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इस केंद्र शासित प्रदेश के उच्च न्यायालय के नाम में परिवर्तन किया गया

इस केंद्र शासित प्रदेश के उच्च न्यायालय के नाम में परिवर्तन किया गया

16 जुलाई, 2021 को कानून मंत्रालय में न्याय विभाग द्वारा अधिसूचित एक आदेश के साथ, ‘Common High Court of UT of Jammu & Kashmir and UT of Ladakh’ का नाम बदलकर ‘जम्मू और कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय’ (High Court of Jammu & Kashmir and Ladakh) कर दिया गया है। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने इस परिवर्तन को करने के लिए Jammu and Kashmir Reorganisation (Removal of Difficulties) Order, 2021 पर हस्ताक्षर किए। “पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय” में नाम पैटर्न के अनुरूप सुविधा के लिए इस नामकरण को “जम्मू और कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय” के रूप में प्रतिस्थापित किया जा सकता है। यह परिवर्तन जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के अधिनियमन के अनुरूप किया गया था। यह अधिनियम जम्मू और कश्मीर राज्य को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में पुनर्गठित करने के लिए अधिनियमित किया गया था।

जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019
इस अधिनियम में जम्मू और कश्मीर राज्य के पुनर्गठन के प्रावधान शामिल हैं। यह अधिनियम 31 अक्टूबर, 2019 को अधिनियमित किया गया था। इसके लिए विधेयक 5 अगस्त, 2019 को गृह मंत्री, अमित शाह द्वारा पेश किया गया था। 6 अगस्त, 2019 को इसे लोकसभा द्वारा पारित किया गया और 9 अगस्त 2019 को राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त हुई। इससे पहले अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर के दिए गये विशेष दर्जे को समाप्त किया गया था।

जम्मू और कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय
यह कोर्ट केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए है। इसकी स्थापना 26 मार्च, 1928 को जम्मू और कश्मीर के महाराजा द्वारा जारी पेटेंट पत्र द्वारा की गई थी। इसमें न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 17 है, जिनमें से 13 स्थायी न्यायाधीश हैं और 4 अतिरिक्त न्यायाधीश हैं। न्यायमूर्ति पंकज मिथल 4 जनवरी, 2021 से इस न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश हैं। 

गाँव वालों ने की प्रोमिका से मिलने पहुंचे प्रेमी की जमकर पिटाई, फिर थाने में कराइ शादी, जाने कहाँ का है यह मामला

गाँव वालों ने की प्रोमिका से मिलने पहुंचे प्रेमी की जमकर पिटाई, फिर थाने में कराइ शादी, जाने कहाँ का है यह मामला

शिवहर | शिवहर जिले में एक प्रेमी अपनी प्रेमिका से मिलने उसके घर पहुंचा तो ग्रामीणों के हत्थे चढ़ गया | उसकी जमकर पिटाई की गई | बाद में स्थानीय थाना पुलिस की पहल पर प्रेमी प्रेमिका के परिजनों की रजामंदी के साथ दोनों की शादी करा दी गई | मामला शिवहर जिले के तरियानी प्रखंड क्षेत्र के हिरम्मा थाना क्षेत्र अंतर्गत दुम्मा गांव का है |

जानकारी के मुताबिक गांव में प्रेमिका से मिलने पहुंचे प्रेमी को ग्रामीणों ने पकड़ लिया | उसे बंधक बनाकर पीटा गया. इसकी सूचना प्रभारी थाना अध्यक्ष सह अवर निरीक्षक मनोज कुमार सिंह को दी गई | मौके पर पहुंची हिरम्मा थाना की पुलिस ने युवक को ग्रामीणों से मुक्त कराया और थाने लाकर युवक से गहन पूछताछ की गई | जहां मामला प्रेम प्रसंग का सामने आया | लड़का लड़की दोनों बालिक निकले | इसके बाद प्रभारी थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने दोनों के अभिभावकों को बुलावा भेजा | साथ ही ग्रामीणों ने आपसी पहल कर दोनों की शादी कराने का फैसला लिया |

थाना परिसर में ही शादी की आपसी सहमति बनी | बगल के स्थित गौरी शंकर मंदिर में पुरोहित को बुलाया गया और दोनों की शादी करा दी गई | इस अनोखी शादी की चर्चा चारों तरफ हो रही है | अनोखी शादी को लेकर प्रभारी थानाध्यक्ष की पहल की सर्वत्र सराहना की जा रही है | वहीं प्रेमी मुन्ना ने प्रेमिका के साथ शादी कराने के लिए थानाध्यक्ष के प्रति आभार जताया है |

शादी कार्यक्रम से हुई थी प्यार की शुरुआत

पड़ोसी जिला सीतामढ़ी के बैरगनिया प्रखंड निवासी मुन्ना कुमार की एक शादी समारोह में जिले के दुम्मा निवासी रिंकू से संपर्क हुआ था | इसके बाद से दोनों का प्रेम प्रसंग परवान चढ़ने लगा | दोनों एक दूसरे से चोरी-छिपे मिलते जुलते रहे | इसी दौरान गुरुवार को मुन्ना अपनी प्रेमिका से मिलने दुम्मा गांव पहुंचा था | जहां प्रेमिका के साथ बात करते हुए ग्रामीणों ने देख लिया | ग्रामीणों ने पहले उसकी पिटाई कर दी | वहीं एक कमरे में बंद कर हिरम्मा थाना पुलिस को इसकी सूचना दी गई | मौके पर पहुंची पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया और लड़की को लेकर थाने पहुंचे | पूछताछ के दौरान दोनों प्रेमी प्रेमिका ने प्रभारी थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह को अपनी प्रेम कहानी सुनाई | प्रभारी थानाध्यक्ष की पहल पर प्रेम कहानी शादी में बदल गई |

स्पेन-किर्गिस्तान की यात्रा पर इजरायल ने लगाया प्रतिबंध

स्पेन-किर्गिस्तान की यात्रा पर इजरायल ने लगाया प्रतिबंध

येरुशलम: इजरायल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप का हवाला देते हुए 23 जुलाई से स्पेन किर्गिस्तान की यात्रा पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की।
इजरायल ने पहले ही अपने नागरिकों स्थायी निवासियों को अर्जेंटीना, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, भारत, मैक्सिको, रूस, बेलारूस उजबेकिस्तान की यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया है, जब तक कि वे एक अपवाद समिति से विशेष अनुमति प्राप्त नहीं कर सकते।

