छत्तीसगढ़ पर फिर पड़ा Corona का साया,एक ही दिन में इस जिले में मिले इतने कोरोना मरीज,जानिए किस जिले में कितने एक्टिव केस ?    |    CG CORONA UPDATE : छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामलों में बढ़त जारी...जानें 24 घंटे में सामने आए कितने नए केस    |    छत्तीसगढ़ में आज कोरोना के 10 नए मरीज मिले, कहां कितने केस मिले, देखें सूची…    |    प्रदेश में थमी कोरोना की रफ्तार, आज इतने नए मामलों की पुष्टिं, प्रदेश में अब 91 एक्टिव केस    |    CG CORONA UPDATE : छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामलों में बढ़त जारी...जानें 24 घंटे में सामने आए कितने नए केस    |    BREAKING : प्रदेश में आज 15 नए कोरोना मरीजों पुष्टि, देखें जिलेवार आकड़े    |    प्रदेश में कोरोना का कहर जारी...कल फिर मिले इतने से ज्यादा मरीज, एक्टिव मरीजों का आंकड़ा पहुंचा 100 के पार    |    छत्तीसगढ़ में मिले कोरोना के 14 नए मरीज...इस जिले में सबसे ज्यादा संक्रमित,कुल 111 एक्टिव केस    |    सावधान : छत्तीसगढ़ में फिर बढ़ रहा कोरोना...जानें 24 घंटे में सामने आए कितने नए केस    |    Corona update: प्रदेश में 2 कोरोना मरीजों की मौत...इलाज के दौरान तोड़ा दम    |

उत्पीडन से बचाव के लिए महिलाओं को जागरूक होना होगा, अग्रसेन महाविद्यालय में हुआ कार्यक्रम

उत्पीडन से बचाव के लिए महिलाओं को जागरूक होना होगा, अग्रसेन महाविद्यालय में हुआ कार्यक्रम
Share

रायपुर। अग्रसेन महाविद्यालय, पुरानी बस्ती में योग विभाग ने “महिला उत्पीडन से बचाव” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया. महाविद्यालय के आंतरिक शिकायत निवारण प्रकोष्ठ और महिला उत्पीडन निषेध समिति (कैश) के सहयोग से आयोजित इस संगोष्ठी में हाल ही व्यवहार न्यायाधीश के पद पर चयनित अधिवक्ता मोनिता साहू तथा वरिष्ठ अधिवक्ता स्मिता पाण्डेय और अधिवक्ता शव श्याम साहू ने अपने विचार व्यक्त किये.। अपने संबोधन में अधिवक्ता मोनिता साहू ने महिलाओं के अधिकार के विषय में अहम जानकारी दी, उन्होंने बताया कि महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों और उत्पीडन को रोकने के लिए स्वयं महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए जागरूक बनाने की जरुरत है. अब तो नए कानून के तहत किसी महिला को लगातार घूरना भी अपराध की श्रेणी में आ गया है. उन्होंने कहा कि आजादी के इतने वर्षों बाद भी देश में महिलाओं के साथ होने वाले अपराध पर लोगों में जागरूकता की कमी देखने को मिलती है। इस स्थिति को बदलना बेहद जरुरी है अधिवक्ता स्मिता पाण्डेय ने कहा कि लोकतंत्र में सभी को एक समान अधिकार हैं। इसे समझते हुए महिलाओं को कानून की मदद लेने के लिए खुद को आगे लाना होगा. अधिवक्ता शिवश्याम यादव ने कहा कि परिवार का वातावरण, सामान्य जरूरतों की पूर्ति, और व्यक्तिगत सम्मान की रक्षा के जरिये भी महिलाओं के साथ अपराध में कमी लाई जा सकती है । इस अवसर पर महाविद्यालय के डायरेक्टर डॉ. वी.के. अग्रवाल ने कहा कि महिलाओं के साथ होने वाले अपराध को रोकने में परिवार के संस्कार सबसे प्रमुख कारक हो सकते हैं. साथ ही परिवार के सभी सदस्यों के बीच नियमित संवाद भी जरुरी है. प्राचार्य डॉ. युलेंद्र कुमार राजपूत ने कहा कि महिलाओं के उत्पीडन को रोकने की दिशा में समय समाज के हार घटक को ध्यान देना आवश्यक है, वरना स्थिति हमारे लिए घातक हो सकती है. महाविद्यालय के एडमिनिस्ट्रेटर प्रो. अमित अग्रवाल ने सभी वक्ताओं के विचार को सारगर्भित बताते हुए इस आयोजन को उद्देश्यपूर्ण बताया. कार्यक्रम में अंत में योग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ मंजू सिंह ठाकुर ने सभी वक्ताओं के विचारों के सारांश प्रस्तुत किया. कार्यक्रम का संयोजन कैश समिति की प्रभारी प्राध्यापिका डॉ नुपूर अग्रवाल ने किया. इसमें महाविद्यालय के विभिन्न संकायों के प्राध्यापकों और विद्यार्थियों ने पूरी सक्रियता से अपनी भागीदारी दी ।  


Share

Leave a Reply