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अवैध बांस कटाई में रेंजर को बचाने की कोशिश, बीट गार्ड के विरूद्ध लगवाए जा रहे झूठे आरोप

अवैध बांस कटाई में रेंजर को बचाने की कोशिश, बीट गार्ड के विरूद्ध लगवाए जा रहे झूठे आरोप
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कोरबा |  कटघोरा वनमंडल अंतर्गत बांकी क्षेत्र के हल्दीबाडी परिसर में स्थित बांस बाडी आरएफ.790 से पिछले दिनों 353 नग हरे-भरे बांस की कटाई के मामले में जांच को लेकर जहां तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं, वहीं राजधानी तक यह चर्चा सरगर्म है कि विभाग के अधिकारी इस अवैध कटाई को रेंजर मृत्युंजय शर्मा की मामूली चूक बताकर एवं बीट गार्ड शेखर सिंह रात्रे द्वारा अपने कार्यक्षेत्र में हुए इस अवैध कटाई पर रेंजर के अलावा डिप्टी रेंजर अजय कौशिक, वन रक्षक रामकुमार यादव पर बरती गई सख्ती को अभद्रता, दुव्र्यवहार बताने की आड लेकर कहीं न कहीं बचाने के लिए प्रयास कर रहे हैं।

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वर्तमान में 1 जुलाई से 15 अक्टूबर तक बांस की कटाई, छंटाई का कार्य पूरी तरह प्रतिबंधित रखा गया है और इस बंद अवधि में वृक्षों का गिराया जाना तथा काष्ठ एवं जलाऊ लकडी का हटाया जाना प्रतिबंधित रहता है, ऐसे प्रतिबंध के बावजूद बिना कोई आदेश और वर्किंग प्लान बगैर बांस की कटाई अवैधानिक ही है। इस पूरे मामले में बीट गार्ड के समर्थन में विभिन्न कर्मचारी संगठनों के अलावा समाज के लोग भी खडे हुए हैं तो दूसरी ओर मामले की लीपापोती और रेंजर को बचाने की कोशिशों में बीट गार्ड के विरूद्ध झूठे आरोप भी लगवाए जा रहे हैं। हाल ही में बीट गार्ड शेखर सिंह रात्रे पर उक्त प्रकरण के15 दिन पहले 250 नग बांस की कटाई करवाने का आरोप सामने आया।

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बीटगार्ड पर अरदा वन समिति के अध्यक्ष इतवार सिंह कंवर एवं बांस काटने वाले मजदूर अनूजराम के द्वारा यह बात सामने लाई गई थी कि करीब 250 बांस की कटाई रिजर्व फॉरेस्ट के बीट गार्ड शेखर रात्रे ने खुद कराई थी। बीट गार्ड ने अनुज राम को 1 हजार रुपए भी दिया था। कटाई के बाद बांस कहां भेजे गएए इसकी जानकारी न तो अध्यक्ष और न मजदूर को है। रेंजर मृत्युंजय शर्मा का कहना है कि उन्हें बांस कटाई की जानकारी डिप्टी रेंजर से मिली थी लेकिन कटाई के बाद बांस डिपो नहीं भेजा गया था। गड़बड़ी की आशंका पर वे खुद मौके पर गए थे। इस तरह बीटगार्ड पर बांस की अवैध कटाई का आरोप लगा। इस प्रकरण में मजदूर अनुज राम पिता खेमसाय सारथी का बयान संदिग्ध और चौकाने वाला है। उसके द्वारा जहां बीट गार्ड के जरिए बांस कटवाने का कथन पूर्व में किया गया वहीं उसी दिन 18 जुलाई शनिवार को अनुजराम ने एक और बयान सुबह 11ण्15 बजे दर्ज कराया जिसमें परिक्षेत्र सहायक अजय कौशिक द्वारा वन विकास अधिकरण समिति के अध्यक्ष इतवार सिंह कंवर के घर बुलाकर झूठे तरीकेए डराकर 250 बांस पूर्व में काटे हो कहकर हस्ताक्षर कराया गया एवं धमकाया गया जो कि पूरी तरह गलत है। पहले इतवार ने ही बांस प्लाट से 50 नग बांस कटवाया है। इस तरह अनुज राम का अलग-अलग बयान संदेह के दायरे में है।
 
 
बीट गार्ड शेखर रात्रे का कहना है कि यह सारा मामला झूठा है। जब एक 65 वर्ष का व्यक्ति अनुज राम एक दिन में 250 बांस काट सकता है तो डिप्टी रेंजर को गुरडूमुडा से 11 श्रमिक बुलाने की जरूरत नहीं थी। यह भी सवाल है कि एक वृद्ध एक दिन में 250 बांस काट सकता है तो 11 व्यस्क श्रमिक एक दिन में केवल 353 बांस ही क्यों काट पाए, यदि मेरे द्वारा बांस की अवैध कटाई कराई गई और उस वक्त रेंजर, डिप्टी रेंजर, वन विकास अभिकरण समिति के अध्यक्ष इतवार सिंह कंवर भी मौजूद थे तो मेरे विरूद्ध कार्यवाही क्यों नहीं की गई। सच यह है कि 17 जुलाई को बीट गार्ड के द्वारा अवैध बांस कटाई का प्रकरण दर्ज करने के अगले दिन डिप्टी रेंजर के द्वारा सुबह करीब 9 बजे इतवार सिंह के घर जाकर 65 वर्षीय अनुज राम सारथी को बुलाकर डरा.धमका कर हस्ताक्षर कराया गया।
 


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