छत्तीसगढ़ पर फिर पड़ा Corona का साया,एक ही दिन में इस जिले में मिले इतने कोरोना मरीज,जानिए किस जिले में कितने एक्टिव केस ?    |    CG CORONA UPDATE : छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामलों में बढ़त जारी...जानें 24 घंटे में सामने आए कितने नए केस    |    छत्तीसगढ़ में आज कोरोना के 10 नए मरीज मिले, कहां कितने केस मिले, देखें सूची…    |    प्रदेश में थमी कोरोना की रफ्तार, आज इतने नए मामलों की पुष्टिं, प्रदेश में अब 91 एक्टिव केस    |    CG CORONA UPDATE : छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामलों में बढ़त जारी...जानें 24 घंटे में सामने आए कितने नए केस    |    BREAKING : प्रदेश में आज 15 नए कोरोना मरीजों पुष्टि, देखें जिलेवार आकड़े    |    प्रदेश में कोरोना का कहर जारी...कल फिर मिले इतने से ज्यादा मरीज, एक्टिव मरीजों का आंकड़ा पहुंचा 100 के पार    |    छत्तीसगढ़ में मिले कोरोना के 14 नए मरीज...इस जिले में सबसे ज्यादा संक्रमित,कुल 111 एक्टिव केस    |    सावधान : छत्तीसगढ़ में फिर बढ़ रहा कोरोना...जानें 24 घंटे में सामने आए कितने नए केस    |    Corona update: प्रदेश में 2 कोरोना मरीजों की मौत...इलाज के दौरान तोड़ा दम    |
लॉकडाउन में तीन गुना बढ़े रेप के मामले, इस देश में आपातकाल लागू

लॉकडाउन में तीन गुना बढ़े रेप के मामले, इस देश में आपातकाल लागू

लागोस | नाइजीरिया में कोरोना वायरस लॉकडाउन में महिलाओं के रेप की घटनाएं तीन गुना बढ़ गई हैं। इसके अलावा देश में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं। इसी कारण देश में 36 राज्यों के राज्यपालों ने आपातकाल की घोषणा की गई है।

बता दें कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा बढऩे के कारण देश में महिला अधिकार कार्यकर्ताओं और अन्य लोगों ने सोशल मीडिया पर प्तवीआरटाइरड नाम से देशव्यापी अभियान चलाया। इसके अलावा सड़कों पर भी लोगों ने प्रदर्शन किए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्यपालों ने आपातकाल की घोषणा की। 
महिला मामलों की मंत्री पॉलीन टैलेन ने कहा कि मुझे पता है कि इस देश में हमारे साथ हमेशा गलक काम हुआ है। कोरोना वायरस के कारण लोगों के घरों में ताला लगा हुआ है, वहीं महिलाओं और बच्चों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है। हालांकि अधिकारियों ने यह नहीं बताया कि मार्च के अंत में घोषित किए गए लॉकडाउन के दौरान कितने बलात्कार हुए हैं। 
शुक्रवार को राष्ट्र के नाम एक संबोधन में राष्ट्रपति मुहम्मदु बुहारी ने कहा कि वह रेप की हाल की घटनाओं से परेशान हैं, विशेष रूप से बहुत कम उम्र की लड़कियों के। उन्होंने लिंग आधारित हिंसा से लडऩे के लिए प्रशासन के संकल्प को दोहराया और आश्वासन दिया कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
 
भारत के इन सभी फैसलो के कारण बढ़ गयी है चीन की तिलमिलाहट,पढ़े ये खबर

भारत के इन सभी फैसलो के कारण बढ़ गयी है चीन की तिलमिलाहट,पढ़े ये खबर

नई दिल्ली, लद्दाख से सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन से पिछले पांच हफ्तों से भारतीय सेना का तनाव चल रहा है. कई जगह पर दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं, फेसऑफ की स्थिति बनी हुई है. दोनों देशों के सैन्य कमांडर्स के बीच लगातार बातचीत भी चल रही है फिर भी तनाव बरकरार है. ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि चीन आखिर भारत से क्यों तिलमिलाया हुआ है? वो भारत के खिलाफ मोर्चा क्यों खोल रहा है? यहां इस तकरार की वजह के बारे में सिलसिलेवार तरीके से चर्चा की गई है.


डोकलाम विवाद


इस तनाव की शुरुआत डोकलाम विवाद से हुई. वर्ष 2017 में चीन ने भूटान से सटे विवादित डोकलाम (या डोलम) में एक सड़क बनाने की कोशिश की थी. ये डोकलाम इलाका चीन और भूटान के बीते वर्षों से विवादित था. ये दरअसल, चीन और भूटान के ट्राइजंक्शन पर है जहां भारत के सिक्किम की सीमा भी मिलती है. चीन इस विवादित इलाके से भारत की सीमा तक सड़क बनाना चाहता था. हालांकि, ये भूटान और चीन के बीच का विवाद था लेकिन भारतीय सेना ने यहां चीन की पीएलए सेना को सड़क नहीं बनाने दी. आखिरकार चीन को पीछे हटना पड़ा और सड़क भारत की सीमा तक नहीं बन पाई. भारत ने ये कहकर सड़क का काम रुकवा दिया कि इस सड़क के बनने से भारत की सुरक्षा को खतरा है. खासतौर से सिलीगुड़ी कॉरिडोर को जिसे भारत का चिकन-नेक कहा जाता है. दूसरा इसलिए कि भारत और भूटान के बीच संधि है कि भारत ही भूटान की रक्षा और सुरक्षा करेगा. 73 दिनों तक दोनों देशों की सेनाओं के बीच फेसऑफ चलता रहा और आखिरकार चीन को अपनी सड़क बनाने का काम रोकना पड़ा.


दो देशों के विवाद में कूदने से बौखलाया चीन


जानकार मानते हैं कि डोकलाम विवाद के दौरान चीन पीछे हट गया लेकिन उसे ये कतई बर्दाश्त नहीं हुआ कि भारत दो देशों के विवाद में कूद पड़ा है. ना केवल कूदा बल्कि चीन जैसे महाशक्ति को पीछे हटने पर मजबूर भी कर दिया. ऐसे में इस बात का अंदेशा उसी वक्त से लगाया जा रहा था कि चीन इसका बदला निकट-भविष्य में ले सकता है. लेकिन वो कोरोना महामारी में ऐसी चाल चलेगा किसी ने नहीं सोचा था.


लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश और अक्साई-चिन पर बयान से भन्नाया चीन


दूसरा कारण ये भी है कि धारा 370 हटाने और लद्दाख से जम्मू-कश्मीर को अलग करने से भी चीन को मिर्ची लगी. हालांकि, चीन ने तत्काल कोई कारवाई नहीं की थी लेकिन चीन के आधिकारिक मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने उसी समय भारत के इस कदम का भरपूर विरोध किया था. ऐसे में इस बात के कयास लगाए जाने लगे थे कि चीन का अगला कदम क्या होगा?


सीमा पर सड़क और इंफ्रास्ट्रक्चर


लेकिन लद्दाख में चीन के बदली चाल का तत्कालीन कारण भारत का सीमावर्ती इलाकों में सड़क, डिफेंस फैसेलिटी और डिफेंस-फोर्टिफिकेशन बना. दरअसल, पिछले कुछ सालों में भारत ने चीन से सटी लाइन ऑफ एक्चुयल कंट्रोल यानि एलएसी पर 73 स्ट्रेटेजिक रोड यानि सामरिक महत्व की सड़कें बनाने का प्रोजेक्ट शुरू किया था. सड़क बनाने का जिम्मा मुख्यतौर से बॉर्डर रोड ऑर्गेनाईजेश यानि बीआरओ को दिया गया था. कुछ सड़कें बनाने का जिम्मा एनएचएआई और राज्य-सरकारों के पास था. अब तक इनमें करीब 60 सड़कें बन कर तैयार हो चुकी हैं.


