नई दिल्ली: बिग बाउट इंडियन बॉक्सिंग लीग 2019 के उद्घाटन सत्र के फाइनल में गुजरात जाइंट्स की नाबाद उपस्थि्ति रही, और गुजरात जायंट्स चैंपियन बन कर उभरा। फाइनल मुकाबला एक रोमांचक अनुभव था, क्योंकि बाक्सिरों ने अपने प्रतिद्वंद्वी पंजाब पैंथर्स के खिलाफ मजबूत प्रदर्शन किया।
सुपरस्टार बॉक्सेरों जैसे सरिता देवी, दुर्योधन नेगी, आशीष कुमार, पूनम, राजेश नरवाल, अमित पंघल, और चिराग और स्कॉटलैंड के स्कॉट फ़ॉरेस्ट की शक्ति शाली टीम ने चैंपियंस का ख़िताब जीता और पूरे सीजन में नाबाद रहे।
लीग के प्रारंभ से ही गुजरात जायंट्स पसंदीदा टीम बनी रही, और हर बॉक्स र ने लगातार शानदार प्रदर्शन किये। कुछ अच्छेे सहायक कर्मचारियों के सहयोग से, जिन्हों ने खिलाड़ियों को सर्वोत्तम प्रशिक्षण दिया, यह शानदार परिणाम आना ही था और यह बॉक्सरों के प्रदर्शन में भी दिखाई दिया।
गुजरात जायंट्स की मूल सोच, खेल संस्कृति को जमीनी स्तर पर विकसित करना है, जो टीम के मालिक – अदाणी ग्रुप – के राष्ट्र निर्माण के दर्शन के साथ-साथ ग्रुप की ‘गर्व है’ पहल में भी दिखता है, और जो भारत के उभरते खिलाड़ियों को निखारने में मदद करता है। गुजरात जायंट्स का आधार भविष्य के चैंपियन के लिए वैश्विक स्तर के अवसर पैदा करना है।
श्री प्रणव अदाणी, मैनेजिंग डायरेक्टयर, ऑयल, एग्रो एवं गैस, अदाणी ग्रुप ने बताया कि " गुजरात जायंट्स टीम की जीत भारतीय बॉक्सैरों के एक नए अध्याय की शुरुआत का जश्न मनाती है। अन्य लोगों में, बॉक्सिंयग समुदाय और टेलीविजन दर्शकों की प्रतिक्रिया बेहद उत्साहजनक रही है, जो निकट भविष्य में खेल के लिए अच्छा संकेत है। हालांकि भारतीय खिलाड़ी पहले से ही अपने शानदार प्रदर्शन का संकेत दे रहे हैं, पर मुझे यकीन है कि बिग बाउट लीग खेल को एक नए स्तर पर ले जाएगा और उम्मीद है कि अगले 2-3 वर्षों में विश्व स्तर पर बॉक्सिंाग प्रतिभाओं का खजाना बन जाएगा।”
गुजरात जायंट्स के कोच गुरबक्स सिंह संधू ने कहा कि "यह सभी बॉक्संरों के अच्छे प्रदर्शन वाली एक बड़ी लीग रही है, विशेष रूप से अमित पंघल की भूमिका खास रही, जिन्होंने पूरी टीम को भी प्रेरित किया। अमित के अलावा, चिराग, स्कॉट और अन्य सभी बॉक्स रों ने गुजरात जायंट्स की इस सफलता के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दिया और कुल मिलाकर, अगर मैं मूल्यांकन करूं तो टीम के प्रत्येक बॉक्सीर ने अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयास किये, जो अंततः इस सफलता का कारण बने। इसके अलावा, टीम के कोच जगदीप हुड्डा, हितेश कुमार बहुत सक्रिय और मददगार बने रहे और बॉक्सररों को अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देने के लिए प्रेरित किया। साथ ही, सहायक कर्मचारी गौरव, फिजियो करने वाले और मसाज करने वाले और यहां तक कि, ऑडियो-विजुअल गतिविधियों से जुड़े अन्य सहायक कर्मचारी भी वास्तव में अच्छे साबित हुए। उन्होंने बॉक्स्रों को सभी आवश्यक सामग्री प्रदान की और हर जरूरत पर अपना यहयोग दिया। बॉक्स रों और सहयोगी स्टाफ की पूरी टीम, टीम के मालिक - अदाणी ग्रुप के श्री सत्यम त्रिवेदी और धीरज पराशर, और पूरी टीम के कुल प्रयासों ने वास्तव में एकजुट हो कर काम किया और परिणाम हमारे सामने है, और अगर वे ऐसा करते रहे, तो भविष्य में भी बहुत अच्छे नतीजे आयेंगे।
नई दिल्ली | बिग बाउट इंडियन बॉक्सिंग लीग के सेमीफाइनल में अदाणी गुजरात जायंट्स ने बॉम्बे बुलेट्स पर भारी जीत दर्ज की। जारी बिग बाउट इंडियन बॉक्सिंग लीग में अन्य टीमों पर 5 बार जीत हासिल करते हुए गुजरात ने शानदार प्रदर्शन किया है।

ओलंपिक खेलों को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है. खबर है कि एंटी डोपिंए एजेंसी ने रूस को ओलंपिक खेलों से चार साल के लिए बैन कर दिया है. बता दें कि अगले साल जुलाई के महीने में ओलंपिक खेल होने वाला है. ऐसे में खेल के इतने बड़े प्लेटफॉर्म से रूस को काफी बड़ा झटका लगा है.
