आज राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयसेवक एवं शासकीय कला एवम वाणिज्य गर्ल्स महाविद्यालय देवेंद्र नगर की छात्रसंघ अध्यक्ष मंजू साहू आपनी टीम के साथ विधायक श्री कुलदीप जुनेजा जी से मिली तथा महाविद्यालय की समस्याओ से अवगत कराया |
राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त एम के राउत ने आज कलेक्टोरेट के सभाकक्ष सृजन में सूचना का अधिकार विषय पर आयोजित जिला स्तरीय कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रशासन को पारदर्शी और जवाबदेही बनाना सूचना का अधिकार का मूल उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि आवेदक को जानकारी उपलब्ध नहीं कराने से नुकसान संबंधित जनसूचना अधिकारी को होता है। उन्होंने कहा कि ज्ञान बाँटने से ही ज्ञान बढ़ता है। द्वितीय अपील में प्रकरण आने के बाद आवेदक को जानकारी उपलब्ध नहीं कराए। आयोग के पत्रों का जवाब अवश्य दें और आयोग के निर्णय का पालन करते हुए जवाब अवश्य दें।
मुख्य सूचना आयुक्त राउत ने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम आम जनता की भलाई के लिए बनाया गया है। नागरिकों के द्वारा शासकीय योजनाओंए कार्यक्रमों और कार्यों की जानकारी मांगने पर निर्धारित समय सीमा में आवेदक को जानकारी उपलब्ध कराने का दायित्व जनसूचना अधिकारी का है। उन्होंने कहा कि शासकीय कार्योंए दस्तावेजों और कार्यक्रमों को विभागीय वेबसाईट में प्रदर्शित करेंए ताकि आम नागरिक को सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन लगाने की जरूरत ही ना पड़े। इस अवसर पर राज्य सूचना आयोग के सचिव संजय दीवानए अपर कलेक्टर राजेन्द्र कटाराए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ऋचा प्रकाश चौधरीए अपर कलेक्टर आरए कुरूवंशीए सहायक कलेक्टर संबित मिश्राए संयुक्त संचालक धनंजय राठौर भी उपस्थित थे।
राज्य सूचना आयुक्त मोहनराव पवार ने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 आम जनता की भलाई के लिए है। उन्होंने कहा कि सरकारी गतिविधियों को पूर्णतरू पारदर्शी बनाना है और आवेदक को समय.सीमा के भीतर जानकारी दें अन्यथा निर्धारित समय.सीमा 30 दिन के बाद आवेदक को निरूशुल्क जानकारी देनी होगी। पवार ने कहा कि सूचना आयोग पेनाल्टी लगाने वाली संस्था नहीं हैए लेकिन जानबूझकर जानकारी नहीं देने अथवा गलती करने पर जनसूचना अधिकारी पर पेनाल्टी लगाना जरूरी हो जाता है। ऐसी स्थिति से जनसूचना अधिकारी को बचना चाहिए।
राज्य सूचना आयुक्त पवार ने कहा कि हर नागरिक को सरकारी गतिविधियों को जानने का मौलिक अधिकार है। सूचना का अधिकार अधिनियम सरकार के कार्यो को पारदर्शी बनाना है। इसमें पहली कड़ी जनसूचना अधिकारी हैंए ये अधिकारी सूचना का अधिकार अधिनियम के मेरूदण्ड हैं। इसलिए जनसूचना अधिकारी अधिनियम के तहत प्राप्त आवेदनों को स्वयं पढ़े और सकारात्मक सोच से कार्य करेंए इससे गलती की संभावना कम होगी। जानकारी देने की समय.सीमा और शुल्क निर्धारित कर जानकारी उपलब्ध कराने आवेदक को पत्र अवश्य देंए जनसूचना अधिकारी इसका विशेष ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि शुल्क के रुप में संलग्न स्टाम्प छत्तीसगढ़ राज्य का है तभी स्वीकार करें अन्य राज्य के होने पर और किस प्रयोजन के लिए खरीदा गया इसको ध्यान से देखकर स्टाम्प सूचना का अधिकार से संबंधित आवेदन के लिए नहीं हैए तो अमान्य करते हुए वापस कर दें।