इन सामरिक सड़कों के बनने से सैनिकों की मूवमेंट काफी तेज हो गई हैं क्योंकि सैनिक अब गाड़ियों से एलएसी तक पहुंच सकते हैं जबकि पहले पैदल वहां तक पहुंचना पड़ता था. यही नहीं विवादित एलएसी वाले इलाके तक में भारतीय सैनिक अब अपनी गाड़ियों से पैट्रोलिंग करते हैं. चीनी सैनिक काफी पहले से विवादित एलएसी पर अपनी गाड़ियों में पैट्रोलिंग करते रहे हैं. हाल ही में करीब एक साल पुराना वीडियो सामने आया जिसमें चीनी सैनिक एलएसी पर आईटीबीपी के एक अधिकारी से पैट्रोलिंग को लेकर भिड़ रहे हैं. दोनों तरफ की गाड़ियां की भी टक्कर लगी थी. इस घटना से साफ है कि दोनों देशों की एग्रेसिव-पैट्रोलिंग विवाद का एक बड़ा कारण है.


हाल ही में जब पैंगोंग-त्सो लेक से सटे विवादित फिंगर एरिया में दोनों देशों के सैनिकों में झड़प और मारपीट हुई उसमें चीन के सैनिक अपनी आर्मर्ड गाड़ियों में दिखाई पड़े थे. हालांकि, जब भारतीय सैनिक भारी पड़े तो चीनी सैनिक अपनी इन आर्मर्ड-पर्सनैल कैरियर्स (गाड़ियों) को छोड़कर भाग खड़े हुए थे और गाड़ियां रिवर्स गियर में दौड़ना लगे थे, लेकिन इससे साफ हो जाता है कि भारतीय सैनिकों द्वारा एसयूवी गाड़ियों में पैट्रोलिंग करता देख चीनी सेना ने अपनी गाड़ियां का स्तर अब बढ़ा दिया है.


डिफेंस-फैसेलिटी


लद्दाख में डीएसडीबीओ रोड बनने से चीन बेहद बौखला गया है. बेहद नामुमिकन से लगने वाली इस 255 किलोमीटर लंबी दुरबुक-श्योक-डीबीओ (दौलत बेग ओल्डी) रोड के बनने से सामरिक महत्व का काराकोरम पास भी भारतीय सेना की जद में आ गया है. इस सड़क के बनने से पूर्वी लद्दाख की सीमाओं की कनेक्टेविटी काफी बढ़ गई है. काराकोरम पास के बेहद करीब ही है शषगम-घाटी जो 1962 के युद्ध के एक साल बाद ही पाकिस्तान ने चीन को सौंप दी थी. इस सड़क के आस-पास भारतीय सेना ने अपने डिफेंस-फैसेलिटी यानि पक्के बंकर और बैरक तक बना लिए हैं. श्योक नदी से मिलने वाली गैलवान नदी पर भी भारतीय सेना ने पुल बनाने की कोशिश की तो दोनों देशों के सैनिकों में यहां झड़प हो गई. जिसके बाद से गैलवान घाटी में चीनी सेना तंबू गाड़कर बैठ गई. जवाबी कारवाई करते हुए भारतीय सेना ने भी अपना कैंप यहां लगा लिया है.


डिफेंस-फोर्टिफिकेशन-सीमा पर टैंक और तोप


इसके अलावा हाल के सालों में भारतीय सेना ने एलएसी पर डिफेंस-फोर्टिफिकेशन का काम भी काफी तेजी से किया है. इसके लिए दुनिया के सबसे उंचाई वाले इलाकों में टैंकों की ब्रिगेड को तैनात कर दिया है. फिर चाहे वो लद्दाख हो या फिर उत्तरी सिक्किम (जहां 9 मई को नाकूला दर्रे पर दोनों देश के सैनिकों में भिड़त हुई थी). लद्दाख में दुनिया की दूसरी सबसे उंची सड़क, चांगला-पास (करीब 17 हजार फीट की उंचाई) से टैंकों को पार कराकर पैंगोंग-त्सो लेक के बेहद करीब तैनात कर दिया है. टैंकों को यहां तक पहुंचाने के लिए भारत ने ना केवल सड़कों को जाल बिछाया बल्कि रास्ते में पड़ने वाले नदीं-नालों तक पर ऐसे ब्रिज तैयार किए जो टैंकों के भार को उठा सकते थे.


ये सब बेहद नामुमकिन सा लगने वाला काम था. इसी तरह से उत्तरी सिक्किम में भी भारतीय सेना ने टैंकों को पूरी एक ब्रिगेड तैनात कर दी है और चीन को कानों-कान खबर तक नहीं लगी. चीन को अभी तक भारत के टैंक-ब्रिगेड की लोकेशन भी ठीक-ठीक नहीं पता है. पिछले साल एबीपी न्यूज ने पहली बार दुनिया को बताया था कि नार्थ सिक्किम में भारतीय सेना ने आर्मर्ड ब्रिगेड (टैंक ब्रिगेड) खड़ी कर ली है. लेकिन उत्तरी सिक्किम में ये टैंक ब्रिगेड कहां हैं इसकी लोकेशन नहीं बताई थी.


टैंकों के अलावा भारत ने बोफोर्स तोपों को भी चीन सीमा पर तैनात कर दिया है. ये तोपें लद्दाख से लेकर सिक्किम और अरूणाचल प्रदेश तक में तैनात हैं. पिछले कुछ सालों में भारत ने अमेरिका से अल्ट्रा-लाइट होव्तिजर, एम-777 तोपें जो ली हैं वे खास तौर से चीन सीमा पर तैनात करने के लिए ही ली गई थी और उन्हें तैनात भी 3488 किलोमीटर लंबी एलएसी पर कर दिया गया है.


सीमा पर चीन को टक्कर देती मैकेनाइजड फोर्स


यही नहीं भारतीय सेना अब अपनी मैकेनाइजड फोर्सेज़ पर बेहद तेजी से काम कर रही है. यानि वो रेजीमेंट जो इंफेंट्री यानि पैदल-सैनिक और आर्मर्ड के बीच की कड़ी है. ऐसा इसलिए क्योंकि दुनियाभर की सेनाएं अब लगातार इंफेंट्री यूनिट्स को खत्म करती जा रही हैं. चीन ने अपनी सेना में पैदल सैनिकों की रेजीमेंट को लगभर खत्म कर दिया है. मैकेनाइजड-इंफेंट्री रेजीमेंट में सैनिक बख्तरबंद गाड़ियों में राइफल, एलएमजी, मोर्टार और एंटी-टैंक मिसाइलों से लैस होते हैं. इन बख्तरबंद गाड़ियों को आईसीवी यानि इंफेंट्री कॉम्बेट व्हीकल या फिर बीएमपी कहते हैं. ये गाड़ियां किसी भी सेना के लिए कितनी महत्वपूर्ण है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि चीन विवाद के बीच ही रक्षा मंत्रालय ने थलसेना के लिए 156 बीएमपी गाड़ियों को ऑर्डर आनन-फानन में दिया है.