इसके अलावा, इन देशों से आने वाले यात्रियों, जिनमें से कोरोना से ठीक हुए टीका लगाया गया है, को तत्काल सात-दिवसीय क्वारंटीन में रखा जाना चाहिए।
मंत्रालय ने शुक्रवार को ब्रिटेन, साइप्रस, तुर्की, जॉर्जिया, युगांडा, म्यांमार, फिजी, पनामा, कंबोडिया, केन्या लाइबेरिया के लिए भी गंभीर यात्रा चेतावनी जारी की, जो 23 जुलाई को प्रभावी होगी।

नवीनतम घोषणा से पहले, इजरायल ने 15 देशों को गंभीर यात्रा चेतावनी जारी की थी।
जिन देशों के लिए गंभीर यात्रा चेतावनी जारी की गई है, वहां से आने वाले यात्रियों को भी सात-दिवसीय क्वारंटीन में प्रवेश करना होगा।
इजरायल ने अन्य देशों से आने वाले यात्रियों के लिए 24 घंटे तक क्वारंटीन करना अनिवार्य कर दिया है, जो आगमन पर आयोजित किए जाने वाले कोविड-19 परीक्षणों के परिणामों का इंतजार कर रहे हैं।

 8वीं की छात्रा के साथ आपत्तिजनक हालत में पकड़ाया हेडमास्टर, हेडमास्टर को पुलिस ने किया गिरफ्तार

8वीं की छात्रा के साथ आपत्तिजनक हालत में पकड़ाया हेडमास्टर, हेडमास्टर को पुलिस ने किया गिरफ्तार

अररिया: बिहार के अररिया जिले से एक मामला सामने आया है, जहां स्कूल के हेडमास्टर ने छात्रा के साथ रेप किया है। मामले में पीड़ित छात्रा के पिता की शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी हेडमास्टर को गिरफ्तार कर लिया है।

मिली जानकारी के अनुसार हेडमास्टर ने छात्रा के पिता को फोनकर स्कूल भेजने को कहा। हेडमास्टर के कहे अनुसार छात्रा स्कूल पहुंच गई। इसके बाद हेडमास्टर छात्रा को स्कूल के ऊपरी मंजिल के कमरे में ले गया और उसके साथ दुष्कर्म करने लगा। वहीं, जब छात्रा देर तक घर नहीं लौटी को उसके पिता स्कूल पहुंचे। यहां उन्होंने छात्रा और हेडमास्टर को आपत्तिजनक हालत में पाया। 

वहीं, पीड़िता से पूछताछ किए जाने पर उसने बताया कि हेडमास्टर पिछले तीन महीने से राशन और स्कूल ड्रेस देने का लालच देकर जबरन दुष्कर्म कर रहे हैं। साथ ही यह भी बताया कि मना करने पर अश्लील तस्वीरें वायरल करने की धमकी भी देते हैं। हालांकि पंचों ने मामले को पंचायत स्तर पर सुलझाने की कोशिश की, लेकिन आरोपी हेडमास्टर पंचायत में नहीं आया और यह कह दिया कि जो करना है कर लो।
राजधानी में अब कोरोना के बिच मंडरा रहा डेंगू मलेरिया, चिकनगुनिया का खतरा

राजधानी में अब कोरोना के बिच मंडरा रहा डेंगू मलेरिया, चिकनगुनिया का खतरा

भोपाल। अभी कोरोना महामारी का संकट खत्म भी नहीं हुआ है कि राजाानी में मौसमी बीमारियां पैर पसारने लगी हैं। बारिश का सीजन आते ही पानी में मच्छरों के लार्वा पनपने से डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में डरने की जरूरत नहीं, लेकिन सतर्क होने की जरूरत है। वो इसलिए कि भोपाल में हर दसवें घर में डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छर का लार्वा मिल रहा है। यानी दस फीसदी घरों में लार्वा पाया जा रहा है। इसके बाद भी न तो लोग चेत रहे हैं और ना ही स्वास्थ्य विभाग लार्वा सर्वे के लिए टीमें बढ़ा रहा है। जून-जुलाई मच्छरों के पनपने के लिए सबसे अच्छे महीने माने जाते हैं। पिछले सालों तक इन महीनों में डेंगू और मलेरिया की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग 90 से 100 के बीच टीमें लगाता था, लेकिन इस साल कर्मचारियों की ड्यूटी कोरोना कार्यों में लगी है। इस वजह से भोपाल शहर की 28 लाख की आबादी के लिए सिर्फ 34 टीमें लगी हैं। ऐसे में लार्वा सर्वे किसी खानापूर्ति से कम नहीं है। पांच फीसद से ज्यादा घरों में लार्वा मिलना खतरनाक माना जाता है। दस फीसदी घरों में लार्वा मिलने का मतलब यह है कि बीमारी तेजी से फैल सकती है। डेंगू, चिकनगुनिया और जीका फैलाने वाला मच्छर 400 मीटर तक उड़ सकता है। ऐसे में अगर मच्छर डेंगू, चिनकगुनिया और जीका वायरस का वाहक है तो आसपास के 400 मीटर के दायरे में आने वाले लोगों को प्रभावित कर सकता है। जनवरी से अब तक शहर में डेंगू के 17 मरीज मिल चुके हैं। जिला मलेरिया अधिकारी अखिलेश दुबे ने बताया कि जुलाई में दो मरीज अभी तक मिले हैं। उन्होंने बताया कि जहां 2018 में जीका वायरस के मामले पाए गए थे, वहां पर विशेष रूप से सतर्कता जारी रखी जा रही है। इन क्षेत्रों में विशेष सर्वे अभियान चलाया जा रहा है। 
 बड़ा हादसा: होटल के स्विमिंग पूल में डूबने से 2 की मौत

बड़ा हादसा: होटल के स्विमिंग पूल में डूबने से 2 की मौत

गुरुग्राम। गुरुग्राम के पटौदी इलाके में पटौदी-हेलीमंडी रोड स्थित एक होटल के स्विमिंग पूल में 32 और 40 साल के दो लोगों की डूबने से मौत हो गई। पुलिस ने मृतकों की पहचान पटौदी के जटौली गांव के रहने वाले राजेश और शेर सिंह के रूप में की है।

घटना उस वक्त हुई जब चार दोस्त राजेश, शेर सिंह, मेहरचंद और भजन लाल होटल में पार्टी करने गए थे। चारों शराब पीकर पूल में नहाने आए थे। जब वे पूल में थे, राजेश और शेर सिंह अचानक डूबने लगे और अन्य लोग मदद के लिए चिल्लाने लगे। मेहरचंद और भजनलाल ने उन्हें बचाने की कोशिश की लेकिन असफल रहे।