राज्य सूचना आयोग के आयुक्त अशोक अग्रवाल ने कार्यशाला में स्पष्ट किया कि जनसूचना अधिकारी समय सीमा में आवेदक को जानकारी उपलब्ध कराने में असमर्थ है तो आवेदक प्रथम अपीलीय अधिकारी के पास अपील कर सकता है और प्रथम अपीलीय अधिकारी निर्णय देने के बाद उसे समय सीमा में कार्यान्वित कराना प्रथम अपीलीय अधिकारी का दायित्व है। उन्होंने जनसूचना अधिकारियों से कहा कि जब आवेदक सूचना का अधिकार के तहत आवेदन प्रस्तुत करता हैए तो आवेदन पत्र को ध्यान से पढ़ेए आवेदन पत्र में एक से अधिक विषय की जानकारी चाही गई हैए तो केवल एक विषय की जानकारी आवेदक को दी जा सकती है। इसी तरह सशुल्क जानकारी देने की स्थिति पर शुल्क की गणना भी आवेदक को दी जाए और आवेदक द्वारा शुल्क जमा करने के पश्चात् ही वांछित जानकारी की फोटोकॉपी उपलब्ध कराई जाए। अग्रवाल ने कहा कि आवेदक को जानकारी देते समय जनसूचना अधिकारी का नामए पदनाम का भी स्पष्ट उल्लेख किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यदि आवेदक द्वारा चाही गई जानकारी आपके कार्यालय से संबंधित नहीं हैए तो उसे संबंधित कार्यालय को 5 दिवस के भीतर आवेदन पत्र को अंतरित किया जाए। उन्होंने कहा कि शासन और प्रशासन को पारदर्शी बनाने के लिए ही सूचना का अधिकार अधिनियम बनाया गया है। जन सूचना अधिकारी अधिनियम के नियमों और उनकी बारीकियों को समझ सकेंए इसलिए इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की विस्तृत जानकारी दी गई और प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रदर्शित किया।
कार्यशाला में मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तद्वय ने जनसूचना अधिकारियों और प्रथम अपीलीय अधिकारी के प्रश्नों और शंकाओं का समाधान किया। एक दिवसीय कार्यशाला में सूचना का अधिकार अधिनियम के प्रावधानों को पावर पाइंट प्रेजेन्टेशन के माध्यम से प्रदर्शित कर जानकारी दी गई। इस कार्यशाला में जिले के सभी विभाग के जन सूचना अधिकारी और प्रथम अपीलीय अधिकारीए जनपद पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनसूचना अधिकारी और प्रथम अपीलीय अधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
भारत में दो पहिया वाहनों के उपयोग में स्कूटर्स की मांग बीते कुछ सालों में काफी बढ़ी है। वहीं बिक्री के मामले में Honda Activa अपने सेगमेंट में सबसे आगे रहा है। कंपनी ने अब तक इसके कई नए मॉडल लॉन्च किए। जिसमें 3G, 4G के बाद 5G और अब कंपनी जल्द ही Activa 6G मॉडल लॉन्च करने की तैयारी में है। बता दें कि अप्रैल 2020 से केवल BS-6 मानक इंजन वाली गाड़ियां ही बिकेंगी। इसी को ध्यान में रखते हुए कंपनी ने हाल ही में अपने BS-6 मानक इंजन वाले Activa को पेश किया था।
बेबी प्रोडक्ट्स बनाने वाली कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन ने बेबी पाउडर की एक बोतल में एस्बेस्टस की मात्रा पाए जाने पर करीब 33 हजार बेबी पाउडर की बोतलों को वापस मंगवा लिया. अमेरिकी नियामकों को पहली बार प्रोडक्ट में एस्बेस्टस की मात्रा का पता चला है. आपको बता दें कि एस्बेस्टस से कैंसर का खतरा बढ़ता है. बेबी पाउडर में एस्बेस्टस की मात्रा मिलने से 130 साल से भी पुरानी अमेरिकी स्वास्थ्य सेवा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन को बड़ा झटका लगा है. इसके बाद से ही कंपनी को अपने बाकी सभी उत्पादों पर भी मुकदमों का सामना करना पड़ रहा है.