आईबीजी


डोकलाम विवाद के बाद भारतीय सेना ने अपनी युद्ध-कला की रणनीति पर काम करते हुए किसी छोटे युद्ध के लिए फाइटिंग-फोर्सेज़ को तुरंत अलर्ट किया जा सके इसके लिए भारतीय सेना ने इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप यानि आईबीजी तैयार किए हैं. इन आईबीजी में इंफेंट्री सैनिक, आईसीवी, टैंक, तोप, हेलीकॉप्टर सब एक ही यूनिट में होते हैं. ऐसे में युद्ध के समय में कॉम्बेट-आर्म्स को अलग-अलग तरीके से तैयार करने का झंझट नहीं रहता है. इंटीग्रेटेड होने के कारण अलग-अलग यूनिट्स में बेहतर समन्वय भी होता है. किसी भी शॉर्ट एंड स्विफ्टि वॉर के लिए एकदम सटीक हैं.


माउंटेन स्ट्राइक कोर


चीन के खिलाफ एक लंबे युद्ध के लिए भारतीय सेना पिछले कुछ सालों से पश्चिम बंगाल के पानागढ़ में माउंटेन स्ट्राइक कोर खड़ी कर रही है. भारतीय सेना की इस 17वीं कोर को ब्रह्मास्त्र के नाम से जाना जाता है. युद्ध की स्थिति में इस कोर का मुख्य उद्देश्य दुश्मन की धरती पर जाकर हमला करना है. जैसाकि नाम से विदित है कि ये पहाड़ों में लड़ने के लिए तैयार की जा रही है. चीन के खिलाफ भारत की इस लामबंदी से ड्रैगन के होश उड़ गए हैं. वो समझ नहीं पा रहा है कि जिस देश को उसने ’62 की जंग में हराया था वो आज उसे खुली चुनौती दे रहा है.


चांगथांग प्रहार एक्सरसाइज


सितबंर 2019 में पूर्वा लद्दाख में भारतीय सेना ने चांगथांग प्रहार एक्सरसाइज कर दुनिया को बता दिया कि चीन सीमा पर अब सिर्फ इंफेंट्री यूनिट्स ही नहीं बल्कि टैंक, तोप, यूएवी और बिहाइंड द एनेमी लाइंस की युद्धकला में माहिर, स्पेशल फोर्सेज़ के कमांडो भी तैनात हैं. इस एक्सरसाइज से चीन में खलबली मचनी लाजमी थी.


अंतर्राष्ट्रीय संबंध


भारत का दुनिया में बढ़ता दबदबा और अमेरिका - आस्ट्रेलिया जैसे देशों से बढ़ती नजदिकियां चीन को कतई ना भा रही हैं. चीन को ऐसा लगता है कि भारत अमेरिका के साथ मिलकर चीन को घेरना चाहता है. यही वजह है कि चीन एक तरफ पाकिस्तान को भारत के खिलाफ उकसा रहा है और दूसरी तरफ से खुद भारत को घेरने की तैयारी कर रहा है.

 

18 दिन वेंटिलेटर पर रहने के बाद 4 महीने की बच्ची ने कोरोना को दी मात

18 दिन वेंटिलेटर पर रहने के बाद 4 महीने की बच्ची ने कोरोना को दी मात

विशाखापत्तनम,कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामले के बीच एक राहत भरी खबर आई है. आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में 4 महीने की बच्चे ने कोरोना से जंग जीत ली है. बच्चे को 18 दिनों तक वेंटिलेटर पर ऱखना पड़ा जिसके बाद शुक्रवार शाम को नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. जिला कलेक्टर विनय चंद ने कहा, 'पूर्वी गोदावरी की एक आदिवासी महिला मई में कोविड-19 से संक्रमित पाई गई थी, बाद में डॉक्टरों ने बताया की महिला की चार महीने की बच्चे को भी संक्रमण हुआ है.'


विनय चंद ने कहा कि 25 मई को विशाखापट्टनम के VIMS अस्पताल में बच्चे को स्थानांतरित किया गया. 18 दिनों तक उसका वेंटिलेटर पर इलाज चलता रहा. डॉक्टरों ने हाल ही में फिर से बच्चे का कोरोना टेस्ट कराया, जिसके बाद उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई. स्वास्थ्य जांच के बाद VIMS डॉक्टरों ने शुक्रवार शाम को बच्ची को छुट्टी दे दी.

 

दिल्ली की स्थिति को लेकर केजरीवाल,LG के साथ कल बैठक करेंगे अमित शाह

दिल्ली की स्थिति को लेकर केजरीवाल,LG के साथ कल बैठक करेंगे अमित शाह

नई दिल्ली, देश की राजधानी दिल्ली में जानलेवा कोरोना वायरस से हालात चिंताजनक हैं. राज्य में अबतक करीब 37 हजार लोग इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं. दिल्ली में बदतर होते हालात के मद्देनज़र केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार यानि कल सुबह 11 बजे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल अनिल बैजल के साथ बैठक करेंगे.


एम्स के डायरेक्टर भी होंगे शामिल

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बताया है कि अमित शाह के साथ बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन भी मौजदू रहेंगे. बताया गया है कि इस बैठक में स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के सदस्यों के अलावा एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया और बड़े सीनियर अधिकारी भी शामिल होंगे.

एम पी के इस विधानसभा का उपचुनाव अनिश्चित काल के लिए स्थगित,आयोग ने दी जानकारी

एम पी के इस विधानसभा का उपचुनाव अनिश्चित काल के लिए स्थगित,आयोग ने दी जानकारी

मुरैना,चुनाव आयोग ने जौरा विधानसभा का उपचुनाव अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया है। कांग्रेस ने उपचुनाव को लेकर चुनाव आयोग से जानकारी मांगी थी।
जानकारी में बताया गया कि यहां जौरा विधानसभा चुनाव अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हुआ है।
बता दें कि मुरैना जिले में पांच सीटों पर उप चुनाव होना है। इनमें से चार सीटों के कांग्रेस विधायकों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। वहीं जौरा में विधायक बनवारीलाल शर्मा के निधन की वजह से उपचुनाव होना है।
 

लंदन में नीरव मोदी नौ जुलाई तक हिरासत में

लंदन में नीरव मोदी नौ जुलाई तक हिरासत में

लंदन, ब्रिटेन की एक अदालत ने भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी को बृहस्पतिवार को नौ जुलाई तक और न्यायिक हिरासत में रखने के आदेश दिये।भारत में अरबों रुपये के बैंक कर्ज घोटाले और मनीलांडरिंग के मामलों में अभियुक्त नीरव मोदी पिछले साल मई से लंदन की एक जेल में कैद है। नीरव मोदी को जेल से लंदन की वेस्टमिंस्टर अदालत में वीडियो लिंक के जरिए पेश किया गया। वह पिछले साल मार्च में गिरफ्तारी के बाद से वैंड्सवर्थ जेल में है।

अदालत ने सुनवाई में उसकी हिरासत की अवधि नौ जुलाई तक बढ़ा दी। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ करीब दो अरब डॉलर की धोखाधड़ी के मामले में नीरव मोदी के खिलाफ ब्रिटेन में प्रत्यर्पण का मुकदमा चल रहा है। उसके प्रत्यर्पण के मामले पर सात सितंबर को सुनवाई होने वाली है। तब तक उसे हर 28 दिन इसी तरह सुनवायी के लिए पेश किया जाएगा।