सूचना मिलते ही पटौदी थाने के अधिकारी मौके पर पहुंचे और शवों को अपने कब्जे में ले लिया। आरोप है कि पूल संचालकों ने इसे चलाने के लिए संबंधित विभाग से अनुमति नहीं ली क्योंकि कोविड प्रतिबंधों के कारण अभी भी पूल खोलने की अनुमति नहीं है और न ही वहां कोई सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।
दर्दनाक हादसा : कुएं में गिरे 19 लोगों को बचाया गया, 11 के शव बरामद

दर्दनाक हादसा : कुएं में गिरे 19 लोगों को बचाया गया, 11 के शव बरामद

विदिशा। जिले के गंजबासौदा के लाल पठार क्षेत्र में बृहस्पतिवार शाम को कुएं में गिरे एक किशोर को बचाने के प्रयास के दौरान अंदर गिरे लोगों में से अभी तक 19 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है, जबकि 11 लोगों के शव बरामद हुए हैं। इसके साथ 24 घंटे से अधिक समय तक चला बचाव कार्य शुक्रवार रात 10 बजे खत्म हो गया।


प्रधानमंत्री मोदी ने इस घटना पर दुख जताया है। उन्होंने घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को दो लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की।


पुलिस के अनुसार, बृहस्पतिवार की शाम एक किशोर कुएं में गिर गया था, जिसे बचाने के लिए कुछ लोग उसमें नीचे उतरे। इस दौरान घटना को देखने के लिए कुएं की मुंडेर (जगत) और उस पर बनी छत पर कई लोग जमा हो गए। भीड़ के वजन से कुएं की मुंडेर और छत टूट गए और उस पर खड़े लोग अंदर जा गिरे।


इसके बाद इस कुएं में एक और हादसा हो गया। बचाव कार्य में लगा एक ट्रैक्टर कुछेक बचावकर्मियों के साथ बृहस्पतिवार रात को करीब 11 बजे इसमें गिर गया था। हालांकि, उनको बचा लिया गया।


मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री विश्वास सारंग शुक्रवार रात को घटनास्थल से फोन पर बताया कि बचाव कार्य शुक्रवार रात 10 बजे खत्म हो गया है। उन्होंने कहा कि हादसे के बाद 19 लोगों को कुएं से सुरक्षित बाहर निकाला गया है। कुएं से कुल 11 शव बरामद हुए हैं।


इसी बीच, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि गंजबासौदा में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना में मरे लोगों के परिजन को पांच-पांच लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी, साथ ही घायलों के नि:शुल्क उपचार की व्यवस्था की जाएगी।


उन्होंने इस घटना की उच्च-स्तरीय जांच और पीड़ितों को हरसंभव चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। चौहान ने बताया कि सरकार पीड़ित परिवारों के साथ है। आगे भी जरूरत हुई तो इन परिवारों की पूरी मदद की जाएगी। स्थानीय लोगों के अनुसार, जिस कुएं में हादसा हुआ वह लगभग 50 फीट गहरा है और उसमें पानी का स्तर करीब 20 फुट था।

बड़ी खबर : राज्य में फिर बड़ी कोरोना की रफ़्तार, प्रदेश में आज 1806 नए मरीजों की हुई पहचान, 42 मरीजों की मौत

बड़ी खबर : राज्य में फिर बड़ी कोरोना की रफ़्तार, प्रदेश में आज 1806 नए मरीजों की हुई पहचान, 42 मरीजों की मौत

कर्नाटक | भारत में कोरोना संक्रमण एक बार फिर लगातार बढ़ते जा रहा है | कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से सभी भयभीत है | इसी बीच कर्नाटक राज्य से कोरोना को ले कर एक खबर आ रही है | खबर है कि कर्नाटक में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 1806 नए मामले मिले है | साथ ही 2748 कोरोना मरीज स्वस्थ्य होने के उपरांत डिस्चार्ज हुए है तथा 42 कोरोना मरीजों की मौतें दर्ज़ की गई।

 पिता ने शराबी बेटे को डंडे से पीटकर उतारा मौत के घाट, पुलिस ने पिता को किया गिरफ्तार

पिता ने शराबी बेटे को डंडे से पीटकर उतारा मौत के घाट, पुलिस ने पिता को किया गिरफ्तार

रीवा। बैकुंठपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत बेलवा बडग़इयां गांव में गत दिवस एक पिता ने डंडे से पीट-पीटकर आवारा और शराबी बेटे को मौत के घाट उतार दिया। पुलिस ने पिता को गिरफ्तार कर लिया है। 

जानकारी के अनुसार, 25 वर्षीय जीतेन्द्र तिवारी नशे का आदी था। जिसकी लत को पूरा करने के लिए अक्सर घर में विवाद करता था। वह गत दिवस रात घर से लापता था। मृतक जितेंद्र गांव में आवरागर्दी करने के साथ आए दिन मारपीट, लोगों से पैसे छुड़ाना जैसी हरकतें करता रहता था। गत दिवस जब जितेंद्र नशे में धुत था। यहां पहुंचते ही परिजनों से विवाद करने लगा। यही नहीं, घर के छप्पर पर चढ़कर खपरैल को पैरों से कुचल रहा था। पिता शैलेंद्र तिवारी (50) द्वारा मना करने पर वह उनसे ही भिड़ गया। 

बताया जा रहा है कि, पिता शैलेंद्र सुबह भैंस की देखभाल करने के लिए हाथ में डंडा लिए हुए थे। बेटे की इस हरकत पर उन्होंने इसी डंडे से बेटे के सिर पर तेज प्रहार कर दिया। जिससे जितेंद्र बेहोश हो गया और उसकी मौत हो गई। बैकुंठकपुर थाना प्रभारी राज कुमार मिश्रा ने बताया कि जितेंद्र की मृत्यु के  पश्चात घर के सदस्यों ने ही पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचे और साक्ष्य जुटाए। इसके बाद जितेन्द्र ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। जितेंद्र की हरकतों से ग्रामीण भी परेशान थे। वरदात के बाद गांव में अफरा-तफरी मच गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने पिता केा हिरासत में ले लिया। 
 चलती अर्थी से उठ खड़ा हुआ 96 साल का बुजुर्ग लोगों की अटक गई सांसें, खुशी में बदला मातम

चलती अर्थी से उठ खड़ा हुआ 96 साल का बुजुर्ग लोगों की अटक गई सांसें, खुशी में बदला मातम

