छत्तीसगढ़ पर फिर पड़ा Corona का साया,एक ही दिन में इस जिले में मिले इतने कोरोना मरीज,जानिए किस जिले में कितने एक्टिव केस ?    |    CG CORONA UPDATE : छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामलों में बढ़त जारी...जानें 24 घंटे में सामने आए कितने नए केस    |    छत्तीसगढ़ में आज कोरोना के 10 नए मरीज मिले, कहां कितने केस मिले, देखें सूची…    |    प्रदेश में थमी कोरोना की रफ्तार, आज इतने नए मामलों की पुष्टिं, प्रदेश में अब 91 एक्टिव केस    |    CG CORONA UPDATE : छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामलों में बढ़त जारी...जानें 24 घंटे में सामने आए कितने नए केस    |    BREAKING : प्रदेश में आज 15 नए कोरोना मरीजों पुष्टि, देखें जिलेवार आकड़े    |    प्रदेश में कोरोना का कहर जारी...कल फिर मिले इतने से ज्यादा मरीज, एक्टिव मरीजों का आंकड़ा पहुंचा 100 के पार    |    छत्तीसगढ़ में मिले कोरोना के 14 नए मरीज...इस जिले में सबसे ज्यादा संक्रमित,कुल 111 एक्टिव केस    |    सावधान : छत्तीसगढ़ में फिर बढ़ रहा कोरोना...जानें 24 घंटे में सामने आए कितने नए केस    |    Corona update: प्रदेश में 2 कोरोना मरीजों की मौत...इलाज के दौरान तोड़ा दम    |
17 जून : कोविड-19 से जुड़ी नवीनतम जानकारी

17 जून : कोविड-19 से जुड़ी नवीनतम जानकारी

भारत में कोविड-19 के सक्रिय मामले और घटकर 8,26,740 हुए; 71 दिनों के बाद सबसे कम

पिछले 24 घंटे में 67,208 दैनिक नये मामले दर्ज किए गए

देश में अब तक कुल 2,84,91,670 लोग कोविड-19 से उबरे

पिछले 24 घंटे में 1,03,570 लोग कोविड-19 से उबरे

लगातार 35वें दिन बीमारी से उबरने वाले लोगों की संख्या दैनिक नये मामलों की संख्या से ज्यादा

रिकवरी रेट बढ़कर 95.93 प्रतिशत हुआ 

साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट पांच प्रतिशत से कम बना हुआ है, इस समय 3.99 प्रतिशत

दैनिक पॉजिटिविटी रेट 3.48 प्रतिशत, लगातार 10वें दिन पांच प्रतिशत से कम

 

जांच की क्षमता में काफी वृद्धि – अब तक कुल 38.52 करोड़ जांच की गयी

राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक टीके की 26.55 करोड़ खुराक दी गयीं 

इन 7 चीजों में होती है बहुत ज्यादा शुगर, डायबिटीज मरीज रहें दूर

इन 7 चीजों में होती है बहुत ज्यादा शुगर, डायबिटीज मरीज रहें दूर

भारत भारत में शुगर के मरीज सबसे अधिक है। देश शुगर के मामलों में टॉप देशों में शुमार है। उन्हें अपने खानपान का खासतौर पर ध्यान रखना जरूरी होता है। शुगर आने पर आपको कई प्रकार के फल और अन्य चीजों के सेवन से बचना चाहिए जिनमें शुगर की मात्रा बहुत अधिक होती है। ऐसा इसलिए शुगर होने पर मोटापा, दिल की बीमारी, कैंसर सहित अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। कहा जा सकता है आपको अपनी लाइफस्टाइल में भी बदलाव करना पड़ता है। शुगर बढ़ने पर आपको शुगर इंटेक वाले फल और चीजों से बचना चाहिए। अक्सर हम मीठे फलों का भी सेवन करने लग जाते हैं यह सोचकर की वह तो नेचरल है। लेकिन ऐसा नहीं है उसका भी असर जरूर होता है।
तो जानते हैं 7 ऐसे कौन से फल और चीजें हैं जिससे शुगर की मात्रा अधिक होती है -
1.सफेद चावल- चावल का सेवन बहुत कम और रोज करने से बचना है। शुगर के मरीजों को इसका सेवन सप्ताह में एक बार से ज्यादा नहीं करना चाहिए। इनमें कब्र्स की मात्रा बहुत अधिक होती है। और कब्र्स हमारे शरीर में शुगर बनाते हैं। कई बार चावल खाने या उसके अधिक सेवन से शुगर की मात्रा इतनी अधिक बढ़ जाती है कि इंसुलिन भी कंट्रोल नहीं कर पाता है।
2.ज्यूस- फल मीठे होते हैं उन्हें खाने से हमें एनर्जी मिलती है। लेकिन आप शुगर के मरीज है तो आपको ज्यूस नहीं लेना चाहिए। इसमें मौजूद विटामिन और खनिज अधिक मात्रा में होते हैं और फाइबर की मात्रा कम होती है। वहीं अगर देखा जाए तो एक गिलास ज्यूस में डेढ़ फल लग जाते हैं। इसलिए ज्यूस का सेवन नहीं करना चाहिए। इस जगह पर रॉ फलों का ही सेवन करें।

3.फ्लेवर्ड कॉफी- यह बहुत अच्छी लगती है लेकिन इसमें चीनी की मात्रा अधिक होती है। जिसके सेवन से आपका शुगर इनटेक बढ़ सकता है। ऐसे में आपके लिए एक और परेशानी का सबब बन सकता है। इसलिए इस तरह की कॉफी नहीं पीएं जिसमें शुगर अधिक हो।
4.केचप- जंक फूड और अन्य फूड में खाने का स्वाद बढ़़ाता है लेकिन केचप का सेवन शुगर मरीजों के लिए घातक है। जी हां, इसके एक चम्मच केचप में एक चम्मच चीनी का इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए केचप का सेवन नहीं के बराबर करना चाहिए।

5.फ्लेवर्ड दही- दही सेहत के लिहाज से बहुत अधिक अच्छा होता है। कम वसा वाले दही में स्वाद नहीं होने पर उनमें बहुत सारी शक्कर घोल दी जाती हैं। लेकिन आपको ऐसे दही का सेवन करने से बचना चाहिए। साथ ही कम वसा वाले दही में फुल फैट दही के समान लाभ बहुत अधिक नहीं होते हैं।
6.बारबेक्यू सॉस- यह बहुत स्वादिष्ट होता है। लेकिन बहुत अधिक चीनी का इस्तेमाल किया जाता है। इसका सेवन करने से पहले स्टीकर पर जरूर चेक कर लें इसमे कितनी शक्कर है। उस अनुसार आप इसका सेवन करें।

7.क्रीम डेयरी प्रोडक्ट्स- फुल क्रीम, आइसक्रीम, चीज में फैट कई गुना अधिक होता है। शुगर के मरीज होने के नाते लो फैट पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
 