जिला न्यायाधीश सैमुअल गूजी ने नीरव मोदी से कहा, आपके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया के संबंध में सात सितंबर को होने वाली अगले चरण की सुनवाई से पहले आप की पेशी इसी तरह से वीडियो लिंक के जरिये होगी। इस दौरान नीरव मोदी ने सिर्फ अपना नाम और राष्ट्रीयता बताने के लिए मुंह खोला। वह (नीरव मोदी) सुनवाई के दौरान कागज पर कुछ लिख रहा था।न्यायाधीश गूजी ने प्रत्यर्पण की प्रक्रिया के पहले चरण की पिछले महीने अध्यक्षता की थी। दूसरे चरण के तहत सात सितंबर से पांच दिन की सुनवाई शुरू होगी।

बता दें, भगोड़े नीरव मोदी को मार्च 2019 में लंदन में गिरफ्तार किया गया था, तब से वो ब्रिटेन की जेल में बंद है। भारत उसके खिलाफ वहां की अदालत में प्रत्यपर्ण की कानूनी लड़ाई लड़ रहा है। पिछले दिनों सुनवाई के दौरान नीरव मोदी के वकील ने कहा था कि वो वर्तमान समय में गंभीर मानसिक बीमारी से ग्रसित है, उसका भारत की जेल में विशेषकर आर्थर रोड जेल में उचित इलाज नहीं हो सकता हैं। जेल की स्थितियों पर भारतीय सरकार का आश्वासन अपर्याप्त हैं। ऐसे में उनका भारत को प्रत्यार्पण करना उचित नहीं होगा।

 

राज्यसभा चुनाव- भाजपा ने कांग्रेस को गुजरात के बाद राजस्थान-कर्नाटक में भी उलझाया

राज्यसभा चुनाव- भाजपा ने कांग्रेस को गुजरात के बाद राजस्थान-कर्नाटक में भी उलझाया

नई दिल्ली, आगामी 19 जून को 18 सीटों पर होने वाला राज्यसभा चुनाव दिलचस्प मोड़ पर है। भाजपा ने मध्यप्रदेश के बाद गुजरात में कांग्रेस को उलझाने के बाद अब राजस्थान और कर्नाटक में भी उलझा दिया है। पार्टी की कोशिश दोनों राज्यों में कांग्रेस में जारी अंतर्कलह का लाभ उठाने की है। यही कारण है कि राजस्थान में जहां कांग्रेस ने अपने विधायकों को एक रिसोर्ट में जमा कर लिया है, वहीं कर्नाटक में अपने विधायकों पर कड़ी नजर रख रही है।

राजस्थान में तीन सीटों पर चुनाव होने हैं। संख्या बल की दृष्टिï से इनमें कांग्रेस को दो और भाजपा को एक सीट मिलनी तय है। चुनाव ने तब दिलचस्प मोड़ ले लिया जब भाजपा ने यहां दो प्रत्याशी उतार दिए। दरअसल चर्चा है कि कांग्रेस ने जिन दो नेताओं को चुनाव में उतारा है, उनमें केसी वेणगोपाल की उम्मीदवारी से पार्टी का एक धड़ा खुश नहीं है। भाजपा की निगाहें इसी अंतुष्ट धड़े पर है।

गणित की बात करें तो यहां एक उम्मीवार को जिताने के लिए 51 विधायकों के समर्थन की जरूरत है। कांग्रेस के पास आधिकारिक रूप से 107 तो भाजपा के साथ 75 विधायक हैं। इस दृष्टि से भाजपा को अपना दूसरा उम्मीदवार जिताने के लिए 27 और विधायकों की जरूरत पड़ेगी। जाहिर तौर पर अगर कांग्रेस ने भाजपा को सेंध लगाने के मौका नहीं दिया तो उसे एक ही सीट पर संतोष करना पड़ेगा।

कर्नाटक में भी पेच
राजस्थान की तरह भाजपा ने कर्नाटक चुनाव में पेच फंसा दिया है। यहां चार सीटों पर चुनाव होने हैं। सीटों की दृष्टिï से यहां भाजपा और कांग्रेस-जदएस को दो-दो सीटें मिलनी है। मगर चुनाव मैदान में निर्दलीय संगमेश चिकनकरगुंडा के उतरने से लड़ाई दिलचस्प हो गई है। चर्चा है कि भाजपा ने ही निर्दलीय उम्मीदवार को मैदान में उतारा है। यहां एक उम्मीदवार को जिताने के लिए 45 विधायकों का समर्थन चाहिए। भाजपा के पास 117 विधायक हैं। मतलब दो उम्मीदवारों को जिताने के बाद उसके पास 27 अतिरिक्त वोट हैं। ऐसे में अगर निर्दलीय उम्मीदवार ने 22 अतिरिक्त वोट जुटा लिए तो कांगे्रस-जदएस के लिए मुश्किल होगी। इसी से बचने के लिए कांग्रेस की पहल पर देवगौड़ा को उम्मीदवार बनाया गया है। चूंकि पहले भी कांग्रेस-जदएस के विधायक टूट चुके हैं। इसलिए यहां सियासी लड़ाई दिलचस्प हो गई है।

मध्यप्रदेश-गुजरात में भी झटका
भाजपा मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य और उनके समर्थक विधायकों को तोड़ कर पहले ही कांग्रेस को झटका दे चुकी है। ज्योतिरादित्य को उम्मीदवार बना कर पार्टी यहां पहले ही दो सीट पक्की कर चुकी है। दूसरी तरह गुजरात में भाजपा ने कांग्रेस की राह में रोड़े बिछा दिए हैं। 8 विधायकों के इस्तीफे के बाद कांग्रेस अपने दम पर दो सीट जीतने की हैसियत खो चुकी है। इस राज्य में एक सीट जीतने के लिए 35.1 विधायकों का समर्थन चाहिए। कांग्रेस के 8 विधायकों के इस्तीफे के बाद उसके विधायकों की संख्या 73 से घट कर 65 रह गई है। जबकि भाजपा के पास 103 विधायक हैं। उसे तीन सीटें जीतने के लिए 106 विधायकों का समर्थन चाहिए। ऐसे में सारा दारोमदार अब बीटीपी के दो, एनसीपी और निर्दलीय 1-1 विधायकों पर है। कांग्रेस के लिए मुश्किल यह है कि इन चार विधायकों के समर्थन के बावजूद उसका दूसरा उम्मीदवार सीधे तौर पर जीतने की स्थिति में नहीं है।

 

मैच के दौरान गेंदबाज नहीं लगा पाएंगे गेंद में मुंह की लार, मैदान पर सब्स्टीट्यूट की अनुमति

मैच के दौरान गेंदबाज नहीं लगा पाएंगे गेंद में मुंह की लार, मैदान पर सब्स्टीट्यूट की अनुमति

दुबई। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले के नेतृत्व वाली तकनीकी समिति के प्रस्ताव को मंगलवार को मंजूरी देते हुए गेंदबाजों के गेंद पर मुंह की लार के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है और साथ ही किसी खिलाड़ी के संक्रमित होने पर सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी की अनुमति दे दी है। कुंबले के नेतृत्व वाली आईसीसी की तकनीकी समिति ने कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए गेंद पर चमक लाने के लिए मुंह की लार के इस्तेमाल पर रोक लगाने की सिफारिश की थी जिसे लेकर पिछले कुछ दिनों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गंभीर बहस चल रही थी। आईसीसी की मुख्य कार्यकारी समिति ने तकनीकी समिति की सिफारिश को मंजूरी दे दी है।

