भोपाल : मध्यप्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर का पीक 22 जनवरी को सर्वाधिक 11274 केस मिलने के बाद गुजर चुका है। इसके बाद से कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार कमी आ रही है। वैक्सीनेशन के कारण दूसरी लहर के मुकाबले तीसरी लहर में काफी हद तक सुकून रहा। तीसरी लहर में जिन मरीजों की मौतें हुई, उनमें 92 फीसदी मरीज दूसरी बीमारियों के शिकार थे।
सिर्फ आठ फीसदी नॉन कोमॉर्बिड पेशेंट्स की डेथ हुई है। एक जनवरी से चार फरवरी तक थर्ड वेव के 35 दिनों में 115 कोरोना संक्रमितों की मौतों के हेल्थ एनालिसिस में यह जानकारी सामने आई है। सबसे ज्यादा 45 मरीजों की मौतें इंदौर में हुई हैं। भोपाल में 17, जबलपुर में 15, ग्वालियर में सात, खरगोन में पांच, सागर में चार, रतलाम, उज्जैन, बड़वानी, विदिशा में तीन-तीन, रायसेन, दमोह, छतरपुर में दो-दो और धार, हरदा, सीहोर और रीवा में एक-एक कोरोना संक्रमितों की मौतें हुई हैं।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, बीते सात दिन में प्रदेश में 538219 सैंपल की जांच हुई। इनमें 53593 संक्रमित मिले। जिन पांच शहरों में सबसे ज्यादा पॉजिटिव मिले, उनमें भोपाल इस वीक में पहले नंबर पर आ गया। एक हफ्ते में भोपाल में 10242, इंदौर में 9041, जबलपुर में 3326, खरगोन में 1704, सीहोर में 1424 नए मरीज मिले हैं। इन्न्हीं सात दिनों में प्रदेश में 46 मौतें हुईं। इंदौर में सबसे ज्यादा 22 मौतें हुई। भोपाल में आठ व जबलपुर व खरगोन में दो-दो मौतें हुई।
इधर, राजधानी में पिछले चार दिनों में लगातार दो कोरोना मरीज दम तोड़ रहे हैं। गत दिवस भी दो कोरोना मरीजों की मौत दर्ज हुई। जानकारी के अनुसार, बावडिय़ा कला निवासी 86 वर्षीय बुजर्ग की तीन दिन आईसीयू में एडमिट रहने के बाद एक निजी अस्पताल में मौत हो गई। वहीं बरखेड़ा क्षेत्र के 72 वर्षीय बुजुर्ग की तीन दिन वेंटिलेटर सपोर्ट पर रहने के बाद मौत हो गई। वह एक निजी अस्पताल में भर्ती थे। इसके अलावा, सागर के भी एक 32 वर्षीय युवक की मौत हो गई।