भारत में कोरोना का एक नया वेरिएंट मिला, हो सकता है ख़तरनाक

भारत में कोरोना का एक नया वेरिएंट मिला, हो सकता है ख़तरनाक

भारत ने मंगलवार को औपचारिक रूप से स्वीकार किया कि AY.1 कोरोना वायरस का एक वेरिएंट मौजूद है जो कि डेल्टा वेरिएंट के क़रीब है. AY.1 या B.1.617.2.1 का एक म्यूटेशन है, जिसे K417N कहा जा रहा है. इसे काफ़ी संक्रामक बताया जा रहा है और बीटा वेरिएंट से जुड़ा है. पहली बार इसकी पहचान दक्षिण अफ़्रीका में हुई थी. मंगलवार को कोविड-19 टीकाकरण पर बने राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह के प्रमुख वीके पॉल ने एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा, ''पहली बार इसकी पहचान मार्च महीने में यूरोप में हुई थी लेकिन दो दिन पहले ही यह लोगों में पाया गया है. हाँ, नया कोरोना का नया वैरिएंट पाया गया है. लेकिन अभी चिंता की कोई बात नहीं है. हमें इसके बारे में अभी बहुत कुछ पता नहीं है. हम इसे लेकर अध्ययन कर रहे हैं. भारत में इसके संक्रमण को लेकर भी अध्ययन किया जा रहा है.'' सोमवार को अंग्रेज़ी अख़बार द हिन्दू में एक रिपोर्ट छपी थी कि भारत की पाँच प्रयोगशालाओं की ओर से नए वेरिएंट का डेटा मई और जून में GISAID को सौंपा गया था. GISAID एक वैश्विक संस्था है. ब्रिटेन के निकाय पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने कहा है कि GISAID में भारत से 63 जीनोम सात जून तक आए हैं. इनमें आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और कर्नाटक में AY.1 वेरिएंट के सबूत मिले हैं. डॉ पॉल ने कहा, ''म्यूटेशन एक जैविक तथ्य है. हमें बचाव के तरीक़े अपनाने हैं. हमें इसे फैलने का अवसर मिलने से रोकना होगा.'' डॉ पॉल ने कहा कि भारत में सोमवार को नोवावैक्स वैक्सीन आ गई. उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि नोवावैक्स वैक्सीन का उत्पादन भारत में बड़े पैमाने पर होगा. डॉ पॉल ने कहा, ''हम जानते हैं कि नोवावैक्स बिल्कुल सुरक्षितहै और इसकी एफिकेसी दर भी काफ़ी उच्च स्तर की है. हमें गर्व होना चाहिए कि भारत में अब एक और वैक्सीन मोजूद है.'' नोवावैक्स अमेरिकी कंपनी है और वो भारत में सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के साथ मिलकर NVX-CoV2373वैक्सीन बना रही है. 

भारत में 70 दिनों बाद कोविड के सक्रिय मामले आई...

भारत में 70 दिनों बाद कोविड के सक्रिय मामले आई...

भारत में लगातार दैनिक नये मामलों में कमी दर्ज की जा रही है। देश भर में पिछले 24 घंटों के दौरान 62,224 दैनिक नये मामले दर्ज किये गये। आज नौवें दिन लगातार नये मामले रोजाना के हिसाब से एक लाख के नीचे रहे। यह केंद्र और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के समवेत प्रयासों का नतीजा है।
भारत में सक्रिय मामलों में लगातार गिरावट भी देखी जा रही है। देश में आज सक्रिय मामलों की संख्‍या 8,65,432 रही। 70 दिनों बाद कोविड मामले नौ लाख से नीचे पहुंचे हैं।
पिछले 24 घंटों के दौरान सक्रिय मामलों में कुल 47,946 की कमी देखी गई। देश के कुल पॉजिटिव मामलों में सक्रिय मामले अब महज 2.92 प्रतिशत हैं। कोविड-19 से ज्यादा से ज्यादा लोग उबर रहे हैं, जिसके आधार पर लगातार 34वें दिननये मामलों की तुलना में रोजाना स्वस्थ होने वाले लोगों की तादादज्यादा बनी रही। पिछले 24 घंटों के दौरान 1,07,628 मरीज स्वस्थ हुये।

पिछले 24 घंटों में दैनिक नये मामलों के मुकाबले 45 हजार (45,404) से अधिक रिकवरी दर्ज की गई। महामारी की शुरुआत से संक्रमित होने वाले लोगों में से कोविड-19 से 2,83,88,100 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। पिछले 24 घंटों में 1,07,628 लोग स्वस्थ हुये। इस तरह रिकवरी दर 95.80 प्रतिशत बैठती है, जिसमें बढ़ोतरी का रुझान देखा जा रहा है। देश में जांच क्षमता में उल्लेखनीय इजाफा किया गया है, जिसके आधार पर देश में पिछले 24 घंटों के दौरान कुल 19,30,987 जांचें की गईं। अब तक भारत में कुल मिलाकर 38.33 करोड़ (38,33,06,971) से अधिक जांचें हो चुकी हैं।

एक तरफ देश में जांच क्षमता बढ़ाई गई, तो दूसरी तरफ साप्ताहिक पॉजिटिव दर में लगातार कमी भी देखी गई। मौजूदा समय में साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 4.17 प्रतिशत है, जबकि दैनिक पॉजिटिविटी दर आज 3.22 प्रतिशत रही। यह लगातार नौवें दिन पांच प्रतिशत से कम पर बरकरार रही।

भारत ने कल 26 करोड़ टीकाकरण कवरेज का आंकड़ा पार कर लिया। आज सात बजे सुबह तक मिली रिपोर्ट के अनुसार 36,17,099 सत्रों के जरिये वैक्सीन की कुल 26,19,72,014 खुराकें लगाई गईं। पिछले 24 घंटों में 28,00,458 खुराकें लगाई गईं।

एक नज़र आज के कोविड-19 टीकाकरण अपडेट पर

एक नज़र आज के कोविड-19 टीकाकरण अपडेट पर

राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के हिस्से के रूप में, भारत सरकार राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को नि:शुल्क कोविड टीके उपलब्ध कराने के जरिये उनकी सहायता करती रही है। इसके अतिरिक्त, भारत सरकार राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा टीकों की प्रत्यक्ष खरीद को भी सुगम बनाती रही है। टीकाकरण टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट एवं कोविड से बचने के लिए सामाजिक व्‍यवहार के साथ-साथ महामारी के नियंत्रण तथा प्रबंधन के लिए भारत सरकार की व्यापक रणनीति का एक अंतरंग हिस्सा है। कोविड-19 टीकाकरण की उदार और त्वरित चरण-3 रणनीति का कार्यान्वयन 1 मई 2021 से आरंभ हुआ है। इस रणनीति के तहत, प्रत्येक महीने किसी भी विनिर्माता की सेंट्रल ड्रग लैबोरेट्ररी (सीडीएल) स्वीकृत टीकों के 50 प्रतिशत की खरीद भारत सरकार द्वारा की जाएगी। यह राज्य सरकारों को पूरी तरह नि:शुल्क रूप से इन टीकों को उपलब्ध कराना जारी रखेगी जैसाकि यह पहले से ही करती रही है। भारत सरकार ने अभी तक नि:शुल्क श्रेणी और प्रत्यक्ष राज्य खरीद श्रेणी के जरिये राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को 27.28 करोड़ से अधिक (27,28,31,900) टीके उपलब्ध कराये हैं। इनमें से, अपव्यय सहित कुल उपभोग 25,45,45,692 टीकों (आज सुबह 8 बजे तक उपलब्ध डाटा के अनुसार) का हुआ है। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के पास अभी भी लगाये जाने के लिए 1,82 करोड़ से अधिक (1,82,86,208) कोविड टीके उपलब्ध हैं। 