आईसीसी ने इसके साथ ही टेस्ट क्रिकेट में सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी की अनुमति भी दे दी है। आईसीसी के मौजूदा नियमानुसार मैच में सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी की तभी अनुमति होती है जब किसी खिलाड़ी के सिर में चोट लग जाए और वह खेलने की स्थिति में ना रहे, लेकिन कोरोना सब्स्टीट्यूट की मांग की जा रही थी और आईसीसी ने टेस्ट मैच के दौरान किसी खिलाड़ी में कोरोना लक्षण दिखने पर कोरोना सब्स्टीट्यूट की इजाजत दे दी है।

मैच के दौरान किसी भी खिलाड़ी में कोरोना के लक्ष्ण दिखने पर मैच रेफरी सिर पर चोट लगने के मामले की तरह ही इस बाबत फैसला लेगा। हालांकि यह नियम सीमित ओवर की क्रिकेट में लागू नहीं होगा। तकनीकी समिति के मुंह पर लार के इस्तेमाल की सिफारिश पर क्रिकेट जगत की मिलीजुली प्रतिक्रिया आयी थी और कई गेंदबाजों ने इस सिफारिश का विरोध किया था। लेकिन आईसीसी ने गेंद को चमकाने के लिए मुंह की लार के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है।

आईसीसी ने हालांकि शुरुआती तौर पर नियम के उल्लंघन पर कुछ ढील देने की पेशकश की है क्योंकि गेंदबाजों को इसकी आदत है। आईसीसी के नियम के तहत अगर कोई खिलाड़ी गेंद पर मुंह की लार का इस्तेमाल करता है तो उसे चेतावनी दी जाएगी।

अंपायर टीम को दो बार इस नियम का उल्लंघन करने पर चेतावनी देंगे जिसके बाद फिर ऐसा होने पर बल्लेबाजी कर रही टीम को पांच अतिरिक्त रन दिए जाएंगे। गेंद पर मुंह की लार का इस्तेमाल अनजाने में हुआ है या नहीं इसका फैसला भी अंपायर करेंगे तथा अगली गेंद डालने से पहले गेंद को संक्रमण मुक्त करने की जिम्मेदारी भी अंपायर की होगी। कोरोना वायरस के कारण अंतरराष्ट्रीय यात्रा प्रतिबंधों के चलते आईसीसी ने सभी प्रारुपों में तटस्थ मैच अंपायर रखने के फैसले को अस्थायी तौर पर समाप्त कर दिया है जिससे अब पैनल के कम अनुभवी स्थानीय अम्पायरों ज्यादा मैच मिल सकेंगे। आईसीसी ने इसके साथ ही टीमों को प्रत्येक पारी में अतिरिक्त डीआरएस देने का फैसला भी किया है।
युवती से दुष्कर्म के मामले में मदरसे का शिक्षक गिरफ्तार,जाने कहा की है घटना

युवती से दुष्कर्म के मामले में मदरसे का शिक्षक गिरफ्तार,जाने कहा की है घटना

हरिद्वार , पथरी क्षेत्र के एक गांव में शादी का झांसा देकर युवती से दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने मदरसे के शिक्षक को गिरफ्तार किया है। पीडि़त युवती के पिता की तहरीर पर पुलिस ने संबंधित धाराओ में आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस के अनुसार आरोपी परवश पुत्र लियाकत निवासी मुस्तफाबाद मगरूमपुर थाना बहादराबाद का रहने वाला है। कई वर्षों से वह पथरी थाने के एक गांव में मदरसा चला रहा था और बच्चों को पढ़ाता था। पीडि़त युवती के पिता ने तहरीर में आरोप लगाया कि आरोपी ने शादी का झांसा देकर उनकी बेटी के साथ दुष्कर्म किया। जब शादी करने की बात कही गई तो आरोपी जल्द शादी करने की बात कहकर उसे टाल दिया करता था। युवती ने जब शिक्षक पर शादी करने का दबाब बनाया तो शिक्षक ने साफ इंकार कर दिया। बताया जा रहा है कि शिक्षक युवती का रिश्तेदार है। एसओ पथरी सुखपाल सिंह मान ने बताया तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया गया है। पीडि़ता का मेडिकल कराया जा रहा है।
पंचायत में भी उठा था मामला
मामले को लेकर पहले गांव में पंचायत भी की गई। जब शादी की बात नहीं बनी तो पीडि़ता के पिता पुलिस के पास लिखित शिकायत लेकर चले गए।

 

बड़ा ऐलान: अब दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ दिल्ली वालों का इलाज- केजरीवाल

बड़ा ऐलान: अब दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ दिल्ली वालों का इलाज- केजरीवाल

नई दिल्ली, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को घोषणा की कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा से लगतीं दिल्ली की सीमाएं सोमवार से खोली जाएंगी और केंद्र संचालित अस्पतालों को छोड़कर दिल्ली के सभी सरकारी तथा निजी अस्पतालों में केवल राष्ट्रीय राजधानी के लोग ही इलाज करा सकेंगे।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में जहां मॉल, रेस्तरां और धार्मिक स्थल केंद्र के दिशा-निर्देशों के अनुरूप खुलंगे, वहीं होटल तथा बैंक्वेट बंद रहेंगे क्योंकि दिल्ली सरकार को आगामी समय में इन्हें अस्पतालों में तब्दील करने की आवश्यकता पड़ सकती है।

केजरीवाल ने एक ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘90 प्रतिशत से अधिक लोग चाहते हैं कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान दिल्ली के अस्पतालों में राष्ट्रीय राजधानी के लोगों का ही इलाज हो। इसलिए, यह निर्णय किया गया है कि दिल्ली स्थित सरकारी और निजी अस्पताल राष्ट्रीय राजधानी के लोगों का ही उपचार करेंगे।‘
 

बड़ा फैसला: मरकज में शामिल होने वाले विदेशी जमातियों के भारत आने पर आजीवन प्रतिबंध,साद के खिलाफ जांच तेज

बड़ा फैसला: मरकज में शामिल होने वाले विदेशी जमातियों के भारत आने पर आजीवन प्रतिबंध,साद के खिलाफ जांच तेज

नईदिल्ली, दिल्ली स्थित निजामुद्दीन मरकज मामले में गृहमंत्री अमित शाह ने बड़ा फैसला लिया है। दिल्ली पुलिस की सिफारिश पर गृह मंत्रालय ने यह कार्रवाई की है। बता दें कि दिल्ली के निजामुद्दीन में बिना इजाजत मरकज का आयोजन किया गया था जिसमें बड़ी संख्या में विदेशी जमातियों ने हिस्सा लिया था। भारत में कोरोना फैलाने में जमातियों का बड़ा हाथ माना जा रहा है।

जमातियों द्वारा कोरोना फैलाने के मामले में दिल्ली पुलिस ने गृहमंत्रालय से सिफारिश की थी। जिसे गृहमंत्री अमित शाह ने स्वीकार कर लिया है। दिल्ली पुलिस के सिफारिश के अनुसार मरकज में शामिल होने वाले विदेशी जमातियों के भारत आने पर आजीवन के लिए प्रतिबंध लग गया है। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है।

इसके अलावा अपराध शाखा ने मौलाना मोहम्मद साद के खिलाफ जांच तेज कर दी है। जल्द ही मौलाना साद के खिलाफ बड़ी कानूनी कार्रवाई हो सकती है। बीते सोमवार तक मौलाना साद ने अपराध शाखा को कोरोना टेस्ट की अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपी थी। यह भी बताया जा रहा है कि मौलाना साद अभी भी जामिया नगर में परिवार के साथ रह रहे हैं।

