मजदूरी बचाने को गर्भाशय निकलवा देती हैं महिलाएं, कहा हो रही है इस तरह की घटनाये, पढ़े पूरी खबर
महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में मजदूरी बचाने के लिए महिलाओं द्वारा गर्भाशय निकलवा देने के कई मामले सामने आ चुके हैं। इस मामले में कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नितिन राउत ने सीएम उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर मांग की है कि वह इसमें हस्तक्षेप करें। नितिन राउत के मुताबिक, इस क्षेत्र में गन्ना श्रमिकों में महिलाओं की संख्या काफी ज्यादा है और वे अपनी मजदूरी बचाने के चक्कर में गर्भाशय ही निकलवा देती हैं।
सीएम उद्धव ठाकरे को मंगलवार को लिखे पत्र में नितिन राउत ने कहा है, 'माहवारी के दिनों में बड़ी संख्या में महिला मजदूर काम नहीं करती हैं। काम से अनुपस्थित रहने के कारण उन्हें मजदूरी नहीं मिलती है। ऐसे में पैसों की हानि से बचने के लिए महिलाएं अपना गर्भाशय ही निकलवा दे रही हैं, ताकि माहवारी ना हो और उन्हें काम से छुट्टी ना करनी पड़े।'
मराठवाड्यातील सुमारे ३० हजार महिला उस तोड कामगारांनी मासिक पाळीच्या ४ दिवसांत रोजगार बूडू नये म्हणून गर्भाशय काढून टाकल्याची गंभीर बाब समोर आली आहे. यावर मानवीय दृष्टीकोनातून मासिक पाळीतील ४ दिवसाची मजूरी महिला उस तोड कामगारांना देण्याची मागणी मुख्यमंत्र्यांकडे आज मी केली . pic.twitter.com/AJkB8OFhdd
— Dr. Nitin Raut (@NitinRaut_INC) December 24, 2019
लगभग 30 हजार है ऐसी महिलाओं की संख्या
कांग्रेस नेता राउत का कहना है कि ऐसी महिलाओं की संख्या करीब 30,000 है। राउत का कहना है कि गन्ने का सीजन छह महीने का होता है। इन महीनों में अगर गन्ना पेराई फैक्टरियां प्रति महीने चार दिन की मजदूरी देने को राजी हो जाएं तो इस समस्या का समाधान निकल सकता है।
नितिन राउत ने अपने पत्र में ठाकरे से अनुरोध किया है कि वह मानवीय आधार पर मराठवाड़ा क्षेत्र की इन गन्ना महिला मजदूरों की समस्या के समाधान के लिए संबंधित विभाग को आदेश दें। राउत के पास पीडब्ल्यूडी, आदिवासी मामले, महिला एवं बाल विकास, कपड़ा, राहत एवं पुनर्वास मंत्रालय विभाग हैं। बता दें कि महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार में शिवसेना के अतिरिक्त कांग्रेस और एनसीपी भी शामिल हैं।