इंदौर। प्रदेश के छतरपुर जिले में एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां एक 98 साल के बुजुर्ग की मौत हो गई। मौत के बाद परिजनों ने बुजुर्ग की अर्थी तैयार की गई। लेकिन अर्थी ले जाते वक्त ही नजारा गम की जगह खुशी में बदल गया। इतना ही नहीं यहां अर्थी ले जाते वक्त कुछ ऐसा हुआ कि लोगों की सांसें अटक गई। दरअसल अर्थी ले जाते वक्त बुजुर्ग रास्ते में उठ खड़ा हुआ। बुजुर्ग अर्थी पर ही चिल्लाने लगा कि अभी मैं जिंदा हूं। बुजुर्ग की आवाज सुनकर अर्थी को कंधा देने वालों को एक पल के लिए तो सांसें अटक गई। हालांकि जब अर्थी को नीचे रखा तो बुजुर्ग उठकर खड़ा हो गया। बुजुर्ग को जिंदा देख वहां मातम का माहौल खुशी में बदल गया।
 
लवकुशनगर का मामला- मामला छतरपुर जिले में आने वाली तहसील लवकुशनगर का है। यहां चंदला रोड पर रहने वाले 96 वर्षीय मनसुख कुशवाहा की हाल ही में मौत हो गई थी। मौत के बाद घर में मातम छा गया। साथ ही पड़ोसियों और रिश्तेदारों को भी इसकी खबर की गई। कुछ देर में मृतक के घर लोगों की भीड़ जमा हो गई। रिश्तेदार भी मृतक के घर पहुंच गए। अंतिम संस्कार के लिए अर्थी तैयार की गई। परिजनों ने बुजुर्ग के शव को बांधकर श्मशान ले जाने लगे। राम नाम सत्य के है के नारों के साथ जैसे ही अर्थी आधे रासते पहुंची तो बुजुर्ग होश में आ गया। बुजुर्ग अर्थी से चिल्लाने लगा कि अभी मैं जिंदा हूं। इसके बाद परिजनों में खुशी की लहर दौड़ गई। घर में पसरा मातम का माहौल भी खुशी में बदल गया। बता दें कि इस तरह के अनोखे मामले कई बार देखे जा चुके हैं। 
 बड़ी खबर: जहरीली गैस की चपेट में आकर चार मजदूरों की हुई मौत

बड़ी खबर: जहरीली गैस की चपेट में आकर चार मजदूरों की हुई मौत

तिरुवनंतपुरम। केरल में कोल्लम जिले के कुंडारा में कुएं के अंदर जहरीली गैस की चपेट में आकर दम घुटने से चार मजदूरों की मौत हो गयी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार , कुएं की सफाई के लिए दो व्यक्ति कुएं में उतरे थे और वे तुरंत अचेत हो गये। बाद में दोनों को बचाने के लिए कुएं में उतरे दो अन्य व्यक्ति भी बेहोश हो गये। स्थानीय लोगों ने पीडि़तों को निकालने के लिए दमकल को सूचना दी। इनमें से तीन की मौके पर मौत हो गयी थी जबकि चौथे व्यक्ति ने समीप के अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ दिया।

मृतकों की पहचान सोमराजन (53), राजन (36), मनोज (34) और शिवप्रसाद (24) के रूप में की गयी है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आवश्यक कार्रवाई कर रही है।
  प्रदेश में कोरोना वायरस की तीसरी लहर ने दी दस्तक? लगाया गया 10 दिनों का का पूर्ण कर्फ्यू

प्रदेश में कोरोना वायरस की तीसरी लहर ने दी दस्तक? लगाया गया 10 दिनों का का पूर्ण कर्फ्यू

मणिपुर: मणिपुर में कोरोना की तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है। इसी आशंकाओं के बीच एक बार फिर प्रदेश में कर्फ्यू लगाया गया है। प्रदेश में डेल्टा वैरिएंट के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए 10 दिनों का का पूर्ण कर्फ्यू (Curfew) लगाया है। जो 18 जुलाई से शुरू होगा। ये कर्फ्यू बिल्कुल वैसा ही है, जैसा पूर्ण लॉकडाउन के दौरान हुआ था।

मणिपुर स्वास्थ्य विभाग ने नोटिस जारी किया है। जारी नोटिस के मुताबि, मणिपुर में डेल्टा वैरिएंट का फैलना चिंता का विषय है। इसकी चैन को तोड़ने के लिए राज्य सरकार ने ये निर्णय लिया है।

इस दौरान सिर्फ जरूरी कामकाज को छोड़कर बाकी सभी बंद रहेंगी। इनमें वैक्सीनेशन, कोविड टेस्टिंग, मेडिकल सर्विस, वाटर सप्लाई, पावर सप्लाई, इंटरनेट सर्विस, खेती और एयर ट्रैवल सर्विस जारी रहेंगी।


 
8 साल की बच्ची को मिला न्याय : रेप फिर हत्या करने वाले को सजा-ए-मौत...

8 साल की बच्ची को मिला न्याय : रेप फिर हत्या करने वाले को सजा-ए-मौत...

बुलंदशहर। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में एक 8 साल की बच्ची को 140 दिन में ही न्याय मिल गया। बच्ची के साथ रेप और उसकी हत्या करने के मामले में दोषी साबित हुए हरेंद्र को विशेष पॉक्सो कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। साथ ही 1.20 लाख रुपये का जुर्माना लगा है।


दरअसल, अनूपशहर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में 25 फरवरी को अपनी दो बेटियों के साथ एक दंपति खेत में काम कर रहा था, तभी 8 साल की मासूम बच्ची ट्यूबवेल की तरफ पानी पीने चली गई। यहीं 28 साल के युवक हरेंद्र ने मासूम बच्ची को बुरी नियत से पकड़ लिया और अपने घर ले जाकर बच्ची के साथ हैवानियत की।


इतना ही नहीं हरेंद्र ने मासूम बच्ची से रेप के बाद उसकी गला दबाकर हत्या कर दी और अपने ही घर के आंगन में गड्ढा खोद शव को दफन कर दिया और फरार हो गया था। 28 फरवरी को बच्चे के पिता ने हरेंद्र पर शक जाहिर करते हुए केस दर्ज कराया। इस घटना की तफ्तीश डिबाई क्षेत्र की डिप्टी एसपी वंदना शर्मा को दी गई।


इसके बाद 2 मार्च को हरेंद्र के घर की तलाशी ली गयी तो बाथरूम के पास कमजोर मिट्टी मिली। मिट्टी ताजी थी. पुलिस ने इसी शक के आधार पर खुदाई कराई तो बच्ची का शव बरामद हो गया। इसी दौरान हरेंद्र के बिस्तर पर बच्ची के सिर का बाल और उसका लॉकेट मिला। फिर दिल्ली में छिपे हरेंद्र को गिरफ्तार कर लिया गया। उसके गले पर नाखून के निशान थे।