अपराध शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तब्लीगी के कार्यक्रम में शामिल होने आए कुल 960 में से 723 विदेशी जमातियों ने ही अपने पासपोर्ट अपराध शाखा में जमा कराए हैं। बाकी विदेशियों ने अपना पासपोर्ट जमा नहीं कराया है।

ये विदेशी जमाती पासपोर्ट के बारे में तरह-तरह के बहाने बना रहे हैं। हालांकि यह भी हो सकता है कि जो विदेशी जमाती दिल्ली में जिस जगह पर थे वहां की थाना पुलिस ने उनके पासपोर्ट जब्त कर लिए हो। अपराध शाखा अब संबंधित थाना पुलिस से संपर्क साध रही है।
अपराध शाखा के अधिकारियों का कहना है कि सभी विदेशी जमातियों के खिलाफ 14 विदेशी एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है। सभी विदेशी जमातियों के खिलाफ वीजा नियमों के उल्लंघन के तहत कार्रवाई हो रही है।

ये सभी कोर्ट के आदेश के बाद बनाए गए नौ चरंटीन सेंटर में रह रहे है। ये केंद्र दिल्ली में अलग-अलग जगह बनाए गए हैं। अब विदेशी जमातियों के खिलाफ अगली कार्रवाई कोर्ट के आदेश पर निर्भर है।

 

शहर के पॉश इलाके में चल रहा था सेक्स रैकेट,पुलिस ने छापा मारा तो सामने आई हकीकत, जाने कहा का है मामला

शहर के पॉश इलाके में चल रहा था सेक्स रैकेट,पुलिस ने छापा मारा तो सामने आई हकीकत, जाने कहा का है मामला

वाराणसी, जिले में सेक्स रैकेट का जाल बढ़ता जा रहा। शहर की बदनाम गलियों को छोड़ अब इस धंधे ने धीरे-धीरे शहर के एक बड़े हिस्से में अपना पांव पसार लिया है। कैंट पुलिस ने एक ऐसे ही रैकेट का भंडाफोड़ किया। कैंट पुलिस ने पांडेपुर के यशोदा नगर कालोनी नई छापेमारी कर जिस्मफरोशी में शामिल 3 पुरुषों और 2 युवतियों को गिरफ्तार किया।

हाईटेक तरीके से संचालित होता है सेक्स रैकेट
एक वक्त था जब बनारस का मंडुवाडीह इलाका जिस्मफरोशी के धंधे के लिए बदनाम था। लेकिन हाल के सालों में सख्ती बढ़ने से अब इस धंधे ने दूसरा रुप ले लिया है। कैंट सीओ मुश्ताक अहमद के अनुसार शहर में अब हाईटेक तरीके से सेक्स रैकेट संचलित हो रहा है। सेक्स का धंधा पूरी तरह ऑनलाइन हो चुका है। व्हाट्सएप और मेल के जरिये पहले क्लाइंट तक लड़कियों की फ़ोटो पहुंचाई जाती है। इसके बाद सौदा तय होता है।

शहर की पॉश कालोनियों में ‘गंदा’ खेल
सेक्स रैकेट का खेल शहर की पॉश कालोनियों में संचालित होता है। रैकेट में शामिल लोग परिवार के साथ इन कालोनियों में किराए पर मकान लेते हैं। वक्त गुजरने के बाद घर में क्लाइंट के आने जाने का सिलसिला शुरू हो जाता है। रविवार को जब कैंट पुलिस ने यशोदा नगर कालोनी ने छापा मारा तो कुछ ऐसी ही कहानी सामने आई। पुलिस ने एक घर से आपत्तिजनक सामान बरामद किए हैं। पुलिस फिलहाल रैकेट के मास्टर माइंड की तलाश कर रही है। साथ ही इस बात का पता लगाने में जुटी है की इसके तार और कहां से जुड़े हैं।

 

जल्द मिलेगा गर्मी से आराम, केरल पहुंचा मानसून,समय से होगी बारिश

जल्द मिलेगा गर्मी से आराम, केरल पहुंचा मानसून,समय से होगी बारिश

दक्षिण पश्चिमी मानसून अपने तय समय से पहले यानी 30 मई को ही केरल पहुंच गया है. आपको बता दें कि भारतीय मौसम विभाग ने इस हफ्ते बताया कि 1 जून केरल तट पर मानसून दस्तक दे देगा. मौसम विभाग ने गुरुवार को इसके पूर्वानुमान में बदलाव किया.आईएमडी ने कहा है कि वर्तमान परिस्थितियां मानसून के आगमन को लेकर बेहद अनुकूल बन गई हैं. हालांकि, पहले 5 जून को मानसून के केरल पहुंचने की बात कही गई थी.
केरल पहुंचा मानसून- स्काइमेट ने दावा किया है कि मानसून केरल पहुंच चुका है. पिछले साल यह आठ दिन की देरी से 8 जून को केरल के समुद्र तट से टकराया था. भारत में जून से सितंबर के बीच दक्षिण-पश्चिम मानसून से बारिश होती है.
मौसम विभाग ने अप्रैल में कहा था कि इस बार मानसून औसत ही रहने वाला है. विभाग के मुताबिक, 96 से 100% बारिश को सामान्य मानसून माना जाता है.
कब कहां पहुंचेगा मानसून –

आमतौर पर मानसून 1 जून को केरल तट से टकराने के बाद आगे बढ़ते हुए 5 जून को गोवा, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, असम और पूर्वोत्तर के राज्यों में दस्तक दे सकता है.
मौसम विभाग के मुताबिक 10 जून को मानसून महाराष्ट्र, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और सिक्किम में प्रवेश कर सकता है.
इसके अलावा गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड और बिहार में 15 को मानसून के पहुंचने की संभावना जताई जा रही है.
मौसम विभाग के मुताबिक मध्य प्रदेश के उत्तरी हिस्सों में, पूर्वी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में 20 जून को मानसून दस्तक दे सकता है.
हालांकि, 25 जून तक पूरे उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, गुजरात और हिमाचल में मानसून के छा जाने की संभावना है. यानी उत्तर प्रदेश और गुजरात में जून के अंत में जबरदस्त बारिश हो सकती है.
मानसून की सबसे अंतिम प्रवेश राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में होगा. मौसम विभाग के मुताबिक इन राज्यों में 30 जून तक मानसून दस्तक दे सकता है.


 

इस देश में कोरोना वायरस की चपेट में आने से 101 चिकित्साकर्मियों की हुई मौत, पढ़ें पूरी खबर

इस देश में कोरोना वायरस की चपेट में आने से 101 चिकित्साकर्मियों की हुई मौत, पढ़ें पूरी खबर

मॉस्को | रूस में कोरोना वायरस से 101 चिकित्साकर्मियों की मौत हो गई है। रूस के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने यह जानकारी दी।हालांकि स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों ने इस आधिकारिक आंकड़े पर सवाल उठाए और उनका मानना है कि वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक है। चिकित्साकर्मियों ने इस संक्रामक रोग से मरने वाले अपने सहकर्मियों की एक ऑनलाइन सूची बनाई है जिसमें 300 से अधिक नाम हैं।अमेरिका और ब्राजील के बाद रूस दुनिया का तीसरा देश है जो कोविड-19 से सबसे अधिक प्रभावित है। रूस में संक्रमण के 360,000 से अधिक मामले हैं और 3,807 लोगों की मौत हो चुकी है।देश में कम मृत्यु दर ने विशेषज्ञों के बीच संदेह पैदा कर दिया है कि उनका मानना है कि अधिकारियों ने आंकड़ों में हेरफेर किया है और राजनीतिक कारणों से मरने वाले लोगों की असल संख्या छुपाई है। रूस के अधिकारियों ने मंगलवार को इन आरोपों को खारिज कर दिया और दलील दी कि कम मृत्यु दर इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए उठाए प्रभावी कदमों को दर्शाती है।