16 जून : कोविड-19 से जुड़ी नवीनतम जानकारी

16 जून : कोविड-19 से जुड़ी नवीनतम जानकारी

भारत में कोविड-19 के सक्रिय मामले और घटकर 8,65,432 हुए

सक्रिय मामलों की संख्या 70 दिनों के बाद नौ लाख से कम हुई

पिछले 24 घंटे में 66,224 दैनिक नये मामले दर्ज किए गए

देश में अब तक कुल 2,83,88,100 लोग कोविड-19 से उबरे

पिछले 24 घंटे में 1,07,628 लोग कोविड-19 से उबरे

लगातार 34वें दिन बीमारी से उबरने वाले लोगों की संख्या दैनिक नये मामलों की संख्या से ज्यादा

रिकवरी रेट बढ़कर 95.80 प्रतिशत हुआ

साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट गिरकर पांच प्रतिशत से कम हुआइस समय 4.17 प्रतिशत

दैनिक पॉजिटिविटी रेट 3.22 प्रतिशतलगातार नौवें दिन पांच प्रतिशत से कम

 

 

जांच की क्षमता में काफी वृद्धि – अब तक कुल 38.33 करोड़ जांच की गयी

राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक टीके की 26.19 करोड़ खुराक दी गयीं 

 ग्रीन फंगस : अब देश के इस राज्य में आया ग्रीन फंगस का पहला मामला

ग्रीन फंगस : अब देश के इस राज्य में आया ग्रीन फंगस का पहला मामला

मध्य प्रदेश के इंदौर में अब ग्रीन फंगस (Green Fungus )का मरीज सामने आया है और ये देश का पहला मामला है.दरअसल इंदौर में कोरोना की दूसरी लहर ने जमकर कहर मचाया था, जो अब बहुत हद तक शांत भी हो चुकी है. लेकिन अब इंदौर में बीमारियों के जंजाल में एक नए फंगल इंफेक्शन का मामला सामने आया है, जो देश का पहला मामला है. दरअसल, पोस्ट कोविड बीमारियों के लिहाज से अब तक ब्लैक, व्हाइट और यलो फंगस के मामले सामने आए थे. लेकिन इंदौर में अब देश का पहला ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें मरीज 90 दिन के इलाज के बाद ग्रीन फंगस का शिकार हुआ है.

लंग्स में मिला ग्रीन फंगस
स्वास्थ्य विभाग की अधिकारी डॉ. अपूर्वा तिवारी ने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को इंदौर के अरविंदो हॉस्पिटल से एक रिपोर्ट प्राप्त हुई है, जिसमें विशेषज्ञ डॉक्टर रवि डोशी ने बताया कि 34 वर्षीय विशाल श्रीधर नामक युवक पिछले डेढ़ माह से अरविंदो हॉस्पिटल में अपना इलाज करा रहे थे, लेकिन उनके लंग्स का 90 प्रतिशत इन्वॉल्वमेंट खत्म नही हो रहा था जबकि उनका हर मुमकिन इलाज किया गया था. इसके अरविंदो हॉस्पिटल में उनके लंग्स की जांच कराई गई तो पता चला कि मरीज के लंग्स में ग्रीन कलर का एक फंगस मिला है. जिसे म्युकर नहीं कहा जा सकता है. इसलिये उसे म्यूकर मायकोसिस नही कहा जा सकता है.
 


 

उन्होंने बताया कि उसके हरे रंग के कारण उसे ग्रीन फंगस नाम दिया गया है. डॉ. अपूर्वा ने बताया कि ये देश मे पहला केस है जिसमें ग्रीन कलर का फंगस किसी इंसान के लंग्स में मिला है. वही उन्होंने बताया कि निजी चार्टर्ड प्लेन से विशाल श्रीधर नामक मरीज को मुंबई के हिंदुजा हॉस्पिटल रैफर कर दिया गया है. वही डॉ.रवि डोशी लगातार मुम्बई के डॉक्टर्स के संपर्क रहकर मरीज की कंडीशन पर नजर बनाए हुए हैं.
 


यंग मरीज के अंदर मिला ग्रीन फंगस
 

दूसरी तरफ, मरीज का इलाज कर रहे अरविन्दो हॉस्पिटल के डॉ रवि डोशी ने बताया कि यह ग्रीन फंगस यंग मरीज़ के अंदर मिला है. यह उस व्यक्ति के सायनस में लंग्स में ओर ब्लड में मिला है. यह व्यक्ति पहले से कोविड मरीज थे जिससे उनके फेफड़े काफ़ी डेमेज थे. पिछले दो माह से कोविड का इलाज चल रहा था. डिस्चार्ज होने के बाद में यह फिर बीमारी सामने आई जांच की गई, उसके बाद एसपरजीलस की बात सामने आई.

 


डॉ रवि डोशी, अरविन्दो हॉस्पिटल टीवी चेस्ट विभाग प्रोफेसर ने बताया कि एसपरजिल्स के लक्षण की बात करें तो नाक में से खून आना, नाक बंद होने से सर्दी हो जाना, सरदर्द करना और बुखार आना ऐसे कई प्रकार के लक्षण है. उन्होंने कहा कि हमने अभी कई समय से कोविड-19 के इलाज के दौरान यह ऐसा पहला मामला है जहां जो कि ऐसे लक्षण सामने आए हैं. यह उतना ही घातक है जितना कोविड या म्यूकोमाइक्रोसिस. गौरतलब है कि इसस पहले केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि फंगस को किसी भी रंग के नाम से नहीं पहचाना जाना चाहिए.
खानपान संबंधी ये 7 गलत आदतें हो सकती हैं पेट फूलने या ब्लोंटिंग के लिए जिम्मे दार

खानपान संबंधी ये 7 गलत आदतें हो सकती हैं पेट फूलने या ब्लोंटिंग के लिए जिम्मे दार

पेट में फंसी हुई गैस आपको कितना परेशान कर सकती है, इसका अनुभव वही कर सकता है, जिसने इसका सामना किया होता है। कभी-कभी आप सोचती होंगी कि क्यों आखिर ये बार-बार हो जाती है। लॉकडाउन और वर्क फ्रॉम होम के इन दिनों में तो और भी ज्यादा। हम खानपान संबंधी उन सात आदतों की ओर आपका ध्याोन दिलवाने जा रहे हैं, जो पेट फूलने या ब्लोटिंग के लिए जिम्मेदार हो सकती हैं।