वहीं कंपनी के महिला स्वास्थ्य के डॉक्टर सुसान निकोलसन ने शुक्रवार को एक सम्मेलन में कहा कि बेबी पाउडर के अंदर एस्बेस्टस बेहत असामान्य है. न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर के अनुसार, महीनों तक प्रोडक्ट्स में कैंसरकारक तत्वों को नकारने के बाद कंपनी ने कहा, रेग्युलेटर को ऑनलाइन रिटेलर से खरीदे गए बेबी पाउडर के सैंपल में से एस्बेस्टस की मात्रा का पता चला है. इसके बाद से ही कंपनी के शेयर 4.6 प्रतिशत गिर गए. ऐसा पहली बार हुआ है जब कंपनी ने अपने प्रोडक्ट को मार्केट से वापस बुलाया है.
33 हजार बेबी पाउडर वापस बुलाने के बाद कंपनी ने कहा कि उसने यह कदम एहतियात के तौर पर उठाया है. एक बयान में कंपनी ने कहा, ‘पिछले 40 साल में हजारों टेस्ट ने बार-बार इस बात कि पुष्टि की है कि हमारे पाउडर में एस्बेस्टस नहीं है.’ बता दें कि कंपनी पर पहले भी ऐसे कई आरोप लगाए गए थे जिसमें कहा गया था कि बेबी पाउडर में कैंसरकारक तत्व शामिल हैं
एक सेशन के लिए 14 हजार रुपये फीस लेने वाली एक महिला थेरेपिस्ट को पुलिस ने क्लाइंट से संबंध बनाने के लिए गिरफ्तार कर लिया हैण् ये मामला अमेरिकी राज्य मिनेसोटा का हैण् क्रिमिनल सेक्सुअल कंडक्ट के लिए दोषी पाए जाने पर 43 साल की क्लिनिकल साइक्लॉजिस्ट महिला जोहन्ना ली मैम को 15 साल की सजा हो सकती है
पुलिस ने थेरेपिस्ट को 11 अक्टूबर को गिरफ्तार कर लियाण् लेकिन बाद में 71 लाख रुपये के बॉन्ड पर उन्हें जमानत दे दी गईण् डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिकए थेरेपिस्ट ने झूठ बोलते हुए क्लाइंट पर रेप का आरोप भी लगाया था
जबकि पीड़ित क्लाइंट ने पुलिस से कहा कि दोनों के बीच करीब 4 महीने तक सहमति से संबंध रहे थेण् यौन संबंध की शुरुआत थेरेपी सेशन से ही हुई थीण् पीड़ित शख्स ने पुलिस को वॉयसमेल और टेक्स्ट मैसेज भी दिखाए
छत्तीसगढ़ संस्कृति विभाग रायपुर में संचालित होने वाला गढ़ कलेवा 30 अक्टूबर के बाद बंद हो जाएगा इसके साथ साथी रायपुर वासियों को
छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का जो स्वाद अब तक मिला है वह शायद अब ना मिले
गढ़ कलेवा संचालित करने वाली मोनिशा महिला स्व सहायता समूह रायपुर छत्तीसगढ़ में इसकी जानकारी दी है
जैन सोशल ग्रुप दुर्ग भिलाई एवं श्रमण संघ दुर्ग के संयुक्त तत्वाधान में आगामी 20 अक्टूबर 2019,रविवार को
स्टेशन परिसर में करती थीं भीख मांगने का काम
पिता के साथ रात को सो रही थी किशोरी
भिलाई पावर हाउस रेलवे स्टेशन में 14 साल की किशोरी को अगवा करने का मामला सामने आया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार एक मूक-बधिर भिखारी अपनी 14 साल की बेटी के साथ में रेलवे स्टेशन में ही सो रहा था। लोगों के मुताबिक अचानक एक नशेड़ी यहां पहुंचा और किशोरी को उठाकर ले गया। मूक बधिर पिता मदद की गुहार लगाता रहा लेकिन रात होने के कारण कोई भी वहां नहीं पहुंचा। सुबह होते ही पिता अपनी बेटी की फोटो लेकर लोगों से पूछता रहा। इस घटना की जानकारी अन्य लोगों को मिलने के बाद लोगों ने छानबीन शुरू की। किशोरी के कपड़े खुर्सीपार के बैरागी मोहल्ला की झाडिय़ों में मिले हैं। पुलिस के मुताबिक अब तक इसकी सूचना थाने में दर्ज नहीं कराई गई है। लेकिन सूचना मिलते ही पुलिस ने पिता से संपर्क कर बच्ची की तलाश शुरू कर दी है ।
बीते दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने १० बैंकों के विलय का ऐलान किया था. इस विलय के खिलाफ दो बैंक यूनियन २२ अक्टूबर को एक दिवसीय हड़ताल पर जाने वाले हैं. इस हड़ताल की वजह से अधिकतर सरकारी बैंकों के कामकाज प्रभावित होने की आशंका है.