 

 
अभिनेता सोनू सूद की स्मृति ईरानी ने की तारीफ,किस बात के लिए की तारीफ़ पढ़े ये खबर

अभिनेता सोनू सूद की स्मृति ईरानी ने की तारीफ,किस बात के लिए की तारीफ़ पढ़े ये खबर

मुंबई,देश में कोरोनावायरस के कारण किए गए लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों की समस्या सबसे बड़ा मुद्दा बनकर उभरी है. देश के अलग-अलग राज्यों से प्रवासी मजदूरों के पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर दूर अपने घर जाने से लेकर साइकिल, ट्रक या सीमेंट मिक्सर जैसे तरीकों से अपने घर पहुंचने की तस्वीर लगातार सामने आई. इस बीच बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद ने कई प्रवासियों को बसों में उनके घर भेजने का बीड़ा उठाया है और अब केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी उनकी तारीफ की है.


सोनू सूद लगातार मुंबई समेत महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों में फंसे प्रवासियों को उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में वापस भेजने की व्यवस्था कर रहे हैं. ट्विटर के माध्यम से प्रवासी उनसे संपर्क कर रहे हैं और सोनू उन्हें सुरक्षित उनके घर पहुंचाने का भरोसा दिला रहे हैं.


सोनू के ऐसे ही एक ट्वीट को री-ट्वीट करते हुए स्मृति ने सोनू की तारीफ करते हुए कहा कि उन्हें सोनू पर गर्व है. स्मृति ने लिखा, "सोनू, ये मेरा सौभाग्य है कि मैं एक प्रोफेशनल साथी के तौर पर 2 दशकों से आपको जानती हूं और एक्टर के तौर पर आपकी प्रगति पर खुशी मिली है. लेकिन ऐसे चुनौैतीपूर्ण हालात में आपने जिस तरह की दयालुता दिखाई है, उसे देखकर मुझे आप पर और भी ज्यादा गर्व होता है. जरूरतमंदों की मदद के लिए आपका शुक्रिया."

 


स्मृति के ट्वीट पर एक्टर रवि किशन ने भी सहमति जताई और सोनू की तारीफ करते हुए लिखा. "यही सब याद रहता है दुनिया में."


सोनू ने भी दिया जवाब


वहीं स्मृति ईरानी से तारीफ पर सोनू ने भी जवाब दिया और कहा कि स्मृति के शब्दों से उन्हें और भी ज्यादा काम करने का प्रोत्साहन मिला है. सोनू ने लिखा, "शुक्रिया मेरी दोस्त, आप हमेशा से प्रेरणा रही हो. आपके प्रोत्साहित करने वाले शब्दों ने मुझे और भी ज्यादा मेहनत करने के लिए प्रेरित किया है. मैं आपसे वादा करता हूं कि जब तक हमारे हर एक भाई और बहन अपने घर तक नहीं पहुंचते, मैं उनके साथ रहूंगा. जैसे आपने हमें गर्व महसूस कराया है, मैं भी वैसे ही करूंगा. आपको बड़ा सलाम."

 


अलग-अलग तरीके से कर रहे हैं मदद


सोनू सूद लगातार प्रवासी मजदूरों की मदद में जुटे हुए हैं. वो ट्विटर पर लगातार आ रही रिक्वेस्ट पर जवाब दे रहे हैं और भावुक मैसेज के साथ ही लोगों को घर पहुंचाने का भरोसा दे रहे हैं.

 


इसके अलावा भी सोनू कई तरह से कोरोना के खिलाफ जंग में अपनी ओर से मदद दे चुके हैं. सोनू ने मुंबई में अपने 6 मंजिला होटल को शहर के स्वास्थ्यकर्मियों की सहायता के लिए उपलब्ध कराया है.


वहीं पंजाब में भी सोनू ने स्वास्थ्यकर्मियों के लिए 1,500 PPE किट उपलब्ध कराई थीं, जबकि कुछ दिन पहले ही उन्होंने मुंबई में कई लोगों को फूड किट भी बांटे थे. सोनू के इन कदमों की लगातार तारीफ हो रही है और लोग उन्हें असली हीरो भी बोल रहे हैं.

 

 

 

सावधान : इस देश की पास्ता बनाने वाली कंपनी में फैला कोरोना वायरस, पढ़ें पूरी खबर

सावधान : इस देश की पास्ता बनाने वाली कंपनी में फैला कोरोना वायरस, पढ़ें पूरी खबर

स्पोकेन । अमेरिका में पास्ता बनाने वाली एक कंपनी ने स्पोकेन शहर में स्थित अपनी फैक्टरी में कोरोना वायरस फैलने की घोषणा की है। यह खबर ऐसे समय में सामने आयी है जब अमेरिकी सरकार अर्थव्यवस्था को फिर से खोलने की तैयारी कर रही है। अखबार 'द स्पोक्समैन-रिव्यू' की खबर के मुताबिक फिलाडेल्फिया मैक्रोनी कंपनी ने शुक्रवार को एक बयान में बताया कि उसके 72 कर्मचारियों की कोविड-19 के लिए जांच की गई और 24 कर्मी संक्रमित पाए गए हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि स्पोकेन काउंटी में बृहस्पतिवार और शुक्रवार के बीच 31 नए मामले आने के साथ ही संक्रमण के मामलों की वृद्धि हुई है। कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि फैक्टरी के सभी कर्मचारियों की जांच की गई है और फैक्टरी को संक्रमण मुक्त किया गया है। कंपनी संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने के लिए स्पोकेन रिजनल हेल्थ डिस्ट्रिक्ट के साथ मिलकर काम कर रही है।

यूपी सरकार का बड़ा फैसला- शॉपिंग मॉल्स में शराब की दुकानें खुलेंगी, बीयर और वाइन भी मिलेगी

यूपी सरकार का बड़ा फैसला- शॉपिंग मॉल्स में शराब की दुकानें खुलेंगी, बीयर और वाइन भी मिलेगी

नई दिल्ली,उत्तर प्रदेश में शॉपिंग मॉल्स में शराब बेचने की इजाजत दे दी गई है. यूपी कैबिनेट ने ये पैसला किया है. शापिंग माल्स में महंगी विदेशी शराब, बीयर और वाइन बेचने की इजाजत दे दी गई है. मौजूदा समय में विदेशी शराब की बिक्री फुटकर दुकानों और मॉडल शॉप्स में होती है. पहले मॉल में विदेशी शराब की फुटकर बिक्री का प्रावधान नहीं था. सील्ड बोतलों में मॉल में विदेशी शराब की बिक्री के लिए लाइसेंस दिए जाएंगे.


ये लाइसेंस किसी भी पात्र व्यरक्तिे, कम्पडनी, भागीदारी फर्म, प्रोपराइटरी फर्म या सोसाइटी द्वारा प्राप्त् किए जा सकते है. मॉल जिनमें ऐसी दुकाने खोली जायेंगी उनका न्यू नतम प्लिंथ ऐरिया 10000 वर्ग फीट होना चाहिए जिसमें डिपार्टमेंटल स्टोर्स या सुपर मार्केट या हाइब्रिड हाइपर मार्केट सम्मिलित हैं.