रूस पर इस बैन का असर ये होगा कि यहां की टीम अब 2020 के टोक्यो ओलंपिक और 2022 के बीजिंग ओलंपिक में भाग नहीं ले पाएगी. इस फैसले से पहले वाडा की एक बैठक लुसाने (स्वीटजरलैंड) में हुई. बता दें कि रूस पर यह आरोप लगा था कि उसने एंटी डोपिंग लेबोरेट्री से गलत जानकारी मुहैया कराई थी.
वाडा के प्रवक्ता जेम्स फिट्जगेराल्ड ने कहा, ‘‘सिफारिशों की पूरी सूची सर्वसम्मति से स्वीकार कर ली गयी है. वाडा कार्यकारी समिति ने सर्वसम्मति से स्वीकार किया कि रूसी डोपिंगरोधी एजेंसी ने चार साल तक नियमों का पालन नहीं किया.’’
वाडा के इस फैसले के बाद रूसी खिलाड़ी तोक्यो ओलंपिक में तटस्थ खिलाड़ी के तौर पर भाग ले सकते हैं लेकिन ऐसा तभी संभव होगा जब वे यह साबित करेंगे कि वे डोपिंग की उस व्यवस्था का हिस्सा नहीं थे जिसे वाडा सरकार प्रायोजित मानता है.
फिट्जगेराल्ड ने कहा, ‘‘उन्हें यह साबित करना होगा कि वे रूसी डोपिंग कार्यक्रम का हिस्सा नहीं थे जैसा कि मैकलारेन रिपोर्ट में कहा गया है या उनके नमूनों में हेराफेरी नहीं की गयी थी.’’ मैकलारेन रिपोर्ट 2016 में जारी की गयी थी जिसमें रूस में विशेषकर 2011 से 2015 तक सरकार प्रायोजित डोपिंग का खुलासा किया गया था.
कोलकाता, भारतीय विकेटकीपर रिद्धिमान साहा ने कहा है कि दिन-रात टेस्ट मैच में गुलाबी गेंद से विकेटकीपिंग करना विकेटकीपरों के लिए चुनौतीपूर्ण है। भारतीय टीम शुक्रवार से यहां ईडन गार्डन्स स्टेडियम में बांग्लादेश के खिलाफ अपना पहला दिन-रात टेस्ट मैच खेलेगी, जिसमें गुलाबी गेंद का इस्तेमाल किया जाएगा।
साहा ने कहा, (गुलाबी) गेंद को पकडऩा चुनौतीपूर्ण है। अगर यह स्लिप के लिए चुनौतीपूर्ण है तो मेरे लिए भी है क्योंकि मैं भी स्लिप के बगल में खड़ा रहता हूं। इसके अलावा तेज गेंदबाज जब गेंद फेंकते हैं तो यह गेंद लहराती है। यह एक फैक्टर हो सकता है, लेकिन मुझे चुनौती स्वीकार है। हम पेशेवर हैं।
भारतीय खिलाडिय़ों में साहा और मोहम्मद शमी को ही घरेलू क्रिकेट में दिन-रात मैच खेलने का अनुभव है। दोनों खिलाड़ी 2016 में ईडन गार्डन्स में सीएबी के सुपर लीग फाइनल में दिन-रात क्रिकेट खेल चुके हैं।
उन्होंने कहा, यह चुनौतीपूर्ण होगा, खासकर गेंद को पकड़ते समय। हमें इससे तालमेल बिठाना होगा। गेंद नई है और यह तेज गेंदबाजों के लिए मददगार साबित हो सकती है। यह बल्लेबाजों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है।
रायपुर: छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस स्पोर्ट्स सेल का एक प्रतिनिधि मंडल अध्यक्ष अधि. प्रवीण जैन के नेतृत्व में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव से मुलाकर कर प्रदेश के चोटिल खिलाड़ियों के निःशुल्क उपचार और प्रदेश के प्रत्येक जिला अस्पताल में स्पोर्ट्स इंज्यूरी के विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति करने की मांग रखी।
ज्ञात हो कांग्रेस स्पोर्ट्स सेल ने 2 अक्टूबर को प्रदेश के खिलाड़ियों के लिए एक चिकित्सा जांच शिविर लगाया था जिसमें अर्थेमिस हॉस्पिटल गुणगांव और MMI नारायणा हॉस्पिटल के स्पोर्ट्स इंज्यूरी के विशेज्ञ डॉक्टरों की टीम ने 324 खिलाड़ियों की जांच की थी, जिनमें से 21 खिलाड़ियों के लिगामेंट टूटा पाया गया था। प्रतिनिधि मंडल ने इन चोटिल खिलाड़ियों की भी निशुल्क चिकित्सा की मांग रखी जिसे स्वास्थ्य मंत्री ने स्वीकार किया और आश्वासन दिया है कि प्रदेश में शीघ्र ही स्पोर्ट्स इंज्यूरी के डाक्टर्स की नियुक्तियां भी की जायेगी, जिससे प्रदेश के खिलाड़ियों को लाभ मिल सकेगा। प्रतिनिधि मंडल में स्पोर्ट्स कांग्रेस के अध्यक्ष प्रवीण जैन, मनोज बोथरा, धीरज गुप्ता, मिलिंद गौतम, आलोक दुबे एवं राहुल जैन उपस्थित रहे।