हरेंद्र के गले पर लगे नाखून के निशान की जब डीएनए जांच कराई गई तो वह बच्ची के ही निकले। पुलिस ने 10 दिन के अंदर कोर्ट में चार्जशीट फाइल कर दी. विशेष पॉक्सो कोर्ट की जस्टिस पल्लवी अग्रवाल ने प्रस्तुत साक्ष्यों, गवाहों और बयानों के आधार पर हरेंद्र को मासूम की रेप के बाद हत्या और साक्ष्य छिपाने आदि का दोषी करार देते हुए उसे फांसी की सजा और 1.20 लाख रुपये का जुर्माना मुकर्रर किया।

बच्चे को बचाने जुटी भीड़ के कारण धंसा कुआं, 30 लोग गिरे अंदर, पढ़े पूरी खबर

बच्चे को बचाने जुटी भीड़ के कारण धंसा कुआं, 30 लोग गिरे अंदर, पढ़े पूरी खबर

विदिशा । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से 120 किलोमीटर दूर विदिशा जिले के गंजबासौदा में गुरुवार शाम को बड़ा हादसा हो गया। लाल पठार गांव में कुएं में लड़के के गिरने के बाद उसे निकालने पहुंचे लोगों की भीड़ की वजह से कुआं धंस गया, जिसके चलते करीब 30 से ज्यादा लोग अंदर जा गिरे।
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीम के जारी रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद अब तक तकरीबन 19 लोगों को बाहर निकाला जा चुका है। अब भी कई लोग लापता हैं, जबकि 4 की मौत हो चुकी है और उनके शव बरामद कर लिए गए हैं।
हादसे के तुरंत बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटनास्थल पर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमों को भोपाल से बचाव कार्य के लिए रवाना किया। साथ ही, मुख्यमंत्री ने तमाम बड़े अधिकारियों से बात कर राहत और बचाव कार्य में तेजी लाने के लिए कहा।
विदिशा जिले के प्रभारी मंत्री विश्वास सारंग भी मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद भोपाल से रवाना होकर मौके पर पहुंचे और लगातार राहत और बचाव कार्य निगरानी करते रहे। इस हादसे के बाद मुआवजे का ऐलान किया गया है। मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता, घायलों को 50 हज़ार रुपये और निशुल्क: इलाज की घोषणा की गई है।

कैसे हुआ यह हादसा...
दरअसल, गंजबासौदा के लाल पठार गांव में शाम 6:00 बजे 14 साल का लड़का एक कुएं में गिर गया था। तकरीबन 30 फीट गहरे कुएं में 10 से 15 फीट तक पानी था। बच्चे के गिरने के बाद लोगों की भीड़ उसे बचाने के लिए कुएं के आस-पास पहुंच गई। कुएं को ऊपर सीमेंटेड स्लैब से ढका गया था।
लोगों की भीड़ के वजन से अचानक स्लैब टूट गया और कुआं धंस गया। इसके चलते 30 से ज्यादा लोग कुएं में गिर गए। घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन के तमाम अधिकारी मौके पर पहुंचे जेसीबी समेत अन्य मशीनों के जरिए राहत और बचाव कार्य शुरू किया। उधर, रात तकरीबन 11 बजे राहत कार्य में लगा एक ट्रैक्टर भी जमीन के धंसने से गिर गया।
विवाह स्थल को ही सीएम ने बनाया कंट्रोल रूम
राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विदिशा में अपनी गोद ली हुई बेटियों की शादी के मौके पर मौजूद थे इसलिए उन्होंने विवाह स्थल को ही कंट्रोल रूम बना दिया। वहीं से पूरे मामले की निगरानी करते हुए उन्होंने आईजी, कमिश्नर, कलेक्टर, एसपी समेत तमाम अधिकारियों को वहां भेज दिया। मुख्यमंत्री ने घटना के बारे में और जानकारी देते हुए ट्वीट किया, ``विदिशा जिले के गंजबासौदा थानांतर्गत कुछ लोगों के कुएं में गिरने की सूचना मिली है।
घटनास्थल पर एसडीएम उपस्थित हैं। मेरे निर्देश पर जिला कलेक्टर व एसपी भी पहुंच रहे हैं। प्रशासन की टीम तत्परता के साथ बचाव कार्य में जुटी हुई है। मैंने सीएस, डीजीपी और एसडीआरएफ डीजी से बात की है। घटनास्थल के लिए एसडीआरएफ की टीम बचाव कार्य के लिए आवश्यक उपकरणों के साथ रवाना हो गई है। कमिश्नर एवं आईजी भी रवाना हो गए हैं. मैं लगातार स्थिति का जायजा ले रहा हूं और लाइव कॉन्टैक्ट में हूं।``
सीएम ने उच्चस्तरीय जांच के दिए आदेश
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हादसे के उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, ``पूरी ताकत से प्रशासन राहत और बचाव कार्यों में लगा है। मैंने इसी स्थान को कंट्रोल रूम बना दिया है. लगातार मैं सीधे राहत एवं बचाव कार्य के संपर्क में हूं।
बेहतर से बेहतर प्रयास करके हम रेस्क्यू ऑपरेशन चलाएंगे और लोगों को बचाने का भरसक प्रयास करेंगे. यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। विश्वास सारंग जी से मैंने कहा कि तत्काल घटनास्थल पर पहुंचें और राहत व बचाव कार्य पर सीधी नजर रखें। मैंने गंजबासौदा घटना की उच्चस्तरीय जांच और पीड़ितों को हरसंभव चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।`
 

नागरिक विमानन मंत्रालय ने ड्रोन नियम, 2021 का मसौदा जारी किया

नागरिक विमानन मंत्रालय ने ड्रोन नियम, 2021 का मसौदा जारी किया

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सार्वजनिक परामर्श के लिए पुनर्गठित “ड्रोन नियम, 2021” जारी किये हैं। ड्राफ्ट नियम ट्रस्ट, सेल्फ-सर्टिफिकेशन और गैर-घुसपैठ निगरानी (non-intrusive monitoring) के आधार पर बनाए गए थे। यह UAS नियम 2021 की जगह लेगा जो 12 मार्च, 2021 को जारी किया गया था।