इस बीच, बैंक ऑफ बड़ौदा ने अपने ग्राहकों को अलर्ट किया है. बैंक ने कहा है कि वह हड़ताल के दिन अपनी तमाम शाखाओं और कार्यालयों में कामकाज सामान्य करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहा है.
इसके साथ ही बैंक ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर हड़ताल होती है तो बैंक के शाखाओं/कार्यालयों का कामकाज पूरी तरह प्रभावित हो सकता है. हालांकि भारतीय स्टेट बैंक (स्क्चढ्ढ) को उम्मी द है कि इस हड़ताल का ज्यादा असर नहीं पड़ेगा.
एसबीआई के मुताबिक बैंक के बहुत कम कर्मचारी ऐसे हैं, जो हड़ताल करने वाले यूनियन का हिस्सा हैं, इसलिए इस हड़ताल का बैंक के कामकाज पर बेहद कम असर पड़ेगा.
एसबीआई ने यह भी कहा कि प्रस्तावित हड़ताल से कितने का नुकसान होगा उसका अभी आकलन नहीं किया जा सकता है. इसी तरह बैंक ऑफ महाराष्ट्र को भी लगाता है कि यह हड़ताल बैंकिंग स्ततर पर प्रभावित नहीं करेगा.
बता दें कि अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ और भारतीय बैंक कर्मचारी परिसंघ ने २२ अक्टूाबर को हड़ताल बुलाई है. इसे भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) ने भी समर्थन दिया है. ये हड़ताल सरकार के १० बैंकों के विलय के विरोध के लिए बुलाई गई है.
रायपुर। कबीर नगर व धरसींवा क्षेत्र में जुआ खेलने की सूचना पर पुलिस ने छापा मारकर नौ जुआरियों को गिरफ्तार कर उनके पास से 9 हजार 6 सौ 40 रुपये व ताश की 52 पत्ती जब्त किया है। मिली जानकारी के अनुसार कबीर नगर थाना पुलिस ने 18 अक्टूबर को रात्रि 10.30 बजे मुखबिर की सूचना पर ग्राम अटारी में जुआ खेलते पाए जाने पर गोविंद निषाद 32 वर्ष पिता गोमा निषाद एवं अन्य दो जुआरियों को गिरफ्तार कर उनके पास से 8 सौ 20 रुपये व ताश की 52 पत्ती जब्त किया है वहीं धरसींवा बिजली आफिस के पास जुआ खेलने की सूचना पर धरसींवा थाना पुलिस ने छापा मारकर जुआ खेलते यशवंत यादव 22 वर्ष पिता सालिक राम यादव एवं अन्य पांच जुआरियों को गिरफ्तार कर उनके पास से 8 हजार 8 सौ 20 रुपये व ताश की 52 पत्ती जब्त किया है। सभी जुआरियों के खिलाफ जुआ एक्ट की धारा 13 के तहत कार्रवाई किया गया है।
रायपुर। पैसा नहीं देने पर छोटे भाई ने बड़े भाई को गाली गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी देकर डंडे से मारकर चोट पहुंचाया। घटना की रिपोर्ट कोतवाली थाने में दर्ज की गई है। मिली जानकारी के अनुसार हमीद नगर कोतवाली रायपुर निवासी प्रदीप मसीह 38 वर्ष पिता विमल मसीह ने रिपोर्ट दर्ज करायी है कि प्रार्थी के छोटे भाई दिलीप मसीह 36 वर्ष ने पैसा मांगा नहीं है कहने पर गाली गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी देकर डंडे से मारकर चोट पहुंचाया। घटना की रिपोर्ट र पुलिस ने आरोपी के खिलाफ अलग-अलग धाराओं में अपराध कायम कर मामला दर्ज कर लिया है।
नकली गुटखा बनाने का जखीरा बरामद