छत्तीसगढ़ पर फिर पड़ा Corona का साया,एक ही दिन में इस जिले में मिले इतने कोरोना मरीज,जानिए किस जिले में कितने एक्टिव केस ?    |    CG CORONA UPDATE : छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामलों में बढ़त जारी...जानें 24 घंटे में सामने आए कितने नए केस    |    छत्तीसगढ़ में आज कोरोना के 10 नए मरीज मिले, कहां कितने केस मिले, देखें सूची…    |    प्रदेश में थमी कोरोना की रफ्तार, आज इतने नए मामलों की पुष्टिं, प्रदेश में अब 91 एक्टिव केस    |    CG CORONA UPDATE : छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामलों में बढ़त जारी...जानें 24 घंटे में सामने आए कितने नए केस    |    BREAKING : प्रदेश में आज 15 नए कोरोना मरीजों पुष्टि, देखें जिलेवार आकड़े    |    प्रदेश में कोरोना का कहर जारी...कल फिर मिले इतने से ज्यादा मरीज, एक्टिव मरीजों का आंकड़ा पहुंचा 100 के पार    |    छत्तीसगढ़ में मिले कोरोना के 14 नए मरीज...इस जिले में सबसे ज्यादा संक्रमित,कुल 111 एक्टिव केस    |    सावधान : छत्तीसगढ़ में फिर बढ़ रहा कोरोना...जानें 24 घंटे में सामने आए कितने नए केस    |    Corona update: प्रदेश में 2 कोरोना मरीजों की मौत...इलाज के दौरान तोड़ा दम    |

मजदूरी बचाने को गर्भाशय निकलवा देती हैं महिलाएं, कहा हो रही है इस तरह की घटनाये, पढ़े पूरी खबर

मजदूरी बचाने को गर्भाशय निकलवा देती हैं महिलाएं, कहा हो रही है इस तरह की घटनाये, पढ़े पूरी खबर
Share

महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में मजदूरी बचाने के लिए महिलाओं द्वारा गर्भाशय निकलवा देने के कई मामले सामने आ चुके हैं। इस मामले में कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नितिन राउत ने सीएम उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर मांग की है कि वह इसमें हस्तक्षेप करें। नितिन राउत के मुताबिक, इस क्षेत्र में गन्ना श्रमिकों में महिलाओं की संख्या काफी ज्यादा है और वे अपनी मजदूरी बचाने के चक्कर में गर्भाशय ही निकलवा देती हैं।

सीएम उद्धव ठाकरे को मंगलवार को लिखे पत्र में नितिन राउत ने कहा है, 'माहवारी के दिनों में बड़ी संख्या में महिला मजदूर काम नहीं करती हैं। काम से अनुपस्थित रहने के कारण उन्हें मजदूरी नहीं मिलती है। ऐसे में पैसों की हानि से बचने के लिए महिलाएं अपना गर्भाशय ही निकलवा दे रही हैं, ताकि माहवारी ना हो और उन्हें काम से छुट्टी ना करनी पड़े।'

 

लगभग 30 हजार है ऐसी महिलाओं की संख्या

कांग्रेस नेता राउत का कहना है कि ऐसी महिलाओं की संख्या करीब 30,000 है। राउत का कहना है कि गन्ने का सीजन छह महीने का होता है। इन महीनों में अगर गन्ना पेराई फैक्टरियां प्रति महीने चार दिन की मजदूरी देने को राजी हो जाएं तो इस समस्या का समाधान निकल सकता है।

 

नितिन राउत ने अपने पत्र में ठाकरे से अनुरोध किया है कि वह मानवीय आधार पर मराठवाड़ा क्षेत्र की इन गन्ना महिला मजदूरों की समस्या के समाधान के लिए संबंधित विभाग को आदेश दें। राउत के पास पीडब्ल्यूडी, आदिवासी मामले, महिला एवं बाल विकास, कपड़ा, राहत एवं पुनर्वास मंत्रालय विभाग हैं। बता दें कि महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार में शिवसेना के अतिरिक्त कांग्रेस और एनसीपी भी शामिल हैं।


Share

Leave a Reply