डॉक्टर सिद्धार्थ पाटनवार जी का परिचय दिया। डॉक्टर सिद्धार्थ ने सुरक्षा ही बचाव है इन लाइनों से अपना वक्तव्य प्रारंभ किया। उन्होंने बताया कि आम जनता को दो पर्तों वाला सूती कपड़े का मास्क , जो नाक और मुंह को अच्छे से कवर करता हो, जिसमें कहीं पर भी गैप ना हो, ऐसा मास्क पहनना चाहिए। मास्क का कपड़ा कड़क नहीं होना चाहिए। आम जनता एक्सलेशन वाल्व वाला मास्क ना पहने। N95 मास्क भी सिर्फ डॉक्टर तथा हेल्थ केयर वर्कर्स को पहनना चाहिए। इस समय 6 फीट की दूरी अवश्य बनाकर रखें। साथ ही डॉक्टर पाटनवार जी ने आरटीपीसीआर, सी टी काउंट, पल्स ऑक्सीमीटर के सही उपयोग के बारे में बताया। उन्होंने बताया हर कोरोना के पेशेंट को सीटी स्कैन कराना जरूरी नहीं है। रोग की गंभीरता तथा चिकित्सक की सलाह पर ही कराना चाहिए। उन्होंने सी टी स्कोर की भी जानकारी दी। पाटन वार जी ने बताया कि रेमदेसीविर इंजेक्शन कोरोना के लिए मिरेकल ड्रग नहीं है। चिकित्सक की सलाह से ही इसका उपयोग किया जाना चाहिए। घर में बिना चिकित्सक की देखरेख में रेमदेसीविर बिल्कुल नहीं लगाना चाहिए। उन्होंने प्लाजमा थेरेपी की विस्तृत जानकारी दी। तथा कौन प्लाज्मा डोनेट कर सकता है इसके बारे में भी बताया। उन्होंने बताया कोरोना होने परऑक्सीजन यदि 94% है, थोड़ा बुखार, सुखा कफ और थोड़ा चेस्ट पेन हो, तो घर में ही इसका उपचार किया जा सकता है, लेकिन ऑक्सीजन 90 से कम, सांस बहुत तेज चल रही हो, बात नहीं कर पा रहे हो, चलने से ऑक्सीजन कम हो रहा हो तो डॉक्टर के पास जाएं। अस्पताल से घर आने के बाद 1 महीने और 3 महीने के अंतराल में फॉलोअप कराना चाहिए।
कोविड़ वैक्सीनेशन की भी डॉक्टर सिद्धार्थ पाटनवार जी ने विस्तृत जानकारी दी। वैक्सीनेशन एकदम सुरक्षित है और सभी को करवाना चाहिए। यदि कोरोना हो गया है तो भी वैक्सीन नए स्टेन से फाइट करने में मदद करेगा। जो भी वैक्सीन उपलब्ध हो लगवा सकते हैं। वैक्सीन की पहली डोज के 6 से 8 सप्ताह के बीच दूसरी डोज लगाना चाहिए। दोनों वैक्सीन के बाद भी यदि कोरोना हुआ, तो उसकी गंभीरता काफी कम रहती है इंफेक्शन भी बहुत कम रहता है। दूसरी डोज के 2 से 3 हफ्ते के बीच एंटीबॉडीज बनती है। वैक्सीन के बाद थोड़ा बुखार दर्द या जॉइंट पेन होना सामान्य है। कार्यक्रम के पश्चात प्रतिभागियों के द्वारा प्रश्न पूछे गए। कार्यक्रम के दौरान कोविड से ठीक हुई डॉ रंजना तिवारी ने अपने अनुभव बताए तथा बताया कि इससे मनुष्यता प्रभावित हो रही पर मानवता प्रभावित नहीं हुई। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अमिताभ बैनर्जी ने कार्यक्रम के वक्ता डॉ सिद्धार्थ पाटन वार जी का धन्यवाद किया तथा बताया कि कोरोना के प्रति ग्रामीण परिवेश में जागरूकता अत्यंत आवश्यक है। कार्यक्रम के अंत में डॉ रवि शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम में डॉक्टर संध्या वर्मा, डॉ शीला दुबे, डॉ मीना पाठक, डॉ प्रीति पांडे, डॉ सुषमा तिवारी, डॉ माधुरी श्रीवास्तव, डा अंजना पुरोहित सहित अन्य महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ एम पी ठाकुर, डॉ रेनू माहेश्वरी, डॉ सुनीता पात्रा उपस्थित थे। 


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