पेट फूलने या ब्लोूटिंग के लिए जिम्मेदार 7 कारण

1 लंबे समय तक भूखे रहना
लंबे समय तक भूखे रहना भी ब्लोाटिंग या पेट फूलने का कारण बन सकता है। काफी समय से भोजन न लेने के कारण पेट में बना अम्ल बहुत सक्रिय हो जाता है। जो हमारे पेट की दीवारों को क्षति पहुंचाता है और हमारा पेट फूलने लगता है। इसलिए जरूरी है कि हर तीन घंटे में कुछ न कुछ खाते रहें।
2 शारीरिक निष्क्रियता
खाना खाने के साथ जरूरी होता है उसका पचना। अगर आप भोजन को पचाने का प्रयास नहीं कर रहे हैं तो ये आपके पाचन तंत्र और अन्य अंगों के लिए अच्छा नहीं है। शारीरिक रूप से निष्क्रिय रहने या एक ही जगह बैठे रहने से मेटाबॉलिज्म घटता है। जिससे आपका वजन भी बढ़ता है और पाचन संबंधी समस्याएं भी होने लगती हैं। इसलिए खाने के बाद वॉक करें।
3 गरिष्ठ और तेज मसाले का भोजन
अधिक तैलीय और मसाले युक्त भोजन आपके शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। इस तरह के भोजन में कार्बोहाइड्रेट्स अधिक मात्रा में होती है, जिस कारण आपको गैस और पेट फूलने जैसी समस्या होती है। ऐसा आहार लेने से आपको लंबे समय तक तनाव और डिप्रेशन हो सकता है।
भोजन का सेवन करने पर आपके आमाशय यानी पेट में एक अम्ल बनता है, जो आपके भोजन को पचाने का काम करता है। ये अम्ल भोजन को छोटे-छोटे टुकड़े में तोड़ता है, जिससे हमारे पेट में गैस बनती है। इसके अलावा चना, चने की दाल, बीन्स, बेसन से बने फूड्स, मैदा, राजमा, छोले आदि के सेवन से भी पेट में गैस और ब्लोटिंग की समस्या हो जाती है। इसलिए ज्यादा तैलीय और मसाले युक्त भोजन का सेवन न करें।
4 ओवरईटिंग
ओवरईटिंग से बचें क्योंकि ज्यादा आहार लेने के कारण आपका पेट ज्यादा भोजन पचा नहीं पाता है। जिससे आपको पेट फूलने या ब्लोटिंग जैसी समस्या होती है। इसलिए खाने के लिए एक छोटी प्लेट चुनें। इसके अलावा, खाते समय धीमे-धीमे खाएं इससे शरीर को भोजन पचाने में आसानी होती है।
5 डिब्बाबंद खाने से
पैकेज्ड फूड एक सुविधाजनक स्नैक है, जिसे आप आसानी से कभी भी खा सकती हैं। पर क्या आप जानती हैं कि ये आपके शरीर के लिए कितना खतरनाक हो सकता है। डिब्बाबंद भोजन में सोडियम उच्च मात्रा में होता है। जो कुछ लोगों में पेट की सूजन पैदा करने लगता है। जिससे पेट फूलने जैसी समस्या बनी रहती है, जहां तक संभव हो घर का बना ताजा खाना खाएं।

6 सोडा या कार्बोनेटेड ड्रिंक
कार्बोनेटेड पेय, जैसे सोडा या स्पार्कलिंग पानी, सूजन का एक सामान्य कारण हो सकता है। सोडा आपके पेट में गैस बनाता है, जिससे सूजन, डकार और पेट फूलने की समस्या हो सकती है। कोशिश करें कि कम से कम सोडा लें। आप इसकी जगह खीरा या नींबू पानी पी सकती हैं।

7 देर रात खाना
आयुर्वेद के मुताबिक सूर्यास्त से एक घंटे बाद तक रात का भोजन कर लेना चाहिए। मगर मौजूदा लाइफस्टा इल में हमारे डिनर का टाइम बिल्कुतल बदल गया है। जबकि देर रात खाना खाना पाचन तंत्र पर असर डालता है। जिससे पेट में गैस और भारीपन की समस्या होती है। दरअसल जब भी आप रात में देर से खाना खाते हैं और उसके बाद सो जाते हैं तो वो खाना पचता नहीं है। ये बिना पचा हुआ खाना गैस, पेट दर्द और कब्ज का कारण बनता है। इसलिए कोशिश करें खाना सूर्यास्त के बाद ही खा लें।

पेट संबंधी अन्यस समस्याओं को भी जन्म देता है बार-बार पेट फूलना
• इससे पेट में पानी भर सकता है और पेट में ट्यूमर भी हो सकता है।
• सीलिएक रोग ये ग्लूटेन युक्त खाद्य के सेवन से पैदा होने वाली प्रतिरक्षा प्रणाली संबंधी समस्या, जिसमें छोटी आंत में सूजन या क्षति पैदा होती है।
• डंपिंग सिंड्रोम ये पेट से जुड़ी सर्जरी के कारण पैदा होने वाली समस्या है, जिसमें भोजन पेट के पहले भाग से तेजी से गुजरने लगता है। इसके कारण ओवेरियन (अंडाशय) कैंसर हो सकता है।
• गैस्ट्रोएसोफेगल रिफलक्स डिजीज इसमें पाचन संबंधी विकार जिसमें पेट में मौजूद एसिडिक जूस गले में आ जाता है।
• इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम ये आंतों से संबंधित विकार है जिसमें पेट में दर्द, ऐठन, गैस के साथ-साथ दस्त और कब्ज की समस्या भी देखी जा सकती है।
• लैक्टोज इंटॉलरेंस यानी दूध और अन्य सामग्रियों को पचाने में परेशानी होती है।
• छोटी आंत के बैक्टीरिया का अधिक बढ़ना, बहुत अधिक खाना और अधिक वजन बढ़ना।

लेडीज, सही पोषण युक्त आहार जहां आपको लंबे समय तक स्वस्थ रखता है, वहीं खानपान की ये गलत आदतें आपको पेट के गंभीर रोग भी दे सकती हैं। इसलिए इनसे बचें और हेल्दी रहें।


 

