बड़ी खबर: चलती बस में जा घुसा 80 फीट का पाइप, दो की मौत व 16 घायल
पाली। पाली के सांडेराव गांव में भूमिगत गैस पाइपलाइन बिछाने के दौरान कंपनी के अधिकारियों-कर्मचारियों व बस चालक की लापरवाही से बड़ा हादसा हो गया। लापरवाही के कारण दो यात्रियों की मौत हो गई, जबकि 16 लोग घायल हो गए। यह हादसा पाली जिले में जयपुर-अहमदाबाद एनएच-162 पर सांडेराव गांव के निकट मंगलवार शाम को हुआ।
बताया जा रहा है कि संभवत तेज गति से आ रही बस के चालक और परिचालक ने हाइड्रोलिक मशीन से लटक रहे 80 फीट लंबे लोहे के पाइप पर ध्यान ही नहीं दिया और हादसा हो गया। कंपनी की टीम हाइड्रोलिक मशीन से पाइप उठाकर उसे खड्डे में डाल रही थी, लेकिन हवा में झूलता करीब 80 फीट लंबा और 2 फीट चौड़ाई वाला लोहे का पाइप उधर से गुजर रही निजी ट्रेवल्स की बस के आर-पार हो गया।
हाइड्रो मशीन से हवा में झूलता पाइप ड्राइवर सीट के पीछे वाली सीट की खिड़की तोड़कर बस में घुसा और सबसे पीछे वाली सीट की खिड़की तोड़कर पार हो गया। इससे बस में बैठी एक महिला की गर्दन धड़ से अलग हो गई। एक युवक का सिर फट गया। दोनो के क्षत-विक्षत शव बस से निकलवाकर पुलिस ने कब्जे में ले लिया।
हादसे के बाद बस में सवार यात्री मानों सदमे में आ गए, क्योंकि बस को लोहे के पाइप ने चीरा वह इतना भयावह था कि आठ फीट चौड़ी बस के आरपार था। साथ ही 30 फीट लंबी गाड़ी को चीरते हुए निकल गया। जिससें बस में सवार भंवरलाल पुत्र जसाराम प्रजापत निवासी ईसाली और मैना देवी पत्नी दीपाराम देवासी ईसाली की घटना स्थल पर ही मौत हो गई। जबकि, हादसे में चुन्नीलाल (38) पुत्र नेमाराम चौधरी निवासी बाड़सा, नीलम (30) पुत्री चुन्नीलाल चौधरी निवासी बाड़सा, भुण्डाराम (49) पुत्र मिश्रीलाल घांची निवासी शेखावास, कमला (40) पत्नी रताराम मेघवाल निवासी बाबा गांव, सुजाराम (36) पुत्र नारायण लाल देवासी निवासी चिरपटिया, रानी (32) पत्नी सुजाराम देवासी निवासी चिरपटिया, किरण (13) पुत्री सुजाराम, भारती (10), देवी (8) पुत्री सुजाराम निवासी चिरपटिया, अंबालाल पुत्र माधाराम देवासी केसरगढ़ घायल हो गए, जिन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।
हादसे के बाद बस चालक फरार हो गया। पुलिस कह रही है कि शुरुआती जांच में यह हादसा गैस पाइप लाइन बिछाने वाली फर्म की लापरवाही से हुआ, क्योंकि 80 फीट लंबे और एक फीट चौड़ाई वाले वजनी पाइप को महज एक हाइड्रो मशीन से उठाकर कंट्रोल करना संभव नहीं होता।