नई दिल्ली: दुनिया में भारत का नाम रोशन करने वाली नौ महिला खिलाड़ियों को पद्म पुरस्कारों (Padma Awards) से सम्मानित किया जा सकता है. खेल मंत्रालय ने इन खिलाड़ियों की सूची तैयार कर ली है. छह बार की विश्व चैंपियन एमसी मैरीकॉम (MC Mary Kom) को पद्म विभूषण से सम्मानित किया जा सकता है. यह देश का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है. बैडमिंटन विश्व चैंपियन पीवी सिंधु (PV Sindhu) का नाम पद्म भूषण के लिए भेजा गया है.
बॉक्सर एमसी मैरीकॉम को अगर पद्म विभूषण से सम्मानित किया जाता है तो वे यह सम्मान पाने वालीं देश की पहली महिला खिलाड़ी होंगी. मैरीकॉम को पद्म श्री और पद्म भूषण पुरस्कारों से पहले ही सम्मानित किया जा चुका है. उन्हें 2003 में अर्जुन अवॉर्ड दिया गया था. मैरीकॉम विश्व चैंपियनशिप में सात मेडल (6 गोल्ड, 1 सिल्वर) जीतने वाली दुनिया की एकमात्र बॉक्सर हैं.
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सूत्रों के मुताबिक पीवी सिंधु समेत आठ खिलाड़ियों के नाम पद्म भूषण के लिए फाइनल किए गए हैं. इनमें मणिका बत्रा (टेबल टेनिस), विनेश फोगाट (कुश्ती), रानी रामपाल (हॉकी), हरमनप्रीत कौर (क्रिकेट), सुमा शिरूर (निशानेबाज) और ताशी मलिक व नुंग्शी मलिक (दोनों पर्वताराही) शामिल हैं. ताशी और नुंग्शी बहन हैं.
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सूत्रों के मुताबिक खेल मंत्रालय ने पद्म पुरस्कारों के लिए इन खिलाड़ियों के नाम को अंतिम रूप दे दिया है. हालांकि, खेल मंत्री किरेन रिजीजू (Kiren Rijiju) ने अभी इसे मंजूरी नहीं दी है. जैसे ही रिजीजू इसे अपनी सहमति देंगे, वैसे इन नामों की सिफारिश गृह मंत्रालय की पद्म अवॉर्ड्स कमेट को भेज दी जाएगी.
लंदन: लॉर्ड्स टेस्ट के बाद एशेज सीरीज(Ashes Series) में रोमांच बढ़ गया है. पहला टेस्ट गंवाने के बाद इंग्लैंड की टीम ने जोफ्रा आर्चर के साथ टीम के बढ़िया प्रदर्शन के दम पर लॉर्ड्स में हुए दूसरे टेस्ट में वापसी की और जीत के नजदीक पहुंच कर मैच ड्रॉ पर खत्म किया. इस मैच में ऑस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ को आर्चर की बाउंसर से घायल होना बहुत चर्चा में रहा जिसकी वजह से वे इस मैच की दूसरी पारी में टेस्ट से बाहर हो गए थे. इस सीरीज को लेकर अब ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान स्टीव वॉ (Steve Waugh) ने कहा है कि अब बची सीरीज में आर्चर एक्स फैक्टर हो सकते हैं.
आर्चर हो सकते हैं एक्स फैक्टर
वॉ का कहना है कि आर्चर के पास विरोधी टीम की बैटिंग लाइनअप को अस्थिर करने का ‘एक्स फैक्टर’ है. वॉ का मानना है कि एशेज सीरीज अब संतुलित है और सीरीज में नतीजा केवल कुछ खास लम्हों से निकल सकता है. आर्चर ने लॉर्ड्स में हुए सीरीज के दूसरे टेस्ट में अपना टेस्ट करियर शुरू किया था और अपने पहले ही मैच में उन्होंने घातक तेज गेंदबाजी से ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी क्रम को हिलाकर रख दिया था. इस में आर्चर के स्पेल की बॉलिंग की रफ्तार का औसत 145 किमीप्रति घंटा रही थी.