निमोनिया पीड़ित बच्चों के लिए वरदान है पीसीवी वैक्सीन : डॉ.मीरा बघेल

निमोनिया पीड़ित बच्चों के लिए वरदान है पीसीवी वैक्सीन : डॉ.मीरा बघेल

रायपुर । प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों समेत प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में मंगलवार से बच्चों को निमोनिया सहित 13 जानलेवा इंफेक्शन से बचाने के लियें पीवीसी यानी न्यूमोकोकल कंज्यूगेट वैक्सीन (पीसीवी) कार्यक्रम पूरे प्रदेश में चलाया जाएगा और इसकी शुरुआत रायपुर जिले में भी की गई है। पीसीवी टीकाकरण कार्यक्रम का वर्चुअल उद्घाटन राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने किया। न्यूमोकोकल कंज्यूगेट टीकाकरण निमोनिया पीड़ित बच्चों के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत पहले पांच राज्यों में की गई थी। अब इसे यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम में शामिल कर देश भर में चलाया जा रहा है।
वर्चुअल उद्घाटन में डॉ.आलोक शुक्ला पीएस,डॉ.प्रियंका शुक्ला एमडी (एनएचएम) और राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. अमर सिंह ठाकुर उपस्थित रहे । वर्चुअल उद्घाटन के तहत राज्य के समस्त ज़िलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भी उपस्थित थे । इसी कड़ी में जिला रायपुर के शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खो-खो पारा से न्यूमोकोकल कंज्यूगेट वैक्सीन की शुरुआत की गई इस अवसर पर डॉ. मीरा बघेल मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी रायपुर, डॉ आशीष वर्मा जिला टीकाकरण अधिकारी, डब्ल्यूएचओ से सर्विलेंस मेडिकल ऑफिसर डॉ.नितिन पाटील, ब्रह्मानंद शुक्ला डब्ल्यूएचओ (आरआरटी) कंसलटेंट, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खो-खो पारा के डॉ.पंकज नागरची, डॉ. पी.लाल, डॉ. राहुल अग्रवाल, एनएचएम से अंशुल थुदगर एवं स्वतंत्र रहंगडाले शहरी कार्यक्रम प्रबंधक, निशामणी साहू डिस्ट्रिक्ट डाटा मैनेजर, कोल्ड चैन हैंडलर दुर्गा साहू,मीडिया प्रभारी गजेंद्र डोंगरे उपस्थित रहे ।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मीरा बघेल ने बताया: ”बच्चों को निमोनिया से भी सुरक्षित रखने का प्रयास जिले में तेजी से शुरू हो गया है। इसी कड़ी में निमोनिया से बचाव के लिए जिले में टीका के लियें पात्र समस्त बच्चों का पीसीवी टीकाकरण किया जाएगा। इस वैक्सीन का डोज जिले के समस्त शासकीय स्वास्थ्य केंद्रों और आंगनवाड़ी केंद्रों में निशुल्क दिया जाऐगा। निमोनिया से बचाव के लिए पीसीवी वैक्सीन क्रमशः छह और 14 सप्ताह उम्र के बच्चों को दिया जाऐगा। इसके अलावा 9 माह उम्र के बच्चों को बूस्टर डोज दिया जाऐगा।“
जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. वर्मा कहते है `पीसीवी वैक्सीन का टीकाकरण बच्चों को न्यूमोकोकल निमोनिया से बचाने और विटामिन-ए बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए और आंखों की रोशनी तेज करने के लिए दिया जाता है। न्यूमोकोकल बैक्टेरिया से होने वाले निमोनिया और अन्य बीमारियां जैसे दिमागी बुखार से बचाव के लिए पीसीवी वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित और असरदार है। इसका विस्तार कोविड-19 के कठिन दौर में किया जा रहा है। जो बच्चों को सुरक्षित रखने में सहायक होगी। पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु का प्रमुख कारण निमोनिया है। पीसीवी वैक्सीन इस बीमारी से होने वाली मृत्यु दर को कम करेगी।’
जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. आशीष वर्मा ने बताया: “जीवन रक्षक टीका बच्चों को स्वस्थ रखने के साथ ही निमोनिया के कारण होने वाले अस्पतालऔर दवाओं के खर्चों को भी कम करेगा। ज़िले में शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खो-खो पारा रायपुर पर सीएमएचओं डॉ.मीरा बघेल की उपस्थिति में पीसीवी वैक्सीन के टीके का शुभारंभ किया गया । इस अवसर पर उन्होंने कहा `न्यूमोकोकल बैक्टीरिया से होने वाले निमोनिया, मस्तिष्क ज्वर,कान का इन्फेक्शन व साइनुसाइटिस से बचाव के लिए न्यूमोकोकल वैक्सीन (पीसीवी वैक्सीन ) पूरी तरह सुरक्षित और असरदार है। निमोनिया, मस्तिष्क ज्वर,कान का इन्फेक्शन और साइनुसाइटिस की वजह से देश में हर वर्ष लगभग 15 फीसदी बच्चों की मौत हो जाती है, लेकिन पीसीवी टीकाकरण के माध्यम से बच्चों की निमोनिया से होने वाली इस मृत्यु दर पर अब काफी हद तक कम किया जा सकता है। अब पीसीवी टीकाकरण को यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम में शामिल किया जा चुका है।`
पीसीवी टीका प्रदेश भर के पात्र बच्चों को निशुल्क लगाया जाएगा। एक वर्ष में जिले के लगभग 60,000 पात्र बच्चों के पीसीवी टीकाकरण का लक्ष्य में रखा गया है। हर सप्ताह मंगलवार और शुक्रवार को आयोजित किए जाने वाले नियमित टीकाकरण सत्र में जिले के सभी शासकीय स्वास्थ्य केंद्रों तथा आंगनबाड़ी केंद्रों में पात्र बच्चों का पीसीवी टीकाकरण निशुल्क किया जाएगा।
 

 सबसे पहले भारत में लॉन्‍च होगा नोवावैक्‍स का टीका!, 90 फीसदी से ज्‍यादा असरदार, स्‍टोरेज में आसान

सबसे पहले भारत में लॉन्‍च होगा नोवावैक्‍स का टीका!, 90 फीसदी से ज्‍यादा असरदार, स्‍टोरेज में आसान

नई दिल्ली। काेरोना के खिलाफ जारी जंग में भारत के हाथ मजबूत होते दिखाई दे रहे हैं। देश काे बहुत जल्द एक और वैक्सीन मिलने जा रही है, जिसमें नाम है नोवावैक्स । माना जा रहा है नोवावैक्स  अमेरिका से पहले भारत में लॉन्ची कर दी जाएगी। देश में अभी तीन वैक्सीन उपलब्ध हैं, जिसमें दो मेड इन इंडिया कोविशील्ड और कोवैक्सीन है और तीसरी रूस की स्पुतनिक-V है।

20 करोड़ डोज उपलब्ध होेने की उम्मीद
कोरोना वैक्सीरन का उत्पानदन कर रही सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) नोवावैक्सू की मैनुफैक्चकरिंग पार्टनर होगी। भारत आने पर इसका नाम `कोवावैक्सं` होगा। फिलहाल SII इस वैक्सीकन का 18 साल से ज्या दा उम्र के लोगों पर ट्रायल कर रही है। ऐसे में उम्मीद है कि नोवावैक्सक की वैक्सीनन को सबसे पहले भारत में इमर्जेंसी अप्रूवल मिल सकता है। भारत सरकार के अनुमान के मुताबिक सितंबर से दिसंबर महीने तक नोवावैक्स के 20 करोड़ डोज उपलब्ध हो सकते हैं। यह संख्या और बढ़ सकती है।

कोविड-19 के खिलाफ अत्याधिक प्रभावी नोवावैक्स
वहीं नोवावैक्स ने दावा किया है कि उसका टीका कोविड-19 के खिलाफ अत्याधिक प्रभावी है और यह वायरस के सभी स्वरूपों के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है। कंपनी ने कहा कि टीका कुल मिलाकर करीब 90 फीसदी असरदार है और शुरुआती आंकड़ें बताते हैं कि यह सुरक्षित है। हालांकि अमेरिका में कोविड-19 रोधी टीकों की मांग में कमी आई है, लेकिन दुनिया भर में अधिक टीकों की जरूरत बनी हुई है।

एक महीने में 10 करोड़ खुराकों का होगा उत्पादन
नोवावैक्स टीके को रखना और ले जाने आसान है और उम्मीद की जा रही है कि यह विकासशील देशों में टीके की आपूर्ति को बढ़ाने में अहम किरदार निभाएगा। कंपनी ने कहा कि उसकी योजना सितंबर अंत तक अमेरिका, यूरोप और अन्य जगहों पर टीके के इस्तेमाल के लिए मंजूरी लेने की है और तबतक वह एक महीने में 10 करोड़ खुराकों का उत्पादन करने में सक्षम होगी।
 
नए प्रकार का मास्क तैयार,जो वायरस के संपर्क में आने पर करता है... जानिए थिंकर टेक्नोलॉजीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा विकसित इस मास्क के बारे में

नए प्रकार का मास्क तैयार,जो वायरस के संपर्क में आने पर करता है... जानिए थिंकर टेक्नोलॉजीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा विकसित इस मास्क के बारे में

3डी प्रिंटिंग और फार्मास्यूटिकल्स के एकीकरण से एक नए प्रकार का मास्क तैयार हुआ है जो संपर्क में आने पर वायरस पर हमला करता है। पुणे स्थित स्टार्ट-अप फर्म थिंकर टेक्नोलॉजीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा विकसित, ये मास्क एंटी-वायरल एजेंटों से लेप किए हुए होते हैं जिन्हें आमतौर पर “वायरुसाइड्स” के रूप में जाना जाता है।यह विषाणुनाशक मास्क परियोजना कोविड-19 के खिलाफ सरकार की लड़ाई के रूप में, भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत एक वैधानिक निकाय, प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड द्वारा व्यावसायीकरण के लिए चुनी गई शुरुआती परियोजनाओं में से एक है। इस परियोजना को मई 2020 में कोविड-19 से लड़ने के लिए नवोन्मेषी समाधानों की खोज के रूप में बोर्ड से वित्तीय सहायता प्राप्त हुई। इसके बाद, मास्क विकसित करने के लिए 8 जुलाई, 2020 को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। वर्ष 2016 में बनी इस फर्म का दावा है कि ये लागत प्रभावी मास्क सामान्य N95, 3-प्लाई और कपड़े के मास्कों की तुलना में कोविड-19 के प्रसार को रोकने में अधिक प्रभावी हैं।
उच्च गुणवत्ता वाले अधिक प्रभावी मास्क की आवश्यकता की पूर्ति