ड्राफ्ट ड्रोन नियम 2021
नए नियमों के अनुसार, डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर न्यूनतम मानव इंटरफेस होगा और अधिकांश अनुमतियां स्वयं उत्पन्न (self-generated) होंगी।
यह भविष्य में ‘नो परमिशन – नो टेक-ऑफ’ (NPNT), रीयल-टाइम ट्रैकिंग बीकन, जियो-फेंसिंग आदि सुरक्षा सुविधाओं को भी सूचित करेगा।
इन नियमों के तहत, ड्रोन और ड्रोन घटकों के आयात को विदेश व्यापार महानिदेशालय द्वारा नियंत्रित किया जाएगा।
सभी ड्रोन प्रशिक्षण एक अधिकृत ड्रोन स्कूल द्वारा किए जाएंगे।
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय प्रशिक्षण आवश्यकताओं को निर्धारित करेगा, ड्रोन स्कूलों की देखभाल करेगा और ऑनलाइन पायलट लाइसेंस प्रदान करेगा।
बिना विशिष्ट पहचान संख्या (unique identification number) वाले ड्रोन के संचालन की अनुमति तब तक नहीं दी जाएगी जब तक इसे छूट नहीं दी जाती। ड्रोन ऑपरेटरों को डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर अपेक्षित विवरण प्रदान करके ड्रोन की एक विशिष्ट पहचान संख्या उत्पन्न करने की आवश्यकता होती है।


हवाई क्षेत्र के नक्शे में तीन क्षेत्र
ड्रोन नियम 2021 हरे, पीले और लाल क्षेत्रों के साथ एक इंटरेक्टिव हवाई क्षेत्र का नक्शा प्रदान करता है। इन जोनों को डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर प्रदर्शित किया जाएगा। येलो जोन को पास के एयरपोर्ट परिधि से 45 किमी से घटाकर 12 किमी कर दिया गया है। ग्रीन जोन में, हवाई अड्डे की परिधि से 8 से 12 किमी के बीच 400 फीट और 200 फीट तक के क्षेत्र में किसी भी उड़ान की अनुमति की आवश्यकता नहीं है।

डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म
यह पहल नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा NPNT जैसे ड्रोन प्रौद्योगिकी ढांचे का समर्थन करने के लिए एक सुरक्षित और स्केलेबल प्लेटफॉर्म प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी।  

करंट लगने से मासूम बच्चे की मौत, यहाँ जानिए विस्तार से

करंट लगने से मासूम बच्चे की मौत, यहाँ जानिए विस्तार से

जयपुर: राजस्थान के जयपुर से दिल-देहला देने वाली खबर सामने आ रही है, ग्रेटर नगर निगम पर लापरवाही का बड़ा आरोप लगा है. बुधवार रात एक घर का चिराग बुझ गया. पार्क में खुले पड़े बिजली के तार में दौड़ रहे करंट के लगने से 10 साल के बच्चे की मौत हो गई. हादसे के बाद से अब सवाल ये उठ रहे है कि आखिर क्यों न दोषियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए. दरअसल, जयपुर के मानसरोवर इलाके में वरुण पथ स्थित एक पार्क में बुधवार रात ये हादसा हुआ. जहां पर बिजली के पोल के खुले तारों में आ रहे करंट से 10 साल के गौरव केसवानी की मौत हो गई.

स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह बिजली के तार बीते कई दिनों से खुले पड़े हैं और इनमें करंट आता है. स्थानीय पार्षद से लेकर जिम्मेदार अधिकारियों तक को कई बार सूचना देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई.


पहले पति और अब बेटे की मौत

बताया जा रहा है कि मृतक गौरव के पिता कि 3 साल पहले ही मौत हुई है. तो वहीं अब बेटे की मौत से उसकी मां का बुरा हाल हो चुका है. गौरव के शव के पोस्टमार्टम के लिए परिजन जयपुरिया अस्पताल की मोर्चरी के बाहर बैठे नजर आए. करीबी रिश्तेदार गौरव की मां को ढांढस बंधाते दिखे. मृतक गौरव के परिजनों ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए हत्या का मुकदमा चलाये जाने की मांग की|

घटना के बाद विधायक ने दिया ज्ञापन
करंट से बच्चे की मौत मामले में विधायक अशोक लाहोटी ने ग्रेटर नगर निगम पहुंचकर ज्ञापन सौंपा. इस दौरान उन्होंने 5 लाख रूपये का मुआवजा परिजनों को देने, दोषियों के ख़िलाफ कानूनी कार्रवाई करने और लाइट लगाने वाली फर्म को ब्लैकलिस्ट करने की मांग की. हालांकि, क्षेत्रीय पार्षद के सूचना के बाद भी काम न करने के सवाल को वे टाल गए. जब उनसे पूछा गया कि दोषियों के खिलाफ क्या हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए तो उन्होंने इस पर सहमति जताई|

हत्या के मुकदमे पर पुलिस का तर्क
मानसरोवर थाना के एएसआई भगवान सहाय से जब पूछा गया कि क्या दोषियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने का प्रावधान है, तो उनका कहना है पोस्टमार्टम के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी|


जिम्मेदारों के तर्क

इस पूरे मामले में ग्रेटर नगर निगम के आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव का कहना है कि मामले की जांच करवाई जा रही है. लाइट रखरखाव का जिम्मा आरसी एंटरप्राइजेज के पास था. जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई होगी. मुआवजे का प्रावधान निगम में नही है, इसलिए जिला कलेक्टर से बातचीत की है. तो वहीं निगम के कार्यवाहन मेयर शील धाभाई का कहना है कि घटना बेहद अफसोसजनक है. दोषियों पर कार्रवाई होगी. बच्चे के परिजनों से मुलाकात की जाएगी|

  किन्नरों को भूलकर भी इन चीजों का न करें दान, घर से चली जाएगी बरकत

किन्नरों को भूलकर भी इन चीजों का न करें दान, घर से चली जाएगी बरकत

हिंदू धर्म में किसी भी शुभ अवसर पर या मांगलिक क्यों के आयोजन के उपरांत किन्नरों को दान देने की प्रथा है. ऐसा माना जाता है कि किन्नरों को दान देने या पाने से घर में सुख शांति बनी रहती है. घर-परिवार में समृद्धि और बरकत आती है इसलिए लोग किन्नरों को दिल खोलकर दान देते हैं. लेकिन कुछ ऐसी भी चीजें होती हैं जिसे किन्नरों को दान देने से घर की बरकत चली जाती है, अनेक प्रकार परेशानियां आ जाती हैं. इस लिए इन चीजों को इन्हें भूलकर भी दान नहीं देना चाहिए. आइये जानें कौन सी चीजें हैं जिन्हें किन्नरों को दान नहीं देना चाहिए.

