छत्तीसगढ़ पर फिर पड़ा Corona का साया,एक ही दिन में इस जिले में मिले इतने कोरोना मरीज,जानिए किस जिले में कितने एक्टिव केस ?    |    CG CORONA UPDATE : छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामलों में बढ़त जारी...जानें 24 घंटे में सामने आए कितने नए केस    |    छत्तीसगढ़ में आज कोरोना के 10 नए मरीज मिले, कहां कितने केस मिले, देखें सूची…    |    प्रदेश में थमी कोरोना की रफ्तार, आज इतने नए मामलों की पुष्टिं, प्रदेश में अब 91 एक्टिव केस    |    CG CORONA UPDATE : छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामलों में बढ़त जारी...जानें 24 घंटे में सामने आए कितने नए केस    |    BREAKING : प्रदेश में आज 15 नए कोरोना मरीजों पुष्टि, देखें जिलेवार आकड़े    |    प्रदेश में कोरोना का कहर जारी...कल फिर मिले इतने से ज्यादा मरीज, एक्टिव मरीजों का आंकड़ा पहुंचा 100 के पार    |    छत्तीसगढ़ में मिले कोरोना के 14 नए मरीज...इस जिले में सबसे ज्यादा संक्रमित,कुल 111 एक्टिव केस    |    सावधान : छत्तीसगढ़ में फिर बढ़ रहा कोरोना...जानें 24 घंटे में सामने आए कितने नए केस    |    Corona update: प्रदेश में 2 कोरोना मरीजों की मौत...इलाज के दौरान तोड़ा दम    |

आजाद भारत के इतिहास में पहली बार किसी महिला को होने जा रही है फांसी, पढ़े पूरी खबर

आजाद भारत के इतिहास में पहली बार किसी महिला को होने जा रही है फांसी, पढ़े पूरी खबर
Share

मथुरा। आजाद भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा होगा जब किसी महिला कैदी को फांसी पर लटकाया जाएगा। मथुरा स्थित उत्तर प्रदेश के इकलौते महिला फांसीघर में अमरोहा की शबनम को फांसी पर लटकाया जाना है।
 
 
फांसी की तारीख तय नहीं है लेकिन माना जा रहा है कि  निर्भया के आरोपियों को फांसी पर लटकाने वाले मेरठ के पवन जल्लाद इसे अंजाम देने वाले हैं। पवन दो बार फांसीघर का दौरा भी कर चुके हैं।
 

शबनम ने अप्रैल 2008 में प्रेमी के साथ मिलकर अपने 7 परिजनों की कुल्हाड़ी से काटकर बेरहमी से हत्या कर दी थी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शबनम की फांसी की सजा बरकरार रखी थी। राष्ट्रपति ने भी उसकी दया याचिका खारिज कर दी है। लिहाजा आजादी के बाद शबनम पहली महिला कैदी होगी जिसे फांसी पर लटकाया जाएगा।
 
 
शबनम ने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर माता-पिता और 10 माह के मासूम भतीजे समेत परिवार के सात लोगों का कुल्हाड़ी से गला काट कर मौत की नींद सुला दिया था। मथुरा जेल में 150 साल पहले महिला फांसीघर बनाया गया था। लेकिन आजादी के बाद से अब तक किसी भी महिला को फांसी की सजा नहीं दी गई। वरिष्ठ जेल अधीक्षक शैलेंद्र कुमार मैत्रेय ने बताया कि अभी फांसी की तारीख तय नहीं है, लेकिन हमने तैयारी शुरू कर दी है। डेथ वारंट जारी होते ही शबनम को फांसी दे दी जाएगी।
 

अमरोहा की शबनम के परिवार में टीचर पिता शौकत अली, मां हाशमी, भाई अनीस, राशिद, भाभी अंजुम और दस महीने का भतीजा अर्श शामिल थे. शबनम और गांव के ही आठवीं पास युवक सलीम के बीच प्रेम संबंध था जो उसके पिता को पसंद नहीं था। दोनों शादी करना चाहते थे लेकिन शबनम सैफी और सलीम पठान बिरादरी से था। एक तो कम पढ़ा लिखा युवक और फिर दूसरी बिरादरी से होने के चलते शबनम के परिवार ने शादी से साफ़ इनकार कर दिया था।
 

इसके बाद से सलीम से मिलने के लिए शबनम पूरे परिवार को नींद की गोलियां खिलाने लगी। जब परिवार सो जाता तो घर की छत के रास्ते से रोज सलीम मिलने आता था। हालांकि दोंनों ने फिर एक ऐसा फैसला लिया जो दिल दहलाने वाला था। 14 अप्रैल, 2008 की रात को शबनम ने प्रेमी सलीम को घर बुलाया और परिवार को नींद की गोलियां खिलाकर सुला दिया। रात में शबनम व सलीम ने मिलकर नशे की हालत में सो रहे पिता शौकत, मां हाशमी, भाई अनीस, राशिद, भाभी अंजुम, फुफेरी बहन राबिया और दस माह के भतीजे अर्श का गला काट कर मौत की नींद सुला दिया।

Share

Leave a Reply