थिंकर टेक्नोलॉजीज इंडिया नए फार्मास्युटिकल फॉर्मूलेशन और विभिन्न दवाओं के ड्रग-लोडेड फिलामेंट्स की खोज के लिए फ्यूज्ड डिपोजिशन मॉडलिंग (एफडीएम) 3 डी-प्रिंटर के विकास पर काम करती है। इसके संस्थापक निदेशक डॉ. शीतलकुमार ज़म्बद बताते हैं: “हमने महामारी के शुरुआती दिनों में ही समस्या और उसके संभावित समाधानों के बारे में सोचना शुरू कर दिया था। हमने महसूस किया कि संक्रमण को रोकने के लिए सबसे महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में फेस मास्क का उपयोग लगभग विश्वव्यापी हो जाएगा। लेकिन हमने महसूस किया कि ज्यादातर मास्क जो तब उपलब्ध थे और आम लोगों की पहुंच में थे, वे घर के बने थे और अपेक्षाकृत कम गुणवत्ता वाले थे। उच्च गुणवत्ता वाले मास्क की आवश्यकता है यही मान कर हमने संक्रमण के प्रसार को कम करने के लिए एक बेहतर दृष्टिकोण के रूप में लागत प्रभावी और अधिक कुशल विषाणुनाशक लेप वाले मास्क को विकसित करने यथा उसके और व्यावसायिक विपणन करने के लिए एक परियोजना शुरू करना तय किया।

विकास यात्रा

इसी उद्देश्य के साथ, थिंकर टेक्नोलॉजीज ने विषाणुनाशक कोटिंग फॉर्मूलेशन विकसित करने पर काम करना शुरू किया। इसे नेरुल स्थित मर्क लाइफ साइंसेज के सहयोग से विकसित किया गया जिसकी अनुसंधान सुविधा का उपयोग इस उद्देश्य के लिए किया गया। कोटिंग फॉर्मूलेशन का उपयोग कपड़े की परत पर दवा का लेप करने के लिए किया गया और 3डी प्रिंटिंग सिद्धांत को कोटिंग की एकरूपता प्राप्त करने के लिए काम में लिया गया। लेप की हुई परत को फिर से काम में लिए जा सकने वाले फिल्टर के साथ N-95 मास्क, 3-प्लाई मास्क, साधारण कपड़े के मास्क, 3डीप्रिंटेड या अन्य प्लास्टिक कवर मास्क में एक अतिरिक्त परत के रूप में शामिल किया जा सकता है। इस प्रकार ये मास्क फिल्टर तंत्र द्वारा प्राप्त सुरक्षा से आगे जाकर अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करते हैं। कोटिंग के परीक्षण में पाया गया है कि यह सार्स-कोव-2 वायरस को निष्क्रिय कर देता है। मास्क पर कोटिंग के लिए प्रयुक्त सामग्री सोडियम ओलेफिन सल्फोनेट आधारित मिश्रण है। यह हाइड्रोफिलिक और हाइड्रोफोबिक गुणों वाला साबुन बनाने वाला एजेंट है। छाए हुए विषाणुओं के संपर्क में आने पर यह विषाणु की बाहरी झिल्ली को तोड़ देता है। इसमें उपयोग की जाने वाली सामग्री कमरे के तापमान पर स्थिर होती है और सौंदर्य प्रसाधनों में व्यापक रूप से उपयोग में लाई जाती है। मास्क में फिर से प्रयोग में लाये जा सकने वाले फिल्टर भी 3डी प्रिंटिंग का उपयोग करके विकसित किए गए हैं। इसके अलावा डॉ ज़ंबद का कहना है कि मास्क में बैक्टीरिया को फिल्टर कर देने की क्षमता 95% से अधिक पाई गई है। "इस परियोजना मेंपहली बारहमने प्लास्टिक-मोल्डेड या 3 डी-प्रिंटेड मास्क कवर के लिए सटीक रूप से फिट होने के लिए बहुपरत वाले क्लॉथ फिल्टर बनाने के लिए 3 डी-प्रिंटर का उपयोग किया"। थिंकर टेक्नोलॉजीज इंडिया प्रा. लिमिटेड ने इस उत्पाद के पेटेंट के लिए आवेदन किया है। डॉ ज़ंबद बताते हैं कि इसका वाणिज्यिक पैमाने पर उत्पादन भी शुरू हो गया है। इस बीच एक एनजीओ ने नंदुरबार, नासिक और बेंगलुरु के चार सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मियों के उपयोग के लिए और बेंगलुरु में एक लड़कियों के स्कूल और कॉलेज में ऐसे 6,000 वायरुसाइड मास्क का वितरण किया हैं।

पिछले 24 घंटे में 70,421 नये मामले दर्ज किए गए, यह संख्या 74 दिनों के बाद सबसे कम, पढ़े पूरी खबर

पिछले 24 घंटे में 70,421 नये मामले दर्ज किए गए, यह संख्या 74 दिनों के बाद सबसे कम, पढ़े पूरी खबर

भारत में दैनिक नये मामलों की संख्या में लगातार कमी दर्ज की जा रही है। पिछले 24 घंटे में देश में 70,421 दैनिक नये मामले दर्ज किए गए। लगातार सातवें दिन देश में कोविड-19 के नये मामलों की संख्या एक लाख से कम दर्ज की गयी। यह केंद्र और राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के सहयोग से किए जा रहे सतत प्रयासों का नतीजा है। भारत में कोविड-19 के सक्रिय मामलों की संख्या लगातार घट रही है। सक्रिय मामलों की संख्या गिरकर आज 9,73,158 हो गयी। सक्रिय मामलों की संख्या 66 दिनों के बाद 10 लाख से कम हुई है। पिछले 24 घंटे में सक्रिय मामलों की संख्या में कुल 53,001 की कमी आयी है। यह अब देश के कुल कोविड पॉजिटिव मामलों का केवल 3.30 प्रतिशत है। साथ ही ज्यादा लोगों के कोविड-19 संक्रमण से स्वस्थ होने के साथ लगातार 32वें दिन बीमारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की दैनिक संख्या कोविड-19 के दैनिक नए मामलों से ज्यादा है। पिछले 24 घंटे में बीमारी से 1,19,501 लोग स्वस्थ हुए हैं।
पिछले 24 घंटे में दैनिक नये मामलों की तुलना में बीमारी से करीब 50,000 (49,080) ज्यादा लोग स्वस्थ हुए हैं। भारत में महामारी के शुरू होने के बाद से पहले ही कुल 2,81,62,947 लोगों में कोविड-19 ठीक हो चुका है और पिछले 24 घंटे में बीमारी से कुल 1,19,501 लोग स्वस्थ हुए हैं। बीमारी से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर भी बेहतर होकर 95.43 प्रतिशत हो गयी है और इसमें लगातार वृद्धि हो रही है। भारत में पिछले 24 घंटे में कुल 14,92,152 जांच हुई जिसके साथ अब तक हुए जांच की कुल संख्या करीब 38 करोड़ (37,96,24,626) है। जहां एक तरफ पूरे देश में कोविड की जांच बढ़ गयी है, वहीं दूसरी तरफ साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट भी लगातार घट रहा है। साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट इस समय 4.54 प्रतिशत है जबकि दैनिक पॉजिटिविटी रेट आज 4.72 प्रतिशत हो गया। यह लगातार 21 दिनों से 10 प्रतिशत से कम बना हुआ है। अस्थायी रिपोर्ट के अनुसार आज सुबह सात बजे तक 35,32,375 सत्रों में देश में कोविड-19 के टीके की कुल 25,48,49,301 खुराक दी जा चुकी हैं।

