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दिवाली पर इस तरह करें लक्ष्मी-गणेश की पूजा, जानें शुभ मुहूर्त और सामग्री

दिवाली पर इस तरह करें लक्ष्मी-गणेश की पूजा, जानें शुभ मुहूर्त और सामग्री
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प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को दीपावली का त्योहार मनाया जाता है। बुद्धि के दाता, विघ्नहर्ता श्री गणेश और धन-ऐश्वर्य की देवी मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए दिवाली का दिन बहुत खास माना गया है। आपके घर और ऑफिस पर पूजा-पाठ का पूर्ण लाभ मिल सके इसके लिए आवश्यक है कि श्रद्धा भक्ति के साथ हम सब दीपावली पूजन सच्चे मन से करने साथ ही वास्तु नियमों को ध्यान में रखकर सही तरीके से भी पूजा-आराधना करें। पूजा में वास्तु के कुछ नियमों को ध्यान में रखेंगे तो पूजा का अपेक्षित लाभ मिलेगा।
इस दिशा में करें लक्ष्मी-गणेश पूजन
अक्सर इस बात को लेकर लोगों में संशय रहता है कि दिवाली की पूजा किस दिशा में की जाए ? दीपावली पूजन उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में करना शुभ माना गया है,क्योंकि वास्तु में उत्तर दिशा को धन की दिशा माना गया है। पूजन करते समय साधक का मुख उत्तर या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। उत्तर दिशा चूंकि धन की दिशा है इसलिए यह क्षेत्र यक्ष साधना (कुबेर),लक्ष्मी पूजन और गणेश पूजन के लिए आदर्श स्थान है।
कैसी होनी चाहिए लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां
ध्यान रहे दीपावली पूजन में मिट्टी के लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां अथवा चित्र आदि छवियां नई होनी चाहिए। चांदी की मूर्तियों को साफ करके पुनः पूजा के काम में लिया जा सकता है। लक्ष्मी जी का वह चित्र लाकर पूजा करें जिसमें वे उनके एक ओर श्रीगणेश और दूसरी ओर सरस्वती मां विराजमान हो तथा माता लक्ष्मी दोनों हाथों से धन बरसा रही हों, धन प्राप्ति के लिए इस तरह का चित्र लगाना बहुत शुभ होता है।
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यदि बैठी हुई देवी लक्ष्मी का चित्र ला रहे हैं तो लक्ष्मी मां का वह चित्र लेकर आएं, जिसमें लक्ष्मीजी लाल वस्त्र पहन कर कमल के आसन पर विराजमान हों। मां सरस्वती,मां लक्ष्मी और गणेशजी इनके दोनों तरफ हाथी अपनी सूंड को उठाए हुए हौं। इस तरह के चित्र का पूजन करने से मां लक्ष्मी सदैव आपके घर में विराजमान रहेंगी।
दीपावली की पूजा में घी या तेल के दीपक जलाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा दूर होकर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, घर के सदस्यों को यश एवं प्रसिद्धि मिलती है। दीपावली के दिन लक्ष्मी जी की पूजा के दीपक उत्तर दिशा में रखने से घर के रुके हुए कार्य पूर्ण होती है,घर में अन्न-धन की कमी नहीं रहती।
लक्ष्मी-गणेश पूजन सामग्री :
पूजन कलश व अन्य पूजन सामग्री जैसे- खील पताशा,सिन्दूर,गंगाजल,अक्षत-रोली,मोली,फल-मिठाई,पान-सुपारी,इलाइची आदि उत्तर और उत्तर-पूर्व में ही रखा जाना शुभ फलों में वृद्धि करेगा। देवी लक्ष्मी को लाल रंग अत्यधिक प्रिय है। लाल रंग को वास्तु में भी शक्ति और शौर्य का प्रतीक माना गया है अतः माता को अर्पित किए जाने वाले वस्त्र, श्रृंगार की वस्तुएं एवं पुष्प यथासंभव लाल रंग के होने चाहिए। इसी प्रकार गणेशजी के पूजन में दूर्वा, गेंदा और गुलाब के फूलों का प्रयोग शुभ माना गया है।
देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रसन्नता के लिए भोग में खीर, बूंदी के लड्डू या फिर मावे से बनी हुई मिठाई रखें। पूजन कक्ष के द्वार पर सिन्दूर या रोली से दोनों तरफ स्वास्तिक बना देने से घर में नकारात्मक शक्तियां प्रवेश नहीं करती हैं। दीपावली पूजन में श्रीयंत्र, कौड़ी एवं गोमती चक्र की पूजा सुख-समृद्धि को आमंत्रित करती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार शंख ध्वनि व घंटानाद करने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और आस-पास का वातावरण शुद्ध और पवित्र होकर मन-मस्तिष्क में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
दिवाली 2021 लक्ष्मी-गणेश पूजा मुहूर्त :
लक्ष्मी पूजा शुभ मुहूर्त- 06:10 PM से लेकर 08:06 PM तक
लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल मुहूर्त – 05:35 PM से 08: 10 PM तक
लक्ष्मी पूजा निशिता काल मुहूर्त – 11:38 PM से 12:30 AM तक
अमावस्या तिथि प्रारम्भ – नवम्बर 04, 2021 को 06:03 AM बजे
अमावस्या तिथि समाप्त – नवम्बर 05, 2021 को 02:44 AM बजे
लक्ष्मी पूजा के लिए शुभ चौघड़िया मुहूर्त:
प्रातः मुहूर्त (शुभ) – 06:35 AM से 07:58 AM
प्रातः मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) – 10:42 AM से 02:49 PM
अपराह्न मुहूर्त (शुभ) – 04:11 PM से 05:34 PM
शाम का मुहूर्त (अमृत, चर) – 05:34 PM से 08:49 PM
रात्रि मुहूर्त (लाभ) – 12:05 AM से 01:43 AM
 


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