झाडू- झाडू माता लक्ष्मी को बहुत प्रिय होती है. इससे सारी घर की हर गन्दगी दूर की जाती है. घर में साफ़ सफाई झाड़ू के माध्यम से ही की जाती है. जहां साफ़ सफाई रहती है वहां मां लक्ष्मी वास करती है. ऐसे में किन्नरों को झाडू दान करने से माता लक्ष्मी नाराज हो जाती है और वे रूठकर घर से चली जाती हैं.

प्लास्टिक की चीजें- मान्यता है कि किन्नरों को कभी भी प्लास्टिक की चीजें दान नहीं करनी चाहिए. ऐसा करने से घर के सदस्यों की प्रगति और घर का विकास रुक जाता है.

पुराने कपड़े- किन्नरों को कभी भी पहने हुए या पुराने कपड़े दान में नहीं देना चाहिए. किन्नरों को कपड़े दान करने से पहले इस बात को सुनिश्चित करना चाहिए कि वे पुराने या पहने हुए नहीं हैं. मान्यता है कि पुराने कपड़ों का दान करने से जीवन में समस्याएं हो सकती है.
 
तेल- लोग अक्सर किसी भी शुभ अवसर पर किन्नरों आटा या चावन दान देते हैं. परन्तु इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि उन्हें कभी भी तेल दान में ना दें. मान्यता है कि तेल देने से घर में कोई भी बड़ी विपदा आ सकती है.
 महिला ने दिया 3 सिर वाले बच्चे को जन्म, ब्रम्हा का अवतार मान दर्शन को उमड़ा पूरा गांव

महिला ने दिया 3 सिर वाले बच्चे को जन्म, ब्रम्हा का अवतार मान दर्शन को उमड़ा पूरा गांव

दुनिया में अजीबोगरीब बर्थ (Weird Birth Cases) के मामले सामने आते रहते हैं. गर्भ में किसी तरह की किसी कमी की वजह से बच्चे का शेप और साइज बिगड़ जाता है जिसकी वजह से वो अजीब सी हालत में जन्म लेता है. लोग इसे मेडिकल कमी की जगह भगवान का तोहफा मान लेते हैं. जन्म के ये अजीबोगरीब मामले ना सिर्फ जानवरों में देखने को मिलते हैं बल्कि इंसानों में भी ऐसे केसेस देखने को मिलते हैं. भारत के उत्तर प्रदेश में हाल ही में ऐसा एक मामला सामने आया.

उत्तर प्रदेश में रहने वाले एक महिला ने नॉर्मल डिलीवरी में तीन सिर वाले बच्चे ((Three-headed baby) को जन्म दिया. 3 सिर वाले बच्चे की खबर गांव में आग की तरह फ़ैल गई. हर कोई बच्चे के दर्शन के लिए उसके घर आने लगा. हालांकि, एक नजर में ये बच्चा डरावना भी दिख रहा है. लेकिन लोग इसे ब्रम्हा का अवतार मानकर इसकी पूजा कर रहे हैं. इस बच्चे को कई लोग ब्रम्हा का अवतार कह रहे हैं. बताया जा रहा है कि इसका जन्म 12 जुलाई को हुआ था. इसकी मां का नाम रागिनी है और जन्म के बाद से कई अनजान लोग इसके दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं.

तीन सिर वाले इस बच्चे की नॉर्मल डिलीवरी करवाई गई. जब ये मां के गर्भ से निकला तो इसे जन्म दिलवाने वाली आया चीख पड़ी. हालांकि, बच्चा और मां दोनों ही स्वस्थ है. इस बच्चे की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. हर कोई बच्चे को देख हैरान है. इसके दो एक्स्ट्रा सिर की वजह से उसे काफी डिस्कंफर्ट भी महसूस हो रहा था. गांव में खटिया पर लेटे बच्चे ने विदेशी मीडिया का भी ध्यान खींचा है. बताया जा रहा है अब कि बच्चे का जन्म सरकारी अस्पताल में हुआ, जहां से डिस्चार्ज होकर अब दोनों घर वापस आ गए हैं.

हालांकि, बच्चे के सिर से ज्यादा उसके घर वाले लोगों की भीड़ से परेशान है. मां और बच्चे को कोई आराम नहीं करने दे रहा. कुछ लोग तो इनके घर पूजा की थाली लेकर आ रहे हैं. सभी बच्चे के दर्शन के लिए वहां डेरा लगाकर बैठे हैं. लोकल्स का कहना है कि ये ब्रम्हा का अवतार है. कुछ तो कई-कई किलोमीटर दूर से बच्चे के दर्शन के लिए आ रहे हैं.
 सरकार ने कोविड की तीसरी लहर को देखते हुए लिया बड़ा फैसला : 30 जुलाई तक बढाया गया लॉकडाउन

सरकार ने कोविड की तीसरी लहर को देखते हुए लिया बड़ा फैसला : 30 जुलाई तक बढाया गया लॉकडाउन

कोलकाता। पश्चिम बंगाल सरकार ने कोविड की तीसरी लहर के आसन्न खतरे को ध्यान में रखते हुए कुछ ढील के साथ कोई जोखिम नहीं लेने और 30 जुलाई तक कोविड-प्रेरित प्रतिबंधों को जारी रखने का फैसला किया है। हालांकि राज्य ने ट्रेनों के संचालन की अनुमति नहीं दी है, लेकिन इसने कुछ और क्षेत्रों को खोल दिया है, जिससे लोगों को आराम मिला है और व्यापार के अधिक अवसर प्रदान किए गए हैं।

एक आदेश में, राज्य सरकार ने कहा, सभी दुकानें और बाजार (आवश्यक और गैर-आवश्यक वस्तुएं) सामान्य परिचालन घंटों के अनुसार खुले रह सकते हैं। शॉपिंग मॉल और मार्केट कॉम्प्लेक्स में खुदरा दुकानें सामान्य परिचालन समय के अनुसार प्रति घंटे 50 प्रतिशत कार्यबल के हिसाब से खुली रह सकती हैं। एक बार में 50 प्रतिशत तक लोगों/ग्राहकों का प्रतिबंधित प्रवेश रहेगा।

हालांकि, कहा कहा गया है कि रात के कर्फ्यू का समय- रात 9 बजे से शाम 5 बजे तक रहेगा। इस प्रकार यह स्पष्ट करते हुए कि सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठान रात्रि 9 बजे तक बंद रहेंगे।