एक नज़र आज के :  कोविड-19 टीकाकरण से जुड़ी नवीनतम जानकारी

एक नज़र आज के : कोविड-19 टीकाकरण से जुड़ी नवीनतम जानकारी

राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत भारत सरकार राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को नि:शुल्क कोविड टीके उपलब्ध कराकर उनकी मदद कर रही है। भारत सरकार राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशोंको टीकों की सीधी खरीद की सुविधा भी प्रदान कर रही है। जांचबीमारी का पता लगानेउपचार और कोविड उपयुक्त व्यवहार के साथ-साथ महामारी की रोकथाम और प्रबंधन के लिए टीकाकरण भारत सरकार की व्यापक रणनीति का एक अभिन्न स्तंभ है।

कोविड-19 टीकाकरण की तीसरे चरण की उदारीकृत और त्वरित रणनीति का कार्यान्वयन एक मई 2021 से शुरू हो गया है।

रणनीति के तहतहर महीने केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला (सीडीएल) द्वारा मंजूरी प्राप्त किसी भी निर्माता के टीकों की 50% खुराक भारत सरकार द्वारा खरीदी जाएगी। भारत सरकार ये खुराक राज्य सरकारों को पूरी तरह से नि:शुल्क उपलब्ध कराना जारी रखेगी जैसा कि पहले से किया जा रहा था।

भारत सरकार ने अब तक राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशोंको कोविड टीके की 26.68 करोड़ से अधिक खुराक (26,68,36,620) मुफ्त श्रेणी और राज्यों द्वारा सीधी खरीद की श्रेणी के माध्यम से प्रदान की है। इसमें से कुल खपत (अपव्यय सहित) 25,27,66,396 खुराक (आज सुबह आठ बजे उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार) है।

 

 

राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के पास अब भी टीके की 1.40 करोड़ से ज्यादा (1,40,70,224) खुराक उपलब्ध हैं जिन्हें दिया जाना बाकी है।

इसके अलावा टीके की96,490से ज्यादा खुराक प्रक्रियारत हैं और अगले तीन दिनों में राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशोंको प्रदान कर दी जाएंगी। 

14 जून : कोविड-19 से जुड़ी नवीनतम जानकारी

14 जून : कोविड-19 से जुड़ी नवीनतम जानकारी

भारत में कोविड-19 के सक्रिय मामले और घटकर 9,73,158 हुए

सक्रिय मामलों की संख्या 66 दिनों के बाद 10 लाख से कम हुई

पिछले 24 घंटे में 70,421 नये मामले दर्ज किए गएयह संख्या 74 दिनों के बाद सबसे कम

देश में अब तक कुल 2,81,62,947 लोग कोविड-19 से उबरे

पिछले 24 घंटे में 1,19,501 लोग कोविड-19 से उबरे

लगातार 32वें दिन बीमारी से उबरने वाले लोगों की संख्या दैनिक नये मामलों की संख्या से ज्यादा

रिकवरी रेट बढ़कर 95.43 प्रतिशत हुआ

साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट गिरकर पांच प्रतिशत से कम हुआइस समय 4.54 प्रतिशत

दैनिक पॉजिटिविटी रेट 4.72 प्रतिशतलगातार 21वें दिन 10 प्रतिशत से कम

 

जांच की क्षमता में काफी वृद्धि– अब तक कुल 37.96 करोड़ जांच की गयी

राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक लोगों को टीके की 25.48 करोड़ खुराक दी गयीं 

कोरोना से बचाएगा खास अलार्म, 15 मिनट में होगी संक्रमित व्यक्ति की पहचान

कोरोना से बचाएगा खास अलार्म, 15 मिनट में होगी संक्रमित व्यक्ति की पहचान

कोरोनावायरस महामारी के बीच वैज्ञानिक नई-नई खोज में लगे हुए हैं। इस बीच ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उन्होंने एक ऐसा सीलिंग-माउंटेड कोविड 'अलार्म' बनाया है, जो किसी कमरे में मौजूद कोरोना संक्रमित व्यक्ति का पता सिर्फ 15 मिनट में लगा सकता है।
द संडे टाइम्स की एक खबर के मुताबिक कोरोना संक्रमितों की जानकारी देने वाले इस अत्यधिक सटीक उपकरण को आने वाले समय में विमान के कैबिनों, कक्षाओं में उपयोग किया जाएगा।


14 जून: World Blood Donation Day, जानिए महत्व एवं 13 रोचक बातें

14 जून: World Blood Donation Day, जानिए महत्व एवं 13 रोचक बातें

हर साल 14 जून को विश्व रक्त दान दिवस मनाया जाता है। कई लोग स्वस्थ होते हुए भी रक्त दान करने से डरते हैं, क्योंकि उनके मन में इससे जुड़ीं कई भ्रांतियां होती हैं। खून के अभाव में कई लोगों को जान चली जाती है। ऐसा किसी के भी साथ न हो, इसीलिए 14 जून को रक्त दान दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य रक्त दान को प्रोत्साहन देना एवं उससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर करना है। रक्त दान को महादान भी कहा जाता है। अत: हमें इस दिन रक्त दान करके लोगों की जिंदगी बचाने का संकल्प लेना चाहिए।

आइए हम आपको बता रहे हैं रक्त दान यानी ब्लड डोनेशन से जुड़े 13 रोचक तथ्य-

1. रक्त दान करते हुए डोनर के शरीर से केवल 1 यूनिट रक्त ही लिया जाता है।

2. एक औसत व्यक्ति के शरीर में 10 यूनिट यानी (5-6 लीटर) रक्त होता है।

3. कई बार केवल एक कार एक्सीडेंट (दुर्घटना) में ही, चोटील व्यक्ति को 100 यूनिट तक के रक्त की जरूरत पड़ जाती है।

4. एक बार रक्त दान से आप 3 लोगों की जिंदगी बचा सकते हैं।

5. भारत में सिर्फ 7 प्रतिशत लोगों का ब्लड ग्रुप 'O नेगेटिव' है।

6. 'O नेगेटिव' ब्लड ग्रुप यूनिवर्सल डोनर कहलाता है, इसे किसी भी ब्लड ग्रुप के व्यक्ति को दिया जा सकता है।

7. इमरजेंसी के समय जैसे जब किसी नवजात बालक या अन्य को खून की आवश्यकता हो और उसका ब्लड ग्रुप ना पता हो, तब उसे 'O नेगेटिव' ब्लड दिया जा सकता है।

8. ब्लड डोनेशन की प्रक्रिया काफी सरल होती है और रक्त दाता को आमतौर पर इसमें कोई तकलीफ नहीं होती हैं।

9. कोई व्यक्ति 18 से 60 वर्ष की आयु तक रक्त दान कर सकता हैं।

10. रक्त दाता का वजन, पल्स रेट, ब्लड प्रेशर, बॉडी टेम्परेचर आदि चीजों के सामान्य पाए जाने पर ही डॉक्टर्स या ब्लड डोनेशन टीम के सदस्य आपका ब्लड लेते हैं।

