BIG BREAKING : राजधानी रायपुर में तय हुआ जमीन का कलेक्टर गाइडलाइन रेट, प्रशासन ने लिया बड़ा फैसला
रायपुर | राजधानी में जमीन का सरकारी यानी कलेक्टर गाइडलाइन रेट इस साल भी नहीं बढ़ेगा। तहसील अफसरों ने पटवारियों की रिपोर्ट के आधार पर जो रिपोर्ट तैयार की है, उसमें साफ कर दिया गया है कि कोरोना और लाॅकडाउन जैसी परिस्थितियों की वजह से गाइडलाइन रेट पिछले साल की तरह इस बार भी स्थिर रखना चाहिए।
पढ़ें : BIG BREAKING : कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही इन राज्यों के लोगों को राजधानी में मिलेगी एंट्री
जिला मूल्यांकन समिति ने इस रिपोर्ट पर मंथन के बाद तय कर लिया है कि इस साल भी गाइडलाइन रेट नहीं बढ़ाया जाएगा। जिले से इसी आशय का प्रस्ताव इस हफ्ते राज्य मूल्यांकन समिति को भेज दिया जाएगा। पिछले साल भूपेश सरकार ने जिलों को साफ निर्देश दिए थे कि गाइडलाइन रेट नहीं बढ़ाए जाने हैं, इसलिए बढ़ाए नहीं गए। इस बार भी माना जा रहा है कि राज्य शासन गाइडलाइन रेट में वृद्धि नहीं करने का अपना पिछले साल का फैसला जारी रखेगा।
निवेश कोई नहीं कर रहा है, सिर्फ जरूरत के अनुरूप प्रापर्टी खरीदी जा रही है। इस वजह से रियल स्टेट भी स्थिर है। अभी रजिस्ट्री दफ्तर को जो भी आमदनी हुई है, वह नवंबर से जनवरी तक के सौदों पर ही हुई है।
पिछले साल गाइडलाइन रेट नहीं बढ़े, लेकिन अप्रैल से नवंबर तक खरीदी-बिक्री भी नहीं के बराबर हुई। इसलिए गाइडलाइन रेट नहीं बढ़ाए जाने चाहिए। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगर गाइडलाइन रेट बढ़ता है तो इससे जमीन-मकान खरीदने में लोगों का खर्च बढ़ेगा। इससे रियल एस्टेट पर ब्रेक लग सकता है, जो धीरे-धीरे उठ रहा है। इससे शासन को भी लाभ नहीं होगा, इसलिए गाइडलाइन रेट नहीं बढ़ाना चाहिए।
पढ़ें : बड़ी खबर : अनियंत्रित हो नहर में जा गिरी कार, एक युवक की मौत, एक की खोज जारी, जाने कहाँ की है यह खबर
आमदनी इस साल भी कम
राज्य सरकार की ओर से कलेक्टर गाइडलाइन में दी गई 30 फीसदी की छूट के बावजूद रायपुर जिला अपने टारगेट से पीछे है। 2020-21 के लिए रायपुर जिले को 465 करोड़ का टारगेट दिया गया था। लेकिन अभी तक विभाग 300 करोड़ का आंकड़ा भी नहीं छू पाया है। इसलिए भी पूरा प्रशासन गाइडलाइन रेट बढ़ाने के मूड में नहीं है।