BIG BREAKING : पुराने प्रकरण में घिरा एंटी करप्शन ब्यूरो, कोर्ट ने दिए जाँच के आदेश
बिलासपुर | पांच साल पहले सिंचाई अफसर आलोक अग्रवाल के यहां छापेमारी के प्रकरण में एसीबी का अमला जांच के घेरे में आ गया है। सीजेएम के आदेश पर सिविल लाइन पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ चोरी, धोखाधड़ी और दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ का प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
एसीबी ने सिंचाई विभाग के कार्यपालन यंत्री आलोक अग्रवाल के यहां छापेमारी की थी। आलोक अग्रवाल के साथ ही उनके भाई पवन अग्रवाल और परिवार के लोगों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था। आलोक अग्रवाल की गिरफ्तारी भी हुई थी। अग्रवाल के परिजनों ने एसीबी की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए थे, और गंभीर आरोप लगाए थे।
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परिजनों का आरोप था कि आलोक अग्रवाल के साथ-साथ उनके परिवार के लोगों की संपत्ति और सामान को भी अवैध कमाई का बताया गया। और जब्त किया गया। जबकि उनका पुश्तैनी व्यवसाय है। कई सामान गायब हो गए, और दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ की गई। फर्जी दस्तावेज तैयार कर पवन अग्रवाल और अन्य लोगों को फंसाया गया। यह सब कार्रवाई तत्कालीन आईजी मुकेश गुप्ता और एसपी रजनेश सिंह के नेतृत्व में हुई थी।
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परिजनों ने इस पूरे मामले में कई जगह शिकायत की थी, और फिर कोई कार्रवाई न होने पर न्यायालय में परिवाद दायर किया था। बिलासपुर सीजेएम ने इस पूरे मामले में गंभीर माना है। कोर्ट ने कार्रवाई के आदेश दिए हैं। कोर्ट के आदेश पर सिविल लाइन पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ धारा 120 (बी), 420, 467, 468, 471, 166, 167, 380 के तहत प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बिलासपुर एसपी प्रशांत अग्रवाल ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा में कहा कि कोर्ट के आदेश पर प्रकरण दर्ज कर जांच में लिया गया है। जिन लोगों की भूमिका सामने आएगी, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।