11. अगर कभी रक्त दान के बाद आपको चक्कर आना, पसीना आना, वजन कम होना या किसी भी अन्य प्रकार की समस्या लंबे समय तक बनी हुई हो तो आप रक्त दान ना करें।

12. पुरुष 3 महीने और महिलाएं 4 महीने के अंतराल में नियमित रक्त दान कर सकती हैं।

13. हर कोई रक्त दान नहीं कर सकता। यदि आप स्वस्थ हैं, आपको किसी प्रकार का बुखार या बीमारी नहीं हैं, तो ही आप रक्त दान कर सकते हैं।

 

कोविड-19 टीकाकरण से जुड़ी नवीनतम जानकारी

कोविड-19 टीकाकरण से जुड़ी नवीनतम जानकारी

राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत भारत सरकार राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को नि:शुल्क कोविड टीके उपलब्ध कराकर उनकी मदद कर रही है। भारत सरकार राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को टीकों की सीधी खरीद की सुविधा भी प्रदान कर रही है। जांच, बीमारी का पता लगाने, उपचार और कोविड उपयुक्त व्यवहार के साथ-साथ महामारी की रोकथाम और प्रबंधन के लिए टीकाकरण भारत सरकार की व्यापक रणनीति का एक अभिन्न स्तंभ है।

कोविड-19 टीकाकरण की तीसरे चरण की उदारीकृत और त्वरित रणनीति का कार्यान्वयन एक मई 2021 से शुरू हो गया है।

रणनीति के तहत, हर महीने केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला (सीडीएल) द्वारा मंजूरी प्राप्त किसी भी निर्माता के टीकों की 50% खुराक भारत सरकार द्वारा खरीदी जाएगी। भारत सरकार ये खुराक राज्य सरकारों को पूरी तरह से नि:शुल्क उपलब्ध कराना जारी रखेगी जैसा कि पहले से किया जा रहा था।

भारत सरकार ने अब तक राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को कोविड टीके की 26 करोड़ से अधिक खुराक (26,64,84,350) मुफ्त श्रेणी और राज्यों द्वारा सीधी खरीद की श्रेणी के माध्यम से प्रदान की है। इसमें से कुल खपत (अपव्यय सहित) 25,12,66,637 खुराक (आज सुबह आठ बजे उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार) है।

राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के पास अब भी टीके की 1.53 करोड़ से ज्यादा (1,53,79,233) खुराक उपलब्ध हैं जिन्हें दिया जाना बाकी है।

इसके अलावा टीके की चार लाख से ज्यादा (4,48,760) से ज्यादा खुराक प्रक्रियारत हैं और अगले तीन दिनों में राज्यों/केंद्रशासित क्षेत्रों को प्रदान कर दी जाएंगी। 

13 जून : कोविड-19 से जुड़ी नवीनतम जानकारी

13 जून : कोविड-19 से जुड़ी नवीनतम जानकारी

भारत में कोविड-19 के सक्रिय मामले और घटकर 10,26,159 हुए

पिछले 24 घंटे में सक्रिय मामलों में 54,531 की कमी आयी

पिछले 24 घंटे में 80,834 नये मामले दर्ज किए गए, यह संख्या 71 दिनों के बाद सबसे कम

देश में अब तक कुल 2,80,43,446 लोग कोविड-19 से उबरे

पिछले 24 घंटे में 1,32,062 लोग कोविड-19 से उबरे

लगातार 31वें दिन बीमारी से उबरने वाले लोगों की संख्या दैनिक नये मामलों की संख्या से ज्यादा

रिकवरी रेट बढ़कर 95.26 प्रतिशत हुआ

साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट गिरकर पांच प्रतिशत से कम हुआ, इस समय 4.74 प्रतिशत

दैनिक पॉजिटिविटी रेट 4.25 प्रतिशत, लगातार 20वें दिन 10 प्रतिशत से कम

 

जांच की क्षमता में काफी वृद्धि – अब तक कुल 37.81 करोड़ जांच की गयी

राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक लोगों को टीके की 25.31 करोड़ खुराक दी गयीं 

कोविड-19 टीकाकरण से जुड़ी नवीनतम जानकारी

कोविड-19 टीकाकरण से जुड़ी नवीनतम जानकारी

राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत भारत सरकार राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निशुल्क कोविड टीके उपलब्ध कराकर उनकी मदद कर रही है। भारत सरकार राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को टीकों की सीधी खरीद की सुविधा भी प्रदान कर रही है। जांच,बीमारी का पता लगानेउपचार और कोविड उपयुक्त व्यवहार के साथ-साथ महामारी की रोकथाम और प्रबंधन के लिए टीकाकरण भारत सरकार की व्यापक रणनीति का एक अभिन्न स्तंभ है।

कोविड-19 टीकाकरण की तीसरे चरण की उदारीकृत और त्वरित रणनीति का कार्यान्वयन एक मई 2021 से शुरू हो गया है।

रणनीति के तहत,हर महीने केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला (सीडीएल) द्वारा मंजूरी प्राप्त किसी भी निर्माता के टीकों की 50 प्रतिशत खुराक भारत सरकार द्वारा खरीदी जाएगी। भारत सरकार ये खुराक राज्य सरकारों को पूरी तरह से निशुल्क उपलब्ध कराना जारी रखेगी जैसा कि पहले किया जा रहा था।

भारत सरकार ने अब तक राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को कोविड टीके की 25.87 करोड़ से अधिक खुराक (25,87,41,810) मुफ्त श्रेणी और राज्यों द्वारा सीधी खरीद की श्रेणी के माध्यम से प्रदान की है।

इसमें से कुल खपत (अपव्यय सहित) 24,76,58,855 खुराक (आज सुबह आठ बजे उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार) है।

 

 

राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के पास अब भी टीके की 1.12 करोड़ से ज्यादा (1,12,41,187) खुराक उपलब्ध हैं जिन्हें दिया जाना बाकी है।

इसके अलावा टीके की 10 लाख से ज्यादा (10,81,300) से ज्यादा खुराक प्रक्रियारत हैं और अगले तीन दिनों में राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को प्रदान कर दी जाएंगी। 

12 जून :  कोविड-19 से जुड़ी नवीनतम जानकारी

12 जून : कोविड-19 से जुड़ी नवीनतम जानकारी

भारत में कोविड-19 के सक्रिय मामले और घटकर 11 लाख से कम (10,80,690) हुए, ऐसा 63 दिनों के बाद हुआ।

पिछले 24 घंटे में सक्रिय मामलों में 40,981 की कमी आयी

पिछले 24 घंटे में 84,332 नये मामले दर्ज किए गए, यह संख्या 70 दिनों के बाद सबसे कम

देश में अब तक कुल 2,79,11,384 लोग कोविड-19 से स्वस्थ हुए

पिछले 24 घंटे में 1,21,311 लोग कोविड-19 से स्वस्थ हुए

लगातार 30वें दिन बीमारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या दैनिक नये मामलों की संख्या से ज्यादा

रिकवरी रेट बढ़कर 95.07 प्रतिशत हुआ

साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट और गिरकर पांच प्रतिशत से कम हुआ, इस समय 4.94 प्रतिशत

दैनिक पॉजिटिविटी रेट 4.39 प्रतिशत, लगातार 19वें दिन 10 प्रतिशत से कम

 

जांच की क्षमता में काफी वृद्धि – अब तक कुल 37.62 करोड़ जांच की गयी

राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक लोगों को टीके की 24.96 करोड़ खुराक दी गयीं