प्रीमियम रिटेल वेण्ड में न्यूमनतम 500 वर्ग फीट का कार्पेट एरिया होना चाहिए और इनमें ग्राहकों को प्रवेश करने और अपनी इच्छानुसार शेल्फ से ब्राण्ड चुनने की सुविधा प्रदान की जाएगी. दुकान सुसज्जित शेल्फ सहित वातानुकूलित होगी जिससे कि विभिन्न प्रकार के ब्राण्ड शेल्फ में व्यवस्थित ढंग से प्रदर्शित किए जा सकें.

 

रेलवे ने राज्यों से अपनी जरूरत बताने को कहा,अगले 10 दिनों में श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से यात्रा करेंगे लगभग 36 लाख

रेलवे ने राज्यों से अपनी जरूरत बताने को कहा,अगले 10 दिनों में श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से यात्रा करेंगे लगभग 36 लाख

नई दिल्ली, रेल मंत्रालय ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने बताया कि अगले 10 दिन में श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से 36 लाख प्रवासी यात्रा करेंगे. रेलवे ने राज्यों को अपनी जरूरतें बताने को कहा है. अभी तक 2600 से ज्यादा स्पेशल ट्रेन चलाए जा चुके हैं और 35 लाख से अधिक प्रवासी को उनके राज्यों तक पहुंचाया जा चुका है.


विनोद कुमार यादव ने कहा कि 1 मई से श्रमिक स्पेशल ट्रेने शुरू हुई थीं. सभी यात्रियों को मुफ्त भोजन और पीने का पानी उपलब्ध कराया जा रहा है. इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग और सफाई के सही प्रोटोकॉल का टेन और स्टेशनों पर पालन किया जा रहा है. बिहार जाने वाली ट्रेन के ओडिशा जाने पर उन्होंने कहा, '' यूपी और बिहार मिलाकर 80 प्रतिशत ट्रेन चली है. इस नेटवर्क पर दबाव है. जब रोड पर ट्रैफिक जाम होता है तो कई बार हम लंबे रूट पर जाकर तेजी से पहुंचते हैं. हर ट्रेन के बारे में लगातार निर्णय लिए जा रहे हैं. रूट पर परिचालन के आधार पर निर्णय लिया गया. ये एक स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल है. जब किसी रूट में ज्यादा ट्रैफिक होता है तो उसे दूसरे रूट से ले जाया जाता है.'' इसके साथ ही उन्होंने कहा कि रेलवे के 17 अस्पतालों को कोविड-19 मरीज की देखभाल अस्पताल में तब्दील किया गया है.


देश में 1 जून से 200 ट्रेने रोजाना चलेंगी. रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि 200 में से सिर्फ 10-12 ट्रेनों को छोड़कर बाकी ट्रेनों में जगह अभी भी खाली हैं. रेलवे द्वारा छूट खत्म किए जाने पर उन्होंने कहा कि सीनियर सिटीजन के मामले में हम चाहते हैं कि जिनके लिए जरूरी हो वही ट्रैवल करें.


200 ट्रेनों के लिए टिकट की बुकिंग शुरू हो चुकी है. यात्रियों को ये जानना जरूरी है कि इन ट्रेनों में मास्क लगाना और मोबाइल में आरोग्य सेतु एप रखना अनिवार्य है. यात्रियों को स्टेशन ट्रेन चलने के समय से डेढ़ घंटे पहले पहुंचना होगा. केवल एसिम्प्टोमैटिक यात्री ही यात्रा कर सकेंगे. जिन्हें कोरोना लक्षणों के कारण यात्रा से रोका जाएगा उसके टिकट का पूरा पैसा वापस होगा. इन ट्रेनों में स्टॉपेज सामान्य ट्रेनों की तरह ही होंगे. इससे उन मजदूरों और सामान्य लोगों को भी फायदा मिलेगा जो स्टॉपेज ना होने के कारण एसी स्पेशल ट्रेनों में नहीं जा पा रहे थे.


1 जून से शुरू हो रही  ट्रेनें
नई दिल्ली स्टेशन से - 17 ट्रेनें चलेंगी और 3 अन्य ट्रेनें पास होंगी यानी उनका यहाँ स्टॉपेज होगा.
निजामुद्दीन स्टेशन से - 9 ट्रेनें चलेंगी, 1 का स्टॉपेज होगा.
आनंद विहार स्टेशन से - 5 ट्रेनें चलेंगी.
पुरानी दिल्ली स्टेशन से - 2 ट्रेनें चलेंगी, 2 का स्टॉपेज होगा.
दिल्ली सरायरोहिल्ला स्टेशन- 1 ट्रेन चलेगी.
लखनऊ जंक्शन स्टेशन से - 15 ट्रेनें चलेंगी , 2 का स्टॉपेज होगा.

 

बंगाल सरकार विशेष ट्रेनों से आने वाले प्रवासी मजदूरों का पूरा खर्चा उठाएगी – ममता बेनर्जी

बंगाल सरकार विशेष ट्रेनों से आने वाले प्रवासी मजदूरों का पूरा खर्चा उठाएगी – ममता बेनर्जी

कोलकाता,पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को घोषणा की है कि देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे राज्य के प्रवासी मजदूरों के परिवहन की पूरी लागत राज्य सरकार देगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि किसी भी प्रवासी मजदूर से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा.


ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, ‘‘हमारे प्रवासी श्रमिकों के कठिन परिश्रम को सलाम करते हुए, मुझे पश्चिम बंगाल सरकार के निर्णय की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि दूसरे राज्यों से प्रवासी कामगारों को विशेष ट्रेनों द्वारा लाए जाने का पूरा खर्चा राज्य सरकार उठाएगी. किसी भी प्रवासी से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा.’’

 

बड़ी ख़बर: विजय माल्या को ब्रिटेन सुप्रीम कोर्ट से मिला झटका, अब पैसे लौटाने को तैयार

बड़ी ख़बर: विजय माल्या को ब्रिटेन सुप्रीम कोर्ट से मिला झटका, अब पैसे लौटाने को तैयार

लन्दन,भगोड़े विजय माल्या को ब्रिटेन में बड़ा झटका लगा है. माल्या ने पिछले दिनों लंदन हाई कोर्ट के प्रत्यर्पण संबंधी फैसले के खिलाफ ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करने की ब्रिटिश प्रशासन से अनुमति मांगी थी. जिसे अब खारिज कर दिया गया है. ऐसे में अब साफ है कि माल्या को भारत लौटना होगा.

शराब कारोबारी विजय माल्या ने सरकार से 100 प्रतिशत कर्ज चुकाने के उनके प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए कहा. साथ ही उन्होंने सरकार से उनके खिलाफ मामले बंद करने की अपील भी की. माल्या ने हाल में घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज पर भारत सरकार को बधाई देते हुए अफसोस जताया कि उनके बकाया चुकाने के प्रस्तावों को बार-बार नजरअंदाज किया गया.


उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘कोविड-19 राहत पैकेज के लिए सरकार को बधाई. वे जितना चाहें उतने नोट छाप सकते हैं, लेकिन क्या मेरे जैसे छोटे योगदानकर्ता की अनदेखी करनी चाहिए, जो सरकार के स्वामित्व वाले बैंक से लिया गया 100% कर्ज वापस करना चाहता है.’’


माल्या बंद हो चुकी विमानन कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस के प्रवर्तक हैं, और 9,000 करोड़ रुपये के कथित धोखाधड़ी और धन शोधन मामले में उनकी तलाश है. उन्होंने कहा, ‘‘कृपया बिना किसी शर्त मुझसे धन लीजिए और (मामले को) बंद कीजिए.’’