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अग्रसेन महाविद्यालय में हुआ वेबिनार "कोरोना से नौकरी पेशा और मजदूर-वर्ग रहा सर्वाधिक प्रभावित"

अग्रसेन महाविद्यालय में हुआ वेबिनार "कोरोना से नौकरी पेशा और मजदूर-वर्ग रहा सर्वाधिक प्रभावित"
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रायपुर | अग्रसेन महाविद्यालय (रायपुर) में आज “कोविड-19 और समाज पर इसका प्रभाव” विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया.

अपने संबोधन में पं सुन्दरलाल शर्मा मुक्त विवि बिलासपुर में समाज कार्य एवं समाज शास्त्र संकाय के विभागाध्यक्ष प्रो. संजीव कुमार लावनिया ने कहा कि कोरोना के कारण अर्थव्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित  हुई है. ऐसे में इसे सँभालने के लिए वैज्ञानिक विधि से कृषि को बढ़ावा देना होगा. साथ ही शिक्षा में सुचना तकनीक के प्रयोग का विस्तार करना होगा. इसी प्रकार, सहकारिता आधारित उद्योगों को भी प्रोत्साहित करना होगा. बेरोजगारी दूर करने के लिए वैकल्पिक तरीके अपनाने होंगे और अन्य राज्यों से घर लौट चुके मजदूरों को उनके गृह क्षेत्रों में  ही कौशल के अनुरूप रोजगार देने की व्यवस्था करनी होगी.

पं रविशंकर शुक्ल विवि में मानवविज्ञान संकाय के विभागाध्यक्ष डॉ. अशोक प्रधान ने इस महामारी के दुष्प्रभाव पर जेयर्ड डायमंड की चर्चित किताब “कोलैप्स” का जिक्र करते हुए कहा कि इस लेखक ने पन्द्रह वर्ष पहले ही कोरोना जैसी महामारी के संकट का अनुमान बता दिया था.  उन्होंने कहा कि समाज के लिए सबसे बड़ा संकट यही है कि हम सभी को मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए एक दूसरे से मेल मिलाप रखना जरुरी है. लेकिन दुखद पहलू यह है कि यही मेल-जोल कोरोना के फैले के सबसे बड़ा कारण भी है. ऐसे में मनुष्य को यदि मिलने जुलने से ही रोक दिया जाये, तो भले ही हम शारीरिक रूप से कोरोना से बचे रह जायेंगे और स्वस्थ भी रहेंगे. किन्तु मानसिक रूप से हम तनावग्रस्त और व्यग्र जरुर हो जायेंगे. उन्होंने कहा कि इस बीमारी से शहरी क्षेत्रों में नौकरी करने वाले लोग और मजदूर वर्ग को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. वहीँ आदिवासी समाज सबसे हम प्रभावित हुआ है.       

महाविद्यालय के डायरेक्टर डॉ वी.के. अग्रवाल ने इस वेबिनार में शामिल  वक्तों के विचारों  को समसामयिक बताते हुए कहा कि कोरोना से समाज को आपसी मेल-जोल से वंचित कर दिया है. यही इसकी सबसे बड़ी त्रासदी है. इस आयोजन में आमंत्रित वक्ताओं के प्रति आभार् व्यक्त करते हुए प्राचार्य डॉ युलेंद्र कुमार राजपूत ने कहा कि इस बीमारी से श्रमिक और सेवा क्षेत्र के लोग ही सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. महाविद्यालय के एडमिनिस्ट्रेटर प्रो. अमित अग्रवाल ने कहा कि विद्वत वक्ताओं ने जो विश्लेषण किया, उससे समाज के सामने आने वाली चुनौतियों को समझने में मदद मिलेगी. इस आयोजन में प्रतिभागियों ने वक्तव्य के बाद कुछ सवाल भी किये, जिनका आमंत्रित वक्ताओं ने विस्तार से जवाब दिया. इस वेबिनार का संचालन समाजकार्य विभाग की समन्वयक प्रो. कविता अग्रवाल ने किया तथा तकनीकी समन्वय प्रबंध संकाय के प्राध्यापक प्रो. अभिनव अग्रवाल ने किया.

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