जिन बैंकों को अब तक दोपहर 2 बजे तक काम करने की अनुमति थी, उन्हें और एक घंटा काम करने की अनुमति दी गई है। बैंक और वित्तीय संस्थान सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे के बीच प्रतिबंधित घंटों के लिए खुले रहेंगे।

राज्य सरकार ने यह भी कहा कि सुबह 6 बजे से रात 9 बजे के दौरान सुबह की सैर, शारीरिक व्यायाम आदि के लिए पार्क खुले रह सकते हैं। लेकिन केवल टीकाकरण वाले लोगों को ही अनुमति दी जाएगी। जिम को सुबह 6 बजे से सुबह 10 बजे और शाम 4 बजे तक खुले रहने की अनुमति होगी। रात 8 बजे तक प्रत्येक सत्र में 50 प्रतिशत क्षमता के साथ, बशर्ते कर्मचारियों/कर्मचारियों और ग्राहकों को टीका लगाया गया हो।

सैलून और ब्यूटी पार्लर एक समय में 50 प्रतिशत बैठने की क्षमता के साथ सामान्य परिचालन घंटों के अनुसार खुले रह सकते हैं, बशर्ते कर्मचारियों/कर्मचारियों और ग्राहकों को टीका लगाया गया हो।
 
राज्य सरकार ने आदेश दिया कि सभी सिनेमा हॉल, स्पा और स्विमिंग पूल बंद रहेंगे, लेकिन आखिरी को विशेष रूप से राज्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के तैराकों के नियमित अभ्यास के लिए सुबह 6 बजे से सुबह 10 बजे तक खोला जा सकता है।

मेट्रो रेल सेवा सप्ताह में 5 दिन 50 प्रतिशत बैठने की क्षमता के साथ संचालित होगी और शनिवार और रविवार को निलंबित रहेगी। मेट्रो अधिकारियों और स्थानीय प्रशासन द्वारा मेट्रो की नियमित सफाई, मास्क पहनना और यात्रियों द्वारा उचित कोविड अनुपालन अनुशासन सुनिश्चित किया जाएगा।
 
हालांकि परिवहन व्यवस्था में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि लोकल ट्रेनों को खोलने की भारी मांग थी, लेकिन राज्य सरकार ने उन्हें और 15 दिनों के लिए निलंबित रखने का फैसला किया।

आदेश में कहा गया है, आपातकालीन और आवश्यक सेवाओं के कर्मियों की आवाजाही के लिए विशेष ट्रेनों को छोड़कर इंट्रा-स्टेट लोकल ट्रेन की आवाजाही बंद रहेगी।
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 इस देश में लगती है दुल्हन की मंडी, पैसे देकर पसंद की बीवी खरीदते हैं लोग

इस देश में लगती है दुल्हन की मंडी, पैसे देकर पसंद की बीवी खरीदते हैं लोग

दुनिया में एक ऐसा देश भी है जहां लड़कियों की शादी ही बाजार में बिकने के बाद ही होती है. लड़कियों को लेकर उनके माता-पिता ही दुल्हनों की मंडी में पहुंचते हैं. इस मंडी में दुल्हन के तमाम खरीदार होते हैं, जो उसकी बोली लगाते हैं. फिर माता-पिता सबसे ज्यादा बोली लगाने वाले से अपनी बेटी का रिश्ता तय कर देते हैं.

बुल्गारिया की स्तारा जागोर नाम की जगह पर हर साल में चार बार दुल्हनों का बाजार सजता है. यहां आने वाले दूल्हे अपनी पसंद की दुल्हन खरीदकर उसे अपनी पत्नी बना सकते हैं.

अनोखी परंपरा बुल्गारिया के रोमा समुदाय में सालों से चली आ रही है. यहां लड़कियों को 14 साल तक स्कूल से भी निकाल लिया जाता है. उन्हें कॉलेज भी नहीं भेजा जाता क्योंकि दु्ल्हनों की मंडी में सिर्फ दो योग्यताएं चाहिए- लड़की को घर का काम आता हो और वो कुआंरी हो. यही वजह है कि दुल्हन की मंडी में आने वाली ज्यादातर लड़कियां नाबालिग ही होती हैं.

सज-संवरकर बाजार में पहुंचती हैं लड़कियां
रोमा समुदाय के लोगों की संख्या अब बुल्गारिया में इतनी ज्यादा नहीं है, लेकिन इनकी गरीबी और दकियानूसी सोच इन्हें आगे बढ़ने भी नहीं दे रही. इस समुदाय की लड़कियों को भी इस परंपरा पर कोई खास आपत्ति नहीं होती, क्योंकि वे शुरू से ही इसके लिए मानसिक तौर पर तैयार होती हैं. बचकोवो मोनेस्ट्री के नज़दीक लगने वाले इस बाज़ार में नाबालिग लड़कियों का सौदा 300-400 डॉलर तक में होता है. न तो इन युवतियों को कभी कॉलेज की शक्ल देखने का मौका मिलता है, न ही वो घर-परिवार के अलावा कुछ सोच पाती हैं. दुल्हनों के बाजार में पहुंचने के लिए वे कई दिन पहले से ही तैयारी शुरू कर देती हैं और उनका खूबसूरत दिखना बेहद ज़रूरी होता है. यहां मौजूद लड़के अपनी पसंद के मुताबिक लड़की चुनते हैं और उनके बीच बात-चीत होती है.

लड़केवाले देते हैं दहेज
बाज़ार में कोई लड़की पसंद आने के बाद लड़का उसे पत्नी मान लेता है और माता-पिता को इस शादी के लिए राज़ी होना पड़ता है. लड़के और लड़की के बीच घर-परिवार और आमदनी पर बातचीत होती है, फिर परिवारवाले शादी की रकम तय करते और रिश्ता हो जाता है. लड़कियां इस बाज़ार में अकेले नहीं आतीं, हमेशा उनके साथ उनके परिवार का कोई सदस्य ज़रूर होता है. दुल्हनों का बाज़ार कलाइदझी समुदाय की ओर से लगाया जाता है और यहां कोई बाहरी शख्स दुल्हन खरीदने नहीं आ सकता. लड़कियों को बेचने की ये परंपरा इन समुदायों की गरीबी और अभाव से जन्मी है, जिसे कोई खत्म नहीं कर पाया. हालांकि अब इस समुदाय की महिलाएं अगली पीढ़ी के लिए और खुलापन चाहती हैं, लेकिन बिना शिक्षा के ये मुमकिन नहीं है और महिलाओं को यहां हायर सेकेंडरी की भी शिक्षा मुश्किल से मिल पाती है.