महाराष्ट्र के नए राज्यपाल रमेश बैस के सामने क्या होगी चुनौती?
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के इस्तीफे को राष्ट्रपति भवन की मंजूरी के बाद झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को महाराष्ट्र का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है. रमेश बैस का झारखंड में बतौर राज्यपाल कार्यकाल भी विवादों में रहा है. हेमंत सोरेन सरकार के साथ आधे दर्जन से ज्यादा बार सरकार के विजन और सरकार के फैसलों पर राज्यपाल सवाल खड़े कर चुके हैं.
हेमंत सोरेन और उनकी पार्टी ने नेता कई मौके पर राज्यपाल को निशाने पर लेते दिखाई दिए हैं. राज्यपाल रमेश बैस के लिए महाराष्ट्र की नई जिम्मेदारी आसान नहीं रहने वाली है.
विधायकों का मुद्दा रमेश बैस के लिए सिर दर्द साबित हो सकता है?
उद्धव ठाकरे सरकार के वक्त कैबिनेट की मंजूरी से राज्यपाल नियुक्त 12 लोगों के नाम राजभवन भेजे गए थे. लेकिन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया. वहीं एकनाथ शिंदे-देवेन्द्र फडणवीस सरकार ने अस्तित्व में आने के बाद सीएम दफ्तर ने MVA सरकार द्वारा दी लिस्ट को रद्द करने की मांग राज्यपाल से की. हालांकि राजभवन ने सीएम दफ्तर के पत्र पर कोई फैसला नहीं लिया. नए राज्यपाल रमेश बैस के सामने राज्यपाल नियुक्त 12 विधायकों पर निर्णय सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होगा जो राज्यपाल को बड़ी निष्पक्षता के साथ लेना होगा.